Jharkhand Assembly Election 2024: कांग्रेस ने झारखंड के लिए बनाये पर्यवेक्षक, MLA अजीत शर्मा को धनबाद की जिम्मेवारी
झारखंड के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पर्यवेक्षक पार्टी की रिपोर्ट कार्ड तैयार करेंगे। पर्यवेक्षक बतायेंगे कि पार्टी कहां मजबूत है और कौन सीट झामुमो-राजद के लिए छोड़ देना चाहिए। इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय पर पहुंचेगा।एआइसीसी प्रसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सभी 14 लोकसभा क्षेत्र के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिये हैं।
- 14 संसदीय क्षेत्रों में पर्यवेक्षक भेजकर रिपोर्ट तैयार करायेगी पार्टी
- आंतरिक रिपोर्ट पर तय होगा कांग्रेस टिकट के दावेदारों का फैसला
रांची। झारखंड के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पर्यवेक्षक पार्टी की रिपोर्ट कार्ड तैयार करेंगे। येपर्यवेक्षक बतायेंगे कि पार्टी कहां मजबूत है और कौन सीट झामुमो-राजद के लिए छोड़ देना चाहिए। इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय पर पहुंचेगा।एआइसीसी प्रसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सभी 14 लोकसभा क्षेत्र के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिये हैं।
यह भी पढ़ें:Dhanbad: IIT ISM आइएसएम के दीक्षांत समारोह में 36 स्टूडेट्स को मिलेगा गोल्ड मेडल
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर 14 लोकसभा में पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये हैं। इनमें बिहार के छह एमएलए को छह लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है। राजमहल लोकसभा क्षेत्र के लिए बिहार के एमएलए मो. अफाक आलम, गोड्डा में एमएलए शकील खान, कोडरमा में विधायक राजेश कुमार, गिरिडीह में खगड़िया एमएलए छत्रपति यादव, धनबाद लोकसभा क्षेत्र में भागलपुर एमएलए अजित शर्मा व पलामू में एमएलए आनंद शंकर सिंह को पर्यवेक्षक बनाया गया है। दुमका में एमपी के एमएलए विक्रांत भूरिया, चतरा में छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल,रांची में छत्तीसगढ़ के एक्स मिनिस्टर विकास उपाध्याय, जमशेदपुर में एक्स मिनिस्टर दलेश्वर साहू, सिंहभूम में राधेश्याम मूभेल, खूंटी में एमएलए ओमकर सिंह मारखम, लोहरदगा में एक्स मिनिस्टर अमरजीत भगत और हजारीबाग में एक्स एमपी छाया वर्मा को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
सभी 14 पर्यवेक्षक बिहार, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश के सीनियर कांग्रेस नेता हैं। झारखंड के पड़ोसी राज्यों से ही पर्यवेक्षकों के चयन का मूल कारण यह है कि इन्हें झारखंड की राजनीतिक परिस्थितियों की पूरी जानकारी है। झारखंड में पिछले विधानसभा चुनाव में 31 सीटों पर चुनाव लड़ चुकी कांग्रेस इस चुनाव में आंतरिक रिपोर्ट तैयार करवा रही है। यही रिपोर्ट इस बार उम्मीदवारों के चयन का आधार बनेगी। इससे गठबंधन को लेकर भी निर्णय होंगे।