झारखंड: क्रिमिनलों की गोली से जख्मी BJP लीडर सुमित केशरी की मौत, आक्रोशित लोगों ने किया रोड जाम

झारखंड गुमला में क्रिमिनलों की गोली से जख्मी बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष सुमित केशरी की इलाज के दौरान सुमित केशरी की शनिवार को मौत हो गई। सुमित का रांची में इलाज चल रहा था। बीजेपी लीडर की मौत के बाद हजारों की संख्या में आक्रोशित लोग सड़क पर उतर रोड जाम कर दिया है।

झारखंड: क्रिमिनलों की गोली से जख्मी BJP लीडर सुमित केशरी की मौत, आक्रोशित लोगों ने किया रोड जाम

रांची। झारखंड गुमला में क्रिमिनलों की गोली से जख्मी बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष सुमित केशरी की इलाज के दौरान सुमित केशरी की शनिवार को मौत हो गई। सुमित का रांची में इलाज चल रहा था। बीजेपी लीडर की मौत के बाद हजारों की संख्या में आक्रोशित लोग सड़क पर उतर रोड जाम कर दिया है। 

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गुमला जिले के पालकोट प्रखंड निवासी बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष सुमित केशरी को मंगलवार को बदमाशों ने गोली मार दी थी। मौके पर पर पहुंची पुलिस ने घायल नेता को सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां से डॉक्टर्सने उन्हें रांची रेफर कर दिया था। मेडिका में एडमिट सुमित केशरी की हालत नाजुक बनी हुई थी। इलाज के दौरान आज मौत हो गयी। 
10 जनवरी को सुमित केशरी और उनके भतीजे के साथ रोकड़ेगा मोड़ के समीप दो क्रिमिनलों ने मारपीट की थी। फिर बदमाशों ने सुमित केशरी से उनकी बाइक मंगवाई। बदमाश सुमित को बाइक पर बिठाकर लूटवा गांव ले गये, जहां उन्होंने बीजेपी लीडर के पैर में गोली मार दी। सिर को भी पत्थर से कूचल दिया। क्रिमिनलों ने बीजेपी लीडर के भतीजे को किसी को नहीं बताने की धमकी दी थी। घटना के डेढ़ घंटे बाद लोकल लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस मौके पर पहुंची। बीजेपी लीडर मेडिका हॉस्पिटल में डॉ. गणेश कुमार के देखरेख में इलाज चल रहा था।
सुमित की मौत की खबर के बाद पालकोट स्फूर्त बंद
बीजेपी लीडर की मौत की सूचना के बाद पालकोट में अचानक माहौल बदल गया। लोग रोड पर उतर गये। स्फूर्त दुकानें बंद हो गई। लोगों ने पुलिस प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई। लोगों ने 'सुमित केसरी को इंसाफ दो' के तख्ता लिए पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उत्तेजित लोगों कुछ वाहनों के शीशा तोड़ दिए। कुछ लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया। 
लोगों का उग्र रूप देखकर इंस्पेक्टर एसएन मंडल, थाना प्रभारी लोगों को समझाने पहुंचे लेकिन लोगों का कहना था कि पुलिस पहले ये बताये कि अब तक उन्होंने क्या कार्रवाई की। इतने दिनों बाद पुलिस खाक छानती रही। वारदात के इतने दिनों बाद भी पुलिस के कुछ भी हाथ नहीं लग सका। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जब सुमित केसरी को ले जाया जा रहा था, तब उनसे कहा जा रहा था कि पुलिस की दलाली करते हो, पुलिस को मदद करते हो। इस तरह की बात नक्सली संगठन ही करते हैं। इसके बाद भी पुलिस को कोई सबूत हाथ नहीं लग सका।