झारखंड: DC-SSP ने गवर्नमेंट को सौंपी रांची हिंसा की जांच रिपोर्ट, कई चौका देने वाली सच्चाई आयी सामने
झारखंड की राजधानी रांची में 10 जून को हुई हिंसा मामले में डीसी छवि रंजन व एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट स्टेट गवर्नमेंट को सौंप दी है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि अचानक जुमे की नमाज के बाद 10 हजार से अधिक संख्या में सड़क पर उतरी अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए की गई प्रशासनिक कार्रवाई में दो लोगों की जान चली गई।
- अचानक उग्र हुई 10 हजार की भीड़ पर सख्ती नहीं बरतते तो पूरी रांची जल जाती
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में 10 जून को हुई हिंसा मामले में डीसी छवि रंजन व एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट स्टेट गवर्नमेंट को सौंप दी है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि अचानक जुमे की नमाज के बाद 10 हजार से अधिक संख्या में सड़क पर उतरी अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए की गई प्रशासनिक कार्रवाई में दो लोगों की जान चली गई।
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जुलूस के दौरान उग्र भीड़ की उपद्रव, पत्थरबाजी और फायरिंग की घटना मे दो लोगों की मौत हो गयी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासन को बिना सूचना दिए, बिना किसी अनुमति के एक विशेष समुदाय के लोगों ने नुपुर शर्मा के खिलाफ में विरोध रैली निकाली। प्रशासन को इतनी बड़ी भीड़ जुटने का अनुमान नहीं था।अचानक निकली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पुलिस पहुंची और एहतियाती कदम उठाए गये। सीमित संख्या में मौजूद पुलिस पदाधिकारी, कर्मियों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने ईंट-पत्थरों से हमला शुरू कर दिया। गोलियां भी चलानी शुरू कर दीं। प्रशासन ने हालात को नियंत्रित करने संबंधी सभी प्रोटोकाल का पालन किया। निरोधात्मक कार्रवाई की। इसके बाद उपद्रव को नियंत्रित करने में सफलता मिली। अगर प्रशासन सख्त नहीं होता, तो पूरी रांची उपद्रव की आग में झुलस जाती।
झड़प में दोनों तरफ से दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए
पुलिस प्रशासन और उपद्रवियों के बीच हुई हिंसक झड़प में दोनों तरफ से दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए। घायलों का रिम्स और सदर अस्पताल में इलाज कराया गया। इस घटना में गंभीर रूप से घायल दो युवकों की मौत हो गई। एक पुलिस कर्मी को गोली लगी, जो इलाजरत है। जख्मी 11 पुलिस कर्मी भी इलाजरत हैं। इस घटना के दौरान उपद्रवियों के हमले में विधि व्यवस्था का संधारण कर रहे डेली मार्केट के थाना प्रभारी अवधेश कुमार ठाकुर का सिर फट गया। एसएसपी का हेलमेट टूट गया। उनके सिर में चोट लगी। रांची के सिटी एसपी को भी चोटें आईं। कोतवाली के इंस्पेक्टर भी जख्मी हो गये।
उपद्रवियों द्वारा डीसी पर भी हमला किया गया। बिहार के मिनिस्टर की भी गाड़ी तोड़ दी गई। दो दर्जन छोटे-बड़े वाहनों के शीशे चकनाचूर कर दिए गये। मंदिर पर भी हमला किया गया। डीसी-एएसएसपी रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य सरकार रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार 25 लोगों पर एफआइआर दर्ज की गई। 22 नेम्ड हैं। जबकि हजारों की संख्या में अननोन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
रांची पुलिस ने मंगलवार को मेन रोड में उपद्रव करने वाले रांची हिंसा के 17 आरोपितों को पकड़ा है। पुलिस ने इस मामले में अबतक 29 लोगों को अरेस्ट कर लिया है। कई आरोपित रिम्स में एडमिट हैं। रिम्स में एडमिट आरोपित जैसे ही ठीक होंगे उन्हें जेल भेज दिया जायेगा।पुलिस ने 43 लोगों को हिरासत में लिया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज और फोटो के आधार पर आरोपितों की गिरफ्तारी हुई है। कई और आरोपितों की पहचान हो गई है। जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा। पुलिस ने शहर में कई लोगों से वीडियो और फोटो लिया है। वीडियो और फोटो लेने के बाद सभी का सत्यापन किया गया इसके बाद आरोपितों की गिरफ्तारी हुई।
सोशल मीडिया पर भडकाऊ वीडियो डालने वाले छह लोगों पर FIR
कोतवाली पुलिस स्टेशन में साइबर डीएसपी के आदेश पर छह लोगों पर FIR दर्ज की गई है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि सभी आरोपित के आईडी से फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट पर भड़काऊ वीडियो डाला गया था। वीडियो डालकर शहर में अशांति फैलने की कोशिश की जा रही थी। पुलिस ने इस मामले में राहुल कुमार गुप्ता, हमीद राजा, मेराज गुडडू, मोकरम हयात, मो हकीम और आईट जैद 786 को आरोपित बनाते हुए मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि इनके द्वारा घटना के दिन से लगातार वीडियो अपलोड किया जा रहा था। पूरे मामले की जांच साइबर डीएसपी के द्वारा की गई और साक्ष्य मिलने के बाद सभी के खिलाफ केस दर्ज हुआ।