झारखंड: पल्स हॉस्पिटल को सील कर सकती है ED, IAS पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा हैं मालिक
ईडी के अफसर रांची में बरियातू रोड स्थित पल्स हॉस्पिटल को भी सील करने पर मंथन कर रहे हैं। ईडी सोर्सेज के अनुसार मनी लांड्रिंग से संबंधित सर्वाधिक दस्तावेज पल्स हॉस्पिटल से ही मिले हैं। यहां दो दिनों तक ईडी ने सर्च भी की थी। इसी सिलसिले में IAS पूजा सिंघल के हसबैंड सह हॉस्पिटल अभिषेक झा से रविवार को ईडी ने लंबी पूछताछ भी की।
रांची। ईडी के अफसर रांची में बरियातू रोड स्थित पल्स हॉस्पिटल को भी सील करने पर मंथन कर रहे हैं। ईडी सोर्सेज के अनुसार मनी लांड्रिंग से संबंधित सर्वाधिक दस्तावेज पल्स हॉस्पिटल से ही मिले हैं। यहां दो दिनों तक ईडी ने सर्च भी की थी। इसी सिलसिले में IAS पूजा सिंघल के हसबैंड सह हॉस्पिटल अभिषेक झा से रविवार को ईडी ने लंबी पूछताछ भी की।
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भुईहरि जमीन पर बना है पल्स हॉस्पिटल
सूचना है कि पल्स हॉस्पिटल में नये पेसेंट को एडमिट करना बंद कर दिया है। पुराने पेसेंट एक-एक कर जाने लगे हैं। ऐसे में यह संभावना बनने लगी है कि जल्द ही उक्त हॉस्पिटल को सील किया जायेगा। आरोप है कि पल्स हस्पिटल भुईहरि जमीन पर बना है। भुईहरि जमीन का सेल परचेज नहीं होता है। बावजूद सेल परचेज कर रसीद कटवाकर मोटिश कराया गया है। इसकी शिकायत भी की गई थी। जांच का आदेश दिया गया था, लेकिन यह ठंडे बस्ते में चला गया।
प्राइवेट बैंक से लिया गया 23 करोड़ लोन
पल्स हॉस्पिटल के लिए सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों ने लोन देने से स्पष्ट मना कर दिया था, लेकिन एक प्राइेवट बैंक से 23 करोड़ रुपये लोन लिया गया। आरोप है कि हॉस्पिटल के निर्माण पर लोन से कई गुणा ज्यादा खर्च हुआ है। पल्स हॉस्पिटलल पूजा सिंघल और उनके सहयोगियों का अहम ठिकाना था। हॉस्पिटल के बैंक अकाउंट में कई अकाउंट के जारी बड़ी राशि डाली गई है। ईडी को इससे मिले तथ्य हाथ लगे हैं।बताया गया कि रांची पल्स हॉस्पिटल के पैसों के लेनदेन की भी जांच चल रही है। यह हॉस्पिटल पूजा सिंघल के सेकेंड हसबैंड अभिषेक झा का है।
पल्स के निर्माण में 110 करोड़ से अधिक का खर्च का अनुमान
पल्स हॉस्पिटल के निर्माण में भी भारी वित्तीय अनियमितता की बात सामने आ रही है। ईडी के अफसरों ने पल्स अस्पताल के निर्माण व इक्यूपमेंट की खरीद में हुए खर्च का आकलन साल 2020 के हिसाब से किया है। हॉस्पिटल निर्माण व इक्यूपमेंट खरीद में न्यूनतम खर्च का आकलन 110 करोड़ से ज्यादा है। जबकि हॉस्पिटल के निर्माण के लिए बैंक लोन मात्र 23 करोड़ रुपये का है। ऐसे में अब ईडी जांच कर रही है कि शेष राशि कहां से आयी। किन-किन लोगों ने यहां पैसे लगाये।