Jharkhand: 10 लाख के इनामी जोनल कमांडर सहित पांच कुख्यात नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष किया सरेंडर
झारखंड पुलिस को सोमवार को बड़ी सफलता मिली है। पांच कुख्यात नक्सलियों ने झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के सामने सरेंडर किया है। इनमें 10 लाख का इनामी भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर अमरजीत यादव उर्फ टिंगू भी शामिल है।हेमंत सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति, नई दिशा से प्रभावित होकर पांचों नक्सलियों ने रांची में सरेंडर कर दिया। झारखंड पुलिस ने सरेंडर करनेवाले नक्सलियों का मुख्य धारा में स्वागत किया।
रांची। झारखंड पुलिस को सोमवार को बड़ी सफलता मिली है। पांच कुख्यात नक्सलियों ने झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के सामने सरेंडर किया है। इनमें 10 लाख का इनामी भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर अमरजीत यादव उर्फ टिंगू भी शामिल है।हेमंत सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति, नई दिशा से प्रभावित होकर पांचों नक्सलियों ने रांची में सरेंडर कर दिया। झारखंड पुलिस ने सरेंडर करनेवाले नक्सलियों का मुख्य धारा में स्वागत किया।
यह भी पढ़ें:Bihar: औरंगाबाद में रोड पर तड़प रहे घायलों को चिराग पासवान ने भेजा हॉस्पिटल, बचायी जान
आत्मसमर्पण :: उग्रवादी संगठन भाकपा (माओवादी) के पांच (05) शीर्ष नेता मुख्यधारा में लौटे
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) May 8, 2023
भाकपा (माओवादी) के कोयलेश्वरी सब-जोन का सफाया (1/3) pic.twitter.com/k9pBgTfTYA
सरेंडर करने वाले नक्सली
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 10 लाख के इनामी जोनल कमांडर अमरजीत यादव उर्फ टिंगू, पांच लाख के इनामी, सब-जोनल कमांडर सहदेव यादव उर्फ लटन, सब-जोनल कमांडर नीरू यादव उर्फ सलीम, सब-जोनल कमांडर संतोष भुईया उर्फ सुकन और दस्ता सदस्य अशोक बैगा उर्फ अशोक परहिया शामिल हैं।
चार माह में चार बार नक्सली और पुलिस हुए आमने-सामने
सरेंडर करने वाले नक्सली लंबे समय से लाल आतंक से ग्रसित थे। चतरा, गया, पलामू, हजारीबाग क्षेत्र का कोलेस्वरी सब जोन माओवादियों का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब यहां नक्सल प्रभाव कम होता दिख रहा है। झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ के सहयोग से यह संभव हो पाया है। सीआरपीएफ रांची के आईजी एवी वोहरा ने बताया कि इस वर्ष चार महीने में चार बार नक्सली और पुलिस आमने सामने हुए थे। अभी कुछ दिनों पहले ही इंदल गंजू ने सरेंडर किया। आज पांच माओवादियों ने सरेंडर किया है।
10 लाख के इनामी नक्सली पर 81 मामले दर्ज
सरेंडर करने वाले 10 लाख के इनामी नक्सली अमरजीत यादव के खिलाफ बिहार-झारखंड में 81 मामले दर्ज है। सहदेव यादव के खिलाफ 55 मामले दर्ज है। आईजी एवी वोहरा ने बताया कि माओवादियों के परिजनों से लगातार संपर्क साधने का प्रयास किया जा रहा था। उन्हीं के माध्यम से हमने अपनी बात रखी। तब जाकर यह सफलता प्राप्त हुई है।
नक्सलियों से मिले आर्म्स
10 लाख के इनामी जोनल कमांडर अमरजीत यादव उर्फ टिंगू उर्फ लखन यादव पर चतरा, हजारीबाग, गया और औरंगाबाद में 81 केस दर्ज हैं। इसने एक एके-56 रायफल, 225 कारतूस, तीन मैगजीन, 2 वायरलेस, आईईडी पाउडर 18 किलोग्राम, पोटास 5 किलोग्राम और मानसिल 2 किलोग्राम के साथ सरेंडर किया है।
पांच लाख के इनामी सब जोनल कमांडर सहदेव यादव उर्फ लटन यादव उर्फ सुदर्शन पर चतरा, हजारीबाग, औरंगाबाद व गया में कुल 53 कांड दर्ज हैं। इसने एक एसएलआर, 150 कारतूस, 3 मैगजीन व 1 वायरलेस के साथ सरेंडर किया है।
सब जोनल कमांडर नीरू यादव उर्फ सलीम पर चतरा, हजारीबाग, गया व औरंगाबाद में कुल 60 कांड दर्ज हैं। इसने 1 इंसास, 2 थ्री नॉट थ्री, एक यूएस राइफल, 375 कारतूस, 10 मैगजीन व 2 वायरलेस के साथ सरेंडर किया है।सब जोनल कमांडर संतोष भुइया उर्फ सुकन पर चतरा, गया और औरंगाबाद में कुल 27 कांड दर्ज है। इसने एक एके 56 राइफल, 225 कारतूस, 25 मैगजीन, .315 बोर के 880 कारतूस, 10 वायरलेस, एक पिस्टल के साथ सरेंडर किया है। दस्ता सदस्य अशोक बैगा उर्फ अशोक परहिया पर चतरा के दो थानों में दो कांड दर्ज हैं। इसने दो देसी बंदूक व एक वायरलेस सेट के साथ सरेंडर किया है।
नक्सलियों के सरेंडर करने के कारण
10 लाख के इनामी नक्सली अमरजीत यादव ने बताया कि 20 साल पहले इस संगठन से जुड़ा था। मामला जमीन विवाद का था, लेकिन अब बहुत बड़े- बड़े नेता पैसेबाजी में लगे हैं। कोई भी हमें जमीनी स्तर और समर्थन नहीं देता था। वहीं, संगठन की स्थिति काफी खराब हो गई है, इसलिए आत्मसमर्पण सरेंडर किया। सरेंडर कर रहे सभी माओवादियों ने सरेंडर की वजह जमीन विवाद को ही बताया। सभी ने अन्य माओवादियों सेअपील की है कि सभी सरेंडर कर दें।