Jharkhand:JMM एमएलए सीता सोरेन बीजेपी में हुईं शामिल, दुमका से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज
झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) व शिबू सोरेन की फैमिली का आंतरिक कलह सामने आ गया है। जामा एमएलए सीता सोरेन ने मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा व विधानसभा की सदस्यता से भी त्याग पत्र दिया है। सीता सोरेन दोपहर में दिल्ली में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
- हेमंत सोरेन की भाभी ने झामुमो के सभी पदों व विधानसभा से भी दिया था इस्तीफा
- शिबू सोरेन ने एकजुट रखने का प्रयास किया, लेकिन विफल रहे
रांची। झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) व शिबू सोरेन की फैमिली का आंतरिक कलह सामने आ गया है। जामा एमएलए सीता सोरेन ने मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा व विधानसभा की सदस्यता से भी त्याग पत्र दिया है। सीता सोरेन दोपहर में दिल्ली में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। झारखंड बीजेपी के प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।
#WATCH दिल्ली: JMM से अपने इस्तीफे पर सीता सोरेन ने कहा, "...मैंने 14 साल तक पार्टी की सेवा की और 14 साल में मुझे जो सम्मान मिलना चाहिए था वो मुझे आजतक नहीं मिला। जिसके कारण मुझे यह बड़ा फैसला लेना पड़ा..." https://t.co/tZQBbrBUNP pic.twitter.com/xfIX2ALawY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 19, 2024
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बताया जाता है कि सीा सोरेन लंबे समय से झामुमो से नाराज चल रहीं थीं। चंपाई सोरेन मंत्रिमंडल में भी उन्हें जगह नहीं मिली थी. जिसका उन्होंने मुखर होकर विरोध जताया था। सीता सोरेन झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के बड़े पुत्र स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। एक्स सीएम हेमंत सोरेन की भाभी हैं।
#WATCH रांची: सीता सोरेन के भाजपा में शामिल होने पर झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, "भाजपा में उनका स्वागत है...उनके त्यागपत्र में उनका दर्द छुपा हुआ दिख रहा था...यह स्वाभाविक है कि इंसान की कुछ भी सहन करने की एक सीमा होती है..." pic.twitter.com/yeExFC75Xb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 19, 2024
जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन को भेजे इस्तीफा में सीता का आरोप है कि पति के निधन के बाद से वे उपेक्षा की शिकार हैं। उन्हें पार्टी और परिवार से सदस्यों से अलग-थलग किया गया, जो उनके लिए अत्यंत पीड़ादायक है। उन्हें उम्मीद थी कि समय के अनुसार परिस्थितियों में सुधार होगा, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। उन्हें पति दुर्गा सोरेन ने खून-पसीने से झामुमो को बड़ा दल बनाया था।सीता सोरेन ने कहा है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथ में चली गई है जिनका दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे आदर्शों से मेल नहीं खाते। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि शिबू सोरेन ने सबको एकजुट रखने का पूरा प्रयास किया, लेकिन वे विफल रहे। सीता सोरेन का आरोप है कि उनके परिवार के विरुद्ध गहरी साजिश की जा रही है। ऐसी स्थिति में उन्होंने निर्णय किया है कि झामुमो और इस परिवार को छोड़ना होगा।सीता सोरेन ने विधानसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित पत्र में उन्होंने झामुमो की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने का हवाला देते हुए उल्लेख किया है कि पार्टी छोड़ने से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए वह विधायक पद से इस्तीफा दे रही हैं।
#WATCH गोड्डा, झारखंड: सीता सोरेन के बीजेपी में शामिल होने पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, "सीता सोरेन का स्वागत है। पार्टी (उनकी भूमिका) तय करेगी। मेरे पास आई जानकारी के अनुसार, वह बिना किसी शर्त के पार्टी में शामिल हुई हैं।" pic.twitter.com/T8C9836zcr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 19, 2024
दिल्ली में बीजेपी में शामिल हुईं सीता सोरेन
सीता सोरेन दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन की है। दो दिनों के बाद वह रांची लौटेंगी। अटकलें है कि दुमका से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। यदि दुमका से वह चुनाव लड़ती हैं तो बीजेपी कैंडिडेट सुनील सोरेन का पत्ता कट जायेगा।
कल्पना सोरेन के आगे बढ़ने से सीता है नाराज, सीएम बनने में भी लगाया था पेंच
सीता सोरेन को उम्मीद थी कि हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में उन्हें जगह मिलेगी। ऐसा नहीं होने पर उनकी नाराजगी सामने आई थी। बाद में वह मान गईं। उनकी बेटियों ने दुर्गा सोरेन सेना का भी गठन किया था। जब हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की नौबत आई तो उनकी वाइफ कल्पना सोरेन का नाम सीएम पद के लिए आगे आया। इसका सीता सोरेन ने कड़ा विरोध किया था। हालांकि, बाद में उनके तेवर नरम पड़ गये। उन्होंने मीडिया पर बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया।
#WATCH दिल्ली: JMM की पूर्व विधायक और झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन भाजपा में शामिल हुईं। pic.twitter.com/S9k9UzdnJY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 19, 2024
सीता सोरेन को उम्मीद थी कि चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में उन्हें पद मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जबकि हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका के एमएलए बसंत सोरेन को महत्वपूर्ण विभाग मिले। इधर कल्पना सोरेन की झामुमो में सक्रियता बढ़ी तो सीता सोरेन को यह नागवार लग रहा था।