Jharkhand : डीजीपी अनुराग गुप्ता को मिलेगा प्रोविजनल पे-स्लिप, एक्सटेंशन इलिगल होने पर होगी रिकवरी

झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता को प्रोविजनल पे-स्लीप मिलेगा। एजी( महालेखाकार) ऑफिस ने इससे संबंधित आदेश और पे-स्लीप जारी कर दिया है। यह निर्णय स्टेट गवर्नमेंट के होम डिपार्टमेंट द्वारा महालेखाकार को लिखे गये पत्र के जवाब में उठाया गया है। जिसमें डीजीपी की नियुक्ति से संबंधित नयी नियमावली के तहत अनुराग गुप्ता की सेवा अवधि फरवरी 2027 तक विस्तारित करने की बात कही गयी थी।

Jharkhand : डीजीपी अनुराग गुप्ता को मिलेगा प्रोविजनल पे-स्लिप, एक्सटेंशन इलिगल होने पर होगी रिकवरी
डीजीपी अनुराग गुप्ता (फाइल फोटो)।

रांची। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता को प्रोविजनल पे-स्लीप मिलेगा। एजी( महालेखाकार) ऑफिस ने इससे संबंधित आदेश और पे-स्लीप जारी कर दिया है। यह निर्णय स्टेट गवर्नमेंट के होम डिपार्टमेंट द्वारा महालेखाकार को लिखे गये पत्र के जवाब में उठाया गया है। जिसमें डीजीपी की नियुक्ति से संबंधित नयी नियमावली के तहत अनुराग गुप्ता की सेवा अवधि फरवरी 2027 तक विस्तारित करने की बात कही गयी थी।

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एजी ने अप्रैल माह का पे-स्लीप कर दिया था शून्य

उल्लेखनीय है कि इससे पहले एजी ने अनुराग गुप्ता का अप्रैल माह का पे-स्लीप जारी करते हुए उसे शून्य कर दिया था। पिछले होम डिपार्टमेंट ने एक पत्र लिखकर महालेखाकार को जानकारी दी थी कि अनुराग गुप्ता को डीजीपी पद पर नियुक्ति सरकार द्वारा बनाये गये नियमों के अनुसार की गयी है। इसलिए इन्हें पे-स्लीप जारी किया जाये. ताकि उनके वेतन की निकासी की जा सके। होम डिपार्टमेंट ने हाल ही में महालेखाकार कार्यालय को पत्र लिखकर अनुराग गुप्ता के डीजीपी पद पर कार्यरत रहने की स्थिति को स्पष्ट किया है।

पत्र में कहा गया कि आठ जनवरी 2025 को अधिसूचित नयी नियमावली झारखंड पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक (पुलिस बल प्रमुख) चयन और नियुक्ति नियम, 2025 के तहत अनुराग गुप्ता की नियुक्ति दो फरवरी 2025 से दो वर्ष के लिए की गयी है। इस आधार पर होम डिपार्टमेंट ने महालेखाकार से अनुराग गुप्ता की पे-स्लिप जारी करने का अनुरोध किया। जवाब में एजी ऑफिस ने प्रोविजनल पे-स्लिप जारी करने की सहमति के साथ यह शर्त जोड़ी है कि यदि हाई कोर्ट में उनकी नियुक्ति को अवैध ठहराया जाता है तो उनके द्वारा प्राप्त वेतन की रिकवरी की जायेगी। वहीं, यदि नियुक्ति वैध मानी जाती है तो उन्हें नियमित वेतन मिलता रहेगा।

होम मिनिस्टरी ने रिटायरमेंट माना, स्टेट गवर्नमेंट ने कहा-नियमों के अनुसार की गयी है नियुक्ति

अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाये जाने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में मामला चल रहा है। सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने भी अनुराग गुप्ता की सेवा को 30 अप्रैल तक ही माना है. जिसके बाद से उन्हें रिटायर माना जा रहा है। मिनिस्टरी ने इससे संबंधित पत्र भी झारखंड सरकार को लिखे थे। इस पत्र के जवाब में स्टेट गवर्नमेंट ने होम मिनिस्टरी को बताया है कि डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति झारखंड गवर्नमेंट द्वारा बनाये गयेनियमों के अनुसार किया गया है। उनकी सेवा डीजीपी पद पर नियुक्ति की डेट से अगले दो वर्ष तक के लिए होगी।

सेंट्रल ने स्टेट गवर्नमेंट को भेजा था पत्र

झारखंड में डीजीपी पोस्ट पर नियुक्ति को ले विवाद तब शुरू हुआ जब सेंट्रल गवर्नमेंट ने 22 अप्रैल 2025 को झारखंड के चीफ सेकरेटरी को पत्र लिखकर कहा कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को 60 वर्ष की आयु पूरी होने के कारण रिटायर हो चुके हैं। सेंट्रल ने उनकी सेवा विस्तार को अस्वीकार करते हुए इसे अखिल भारतीय सेवा नियमों और सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह मामले के निर्देशों का उल्लंघन बताया। इसके विपरीत झारखंड सरकार ने तर्क दिया कि गुप्ता की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नई नियमावली के तहत की गयी है।

 विपक्ष के नेता नेता बाबूलाल मरांडी ने गुप्ता की नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए झारखंड हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मरांडी का आरोप है कि राज्य सरकार ने यूपीएससी की सिफारिशों को दरकिनार कर गुप्ता को राजनीतिक लाभ के लिए नियुक्त किया। हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई 2025 को निर्धारित है। अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उन्हें 26 जुलाई 2024 से कार्यवाहक डीजीपी। दो फरवरी 2025 से नियमित डीजीपी नियुक्त किया गया था। डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति से पहले और बाद में कई विवाद सामने आये, जिसमें 2016 के राज्यसभा चुनाव में कथित हार्स ट्रेडिंग का मामला शामिल है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने 2019 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों में उनके खिलाफ शिकायतों के आधार पर कार्रवाई की थी।