झारखंड: देवघर DC  ने MP निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की जमीन का म्यूटेशन किया रद्द, हाई कोर्ट में सुनवाई

देवघर डीसी ने गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की कंपनी धन्यभूमि इंटरप्राइजेज ने नाम पर दर्ज 30.9 एकड़ की जमीन का म्यूटेशन रद्द करने का आदेश दिया है।अनामिका गौतम ने हाईकोर्ट मेंयाचिका दायर कर डीसी के आदेश को रद्द करने की मांग की है।

झारखंड: देवघर DC  ने MP निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की जमीन का म्यूटेशन किया रद्द, हाई कोर्ट में सुनवाई
  • डीसी ने अनामिका गौतम की 30.9 एकड़ जमीन का म्यूटेशन रद्द करने का दिया आदेश

रांची। देवघर डीसी ने गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की कंपनी धन्यभूमि इंटरप्राइजेज ने नाम पर दर्ज 30.9 एकड़ की जमीन का म्यूटेशन रद्द करने का आदेश दिया है।अनामिका गौतम ने हाईकोर्ट मेंयाचिका दायर कर डीसी के आदेश को रद्द करने की मांग की है।

एमपी की वाइफ की उक्त जमीन देवघर जिले के देवीपुर के होड़ाकुरा मौजा में स्थित है। अनामिका गौतम ने धन्यभूति इंटरप्राइजेज के नाम से जमीन खरीदी है। जमीन का खाता नंबर 05 और 06 है। कुल जमीन 30.9 एकड़ है। इस विवादित जमीन का मामला काफी दिनों से देवघर डीसी के न्यायालय में चल रहा था। अब डीसी ने फैसला सुना दिया है।
जिस आधार पर रद्द हुआ म्यूटेशन
देवघर डीसी ने सुनवाई के दौरान अपने आदेश में कहा है कि संथाल परगना में विशेषकर देवघर जिले में मूल रैयत पाए जाते हैं. जो कि एक प्रकार से किसी मौजा (ग्राम) के प्रधान होते हैं। एसपीटी एक्ट और साथ ही पटना हाई कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक यहां के जमीन पर मालिकाना हक यहां के मूल रैयत का ही होता है। पटना हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि गांव आने-जाने वालों को भी मूल रैयत का दर्जा नहीं देना है। इस मामले में उमेश कुमार की तरफ से एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान धन्यभूमि इंटरप्राइजेज प्रोपराइटर दिल्ली निवासी को जमीन का हस्तांतरण किया गया. जो कि संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 की मूल भावना के प्रतिकूल (उल्टा) है।एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान किसी मौजा का मूल रैयत या प्रधान नहीं हो सकता है और ना ही व्यवसायिक प्रयोजन के लिए उस जमीन का इस्तेमाल कर सकता है।
डीसी के आदेश में कहा गया है कि धन्यभूमि इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर मौजा या गांव के स्थाई निवासी ना होकर दिल्ली की एक व्यवसाई कंपनी है। डीसी ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में मूल रैयत के रिकॉर्ड ऑफ राइट्स तथा संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए जमीन का हस्तांतरण करने की कोशिश की गयी है। आदेश के माध्यम से देवघर डीसी ने देवीपुर सीओ को निर्देश दिया है कि पंजी-2 में रिकॉर्ड ऑफ राइट्स के अनुरूप मौजा हाड़ोकुरा. थाना नंबर 42 के खाता संख्या 5 और 6 के संपूर्ण जमाबंदी के कुल 30.95 एकड़ भूमि मूल रैयत और उनके को-शेयर्स नाम पर दर्ज कराना सुनिश्चित करेंगे। जब तक यह सारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है, रोजाना प्रशासन जमीन का मुआयना करेगा।  तब-तक इस जमीन का कस्टोडियन देवघर एसडीओ रहेंगे।
हाईकोर्ट में मंगलवार को होगी सुनवाई
एमपी निशिकांत दुबे की पत्नी अनामकि गौतम ने हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि देवघर डीसी द्वारा उनकी भूमि के संबंध में लिया गया निर्णय गलत है। इसलिए इस आदेश को रद्द किया जाना चाहिए। याचिका पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने अगली सुनवाई के लिए मंगलवार की तिथि निर्धारित की है। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट से उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली है।
हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट में धन्यभूति इंटरप्राइजेज के नाम से जमीन खरीदने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रार्थी को याचिका में त्रुटि सुधारने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 31 अगस्त को निर्धारित की है। देवघर डीसी ने धन्यभूमि इंटरप्राइजेज के नाम खरीदी गई जमीन को रैयती जमीन मानते हुए एविक्शन की कार्रवाई शुरू कर दी है।इसके खिलाफ अनामिका गौतम की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि पूर्व में डीसी क्त ने सेल डीड को रद करने की कार्रवाई शुरू की गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व में रोक लगा दी थी। अब उसके दस दिनों बाद देवघर डीसी ने एसपीटी एक्ट के तहत रैयती जमीन बताकर एविक्शन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जबकि उक्त जमीन मूल रैयती जोत जमीन है। इसलिए डीसी के आदेश पर रोक लगाते हुए उसे निरस्त किया जाए।