झारखंड गवर्नमेंट ने डीजीपी के लिए यूपीएससी को पांच नाम भेजे
झारखंड गवर्नमेंट ने डीजीपी के लिए यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) को पांच अफसरों के नाम भेजा है। लिस्ट में वर्तमान इंचार्ज डीजीपी एमवी राव, एसएन प्रधान, केएन चौबे, नीरज सिन्हा और अजय कुमार सिंह के नाम हैं।
- एमवी राव, एसएन प्रधान, केएन चौबे, नीरज सिन्हा और अजय कुमार सिंह लिस्ट में
रांची। झारखंड गवर्नमेंट ने डीजीपी के लिए यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) को पांच अफसरों के नाम भेजा है। लिस्ट में वर्तमान इंचार्ज डीजीपी एमवी राव, एसएन प्रधान, केएन चौबे, नीरज सिन्हा और अजय कुमार सिंह के नाम हैं। उल्लेखनीय है कि डीजीपी की नियुक्ति के लिए सरकार कम से कम पांच नाम की अनुशंसा यूपीएससी से करती है। यूपीएससी इनमें से तीन नाम स्टेट गवर्नमेंट को भेजती है। स्टेट गवर्नमेंट उनमें से किसी एक को डीजीपी एप्वाइंट करती है। नियुक्त किया जाता है.
एमवी राव को प्रभारी डीजीपी बनाये जाने से पहले केएन चौबे स्टेट के डीजीपी थे। अभी वह दिल्ली में पुलिस आधुनिकीकरण का काम देख रहे हैं। एसएन प्रधान सेंट्रल डेप्युटेशन पर हैं और एनडीआरएफ के डीजी हैं। नीरज सिन्हा एसीबी के डीजी हैं। वहीं, अजय कुमार सिंह वायरलेस एडीजी हैं और इस महीने के अंत में जब रेल डीजी वीएच देशमुख रिटायर हो जायेंगे, तब उन्हें डीजी पोस्ट पर प्रमोशन मिलेगी।
डीजीपी नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई है याचिका
डीजीपी से ट्रांसफर कर केएन चौबे को दिल्ली भेजने के बाद एमवी राव को राज्य का प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। याचिका में श्री राव की नियुक्ति के फैसले को चुनौती दी गयी है।याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि डीजीपी के तय कार्यकाल और सीनीयरटी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सरकार ने उल्लंघन किया है।डीजीपी कमल नयन चौबे को वर्ष 2020 की 16 मार्च को नयी दिल्ली के पुलिस मॉडर्नाइजेशन डिवीजन कैंप में ओएसडी नियुक्त करने के बाद 1987 बैच के आइपीएस श्री राव को झारखंड का प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। गिरिडीह जिले के निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले प्रह्लाद नारायण सिंह ने श्री राव को प्रभारी डीजीपी बनाये जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन का आरोप
याचिकाकर्ता ने कहा है कि झारखंड कैडर के आइपीएस अफसरों में सीनीयर रैंक में चौथे नंबर पर आने वाले श्री राव पहले से ही डीजी (फायर और होमगार्ड) का कार्यभार संभाल रहे हैं। कमल नयन चौबे को डीजीपी पोस्ट पर नियुक्ति के 10 माह के भीतर ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया। ताकि एमवी राव को डीजीपी नियुक्त किया जा सके।याचिकाकर्ता ने झारखंड सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को वर्ष 2006 के प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार मामले में दिये गये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की जनहित याचिका पर पुलिस सुधारों पर कुछ निर्देश जारी किये थे, जिसमें पुलिस प्रमुखों के लिए दो साल का कार्यकाल निर्धारित किया गया था और राज्यों में कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति पर रोक लगायी गयी थी।
विदित हो कि कमल नयन चौबे ने वर्ष 2019 की जून में झारखंड के 12वें डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला था। तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय के 31 मई को रिटायर होने के बाद उन्होंने झारखंड पुलिस की कमान संभाली थी। 1986 बैच के झारखंड कैडर के आइपीएस अफसर केएन चौबे इसके पहले वर्ष 2015 की जुलाई से सेंट्रल डिपुटेशन पर बीएसएफ में एडीजी थे।