National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में मोतीलाल बोरा के वित्तीय फैसला लेने के दस्तावेज नहीं
नेशनल हेराल्ड मामले में मोतीलाल के वित्तीय फैसला लेने के दस्तावेज नहीं मिले हैं। ईडी सौर्सेज ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले पूछताछ कांग्रेस की प्रसिडेंट सोनिया गांधी,एमपी राहुल गांधी व कांग्रेस के अन्य नेताओं नेइस दावे की पुष्टि के लिए कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया कि वित्तीय निर्णय पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा द्वारा लिए गये थे।
- ईडी सौर्सेज का दावा
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में मोतीलाल के वित्तीय फैसला लेने के दस्तावेज नहीं मिले हैं। ईडी सौर्सेज ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले पूछताछ कांग्रेस की प्रसिडेंट सोनिया गांधी,एमपी राहुल गांधी व कांग्रेस के अन्य नेताओं नेइस दावे की पुष्टि के लिए कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया कि वित्तीय निर्णय पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा द्वारा लिए गये थे।
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ईडी सोर्सेज ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ने कांग्रेस पार्टी के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कोषाध्यक्ष का नाम यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) को एसोसिएट जर्नल प्राइवेट लिमिटेड (AJL) के शेयर हस्तांतरण का निर्णय लिया था। उल्लेखनीय कि मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में 21 दिसंबर 2020 को निधन हो गया था।ईडी ने बुधवार को नेशनल हेराल्ड मामले की जांच के तहत राष्ट्रीय राजधानी में नेशनल हेराल्ड हाउस भवन में यंग इंडियन ऑफिसके परिसर को सील कर दिया। इसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप है।
नेशनल हेराल्ड मामला मनी लान्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है और लगभग नौ महीने पहले दर्ज किया गया था। लोअर कोर्ट ने एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था। याचिकाकर्ता सुब्रमणियम स्वामी ने यह आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्ति, जिसने नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित किया था।धोखाधड़ी से हासिल की गई और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) को हस्तांतरित कर दी गई, जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी हैं। प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर थे।स्वामी ने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार ने धोखा दिया और धन का दुरुपयोग किया, YIL ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त किया, जो AJL ने कांग्रेस को दिया था। "सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने पूछताछ के दौरान मोतीलाल वोरा पर दोष लगाया था।" ईडी ने इस मामले में सोनिया, राहुल व मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ की थी।
सोर्सेज के अनुसार, उनका नाम YIL फाइलों या AJL दस्तावेजों में यह साबित करने के लिए नहीं था कि वोरा ने कोई नीतिगत निर्णय लिया था या YIL या AJL की ओर से किसी बैठक या काल में भाग लिया था, जो साबित कर सकता है कि शेयरों को स्थानांतरित करने का कोई निर्णय लिया गया था। ईडी जांच नेशनल हेराल्ड मामले से संबंधित है।यह PMLA के तहत कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है और लगभग नौ महीने पहले एक लोअर कोर्ट द्वारा इनकम टैक्स की जांच का संज्ञान लेने के बाद दर्ज किया गया था।
बीजेपी एमपी सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2013 दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर ईडी जांच शुरु की गयी है। याचिकाकर्ता ने यह आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्ति, जिसने नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित किया था, धोखाधड़ी से हासिल की गई और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) को हस्तांतरित कर दी गई, जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी हैं। प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर थे।स्वामी ने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार ने धोखाधड़ी की और धन का दुरुपयोग किया, YIL ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान करके 90.25 करोड़ रुपये वसूलने का अधिकार प्राप्त किया, जो कि AJL पर कांग्रेस का बकाया था।