नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में कोरोना का कोहराम, बाहुबली शहाबुद्दीन भी संक्रमित, हॉस्पीटल में एडमिट
तिहाड़ जेल में कोरोना वायरस संक्रमण का कहर बरपा है। जेल में अब तक करीब 90 कैदी और स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। बाहुबली व सीवान के एक्स एमपी शहाबुद्दीन भी कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं। उन्हें एक हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया है। शहाबुद्दीन पिछले कई सालों से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
- शहाबुद्दीन द्वारा एसिड बाथ डबल मर्डर से आज भी सिहर जाता है सीवान
नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में कोरोना वायरस संक्रमण का कहर बरपा है। जेल में अब तक करीब 90 कैदी और स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। बाहुबली व सीवान के एक्स एमपी शहाबुद्दीन भी कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं। उन्हें एक हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया है। शहाबुद्दीन पिछले कई सालों से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल संख्या दो में उम्रकैद की सजा काट रहा है। जेल में कोरोनावायरस संक्रमण होने के बाद उसका इलाज दिल्ली् के हरि नगर स्थित दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पीटल में चल रहा है। शहाबुद्दीन की कोरोना रिपोर्ट देर रात पॉजिटिव आई, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें पास के डीडीयू हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया। वहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है।वहीं जेल प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि शहाबुद्दीन की हालात अभी ठीक है।तिहाड़ जेल में बीते दो दिनों जिनमें 45 जेल व 45 कैदी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। कैदियों को हॉस्पीटल में एडमिट कराया जा रहा है। इस वजह से कई मेडिकल स्टाफ भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। वहीं जेल प्रशासन ने कैदियों के मुलाकात पर रोक लगा रखी है।
2018 से तिहाड़ जेल में बंद है शहाबुद्दीन
सिवान में दो भाइयों को तेजाब से नहला कर निर्मम मर्डर के मामले में तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन पर मर्डर व किडनैपिंग सहित दर्जनों संगीन मामले दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शहाबुद्दीन को वर्ष 2018 में बिहार की सीवान जेल से दिल्ली् की तिहाड़ जेल में ट्रांसफर किया गया था।
लालू की छत्रछाया में शुरू की थी पॉलिटिक्स
तत्कालीन जनता दल (अब आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया में राजनीति शुरू करने वाला शहाबुद्दीन 1990 में पहली बार निर्दलीय एमएलए बना। इसके बाद वह लालू प्रसाद यादव के करीबी हो गया। लालू ने उसे अपना छोटा भाई कहते थे। शहाबुद्दीन सिवान से चार बार बने एमपी तथा दो बार एमएलए बना।क्राइम की सीढि़यां चढ़ते-चढ़ते राजनीति के गलियारे में धमक देने वाले शहाबुद्दीन को अभी तक दो उम्रकैद और 30 साल जेल की सजाएं हो चुकी हैं। सिवान के चर्चित एसिड बाथ डबल मर्डर मामले में मिली उम्रकैद के तहत उसे तिहाड़ जेल में रखा गया है। उस वारदात के एकमात्र चश्म दीद गवाह दोनों मृतकों के तीसरे भाई की भी मर्डर हो चुकी है। उसने जो कहानी सुनाई थी, वह लोगों की रोम-रोम सिहरा देती है।
एक बार फिर आयी सिवान में तेजाब से नहलाकर दो भाइयों की मर्डर की याद,चंदा बाबू ने बेटों की मर्डर पर लड़ी न्याय की कठिन जंग
बिहार के सिवान जिले के प्रतापपुर गांव की पहचान मो. शहाबुद्दीन से होती है। यह शहाबुद्दीन का गांव है। शहाबुद्दीन के आदेश पर यहीं पर वर्ष 2004 की 16 अगस्त की रात सिवान के चर्चित व्यरवसायी चंदा बाबू के दो बेटों की तेजाब से नहलाकर मर्डर कर दी गई थी। दोनों की तड़प-तड़पकर मौत के बाद बॉडी को टुकड़ों में काटकर बोरियों में भर ठिकाने लगा दिया गया। घटना को दोनों मृतकों का तीसरा भाई दूर से छिपकर देख रहा था। क्रिमिनल उसे भी पकड़कर लाए थे, लेकिन वह किसी तरह भागने में सफल रहा था। घटना के बाद जब वह छिपते-छिपाते हुए घर पहुंचा, तब लोगों को इसकी जानकारी मिली। इसके बाद चंदा बाबू ने बहादुरी के साथ किसी भी धमकी की परवाह किये बगैर न्यातय की जंग लड़ी। शहाबुद्दीन को उसके अंजाम तक पहुंचाया। हालांकि, इस दौरान घटना के गवाह उनके तीसरे बेटे की भी मर्डर कर दी गई।
क्यों हुई तेजाब से नहलाकर मर्डर
सिवान के गौशाला रोड के निवासी व्यवसायी चन्द्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू अब नहीं रहे। उनके अनुसार वर्ष 2004 की 16 अगस्त की सुबह भूमि-विवाद के निपटारे को लेकर पंचायत के दौरान मारपीट हो गई। इस दौरान किसी ने घर में रखा तेजाब फेंका। मामला शहाबुद्दीन तक पहुंचा। उसी दिन चंदा बाबू के तीन बेटों गिरीश, सतीश व राजीव रोशन का किडनैप कर लिया गया। इस बीच उनकी मां के बयान पर अननोन के खिलाफ किडनैपिंग की एफआइआर दर्ज कराई गई। चंदा बाबू ने बताया था कि उनके तीनों बेटों को शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर ले जाया गया। फिर शाम के धुंधलके में वहां शहाबुद्दीन पहुंचे। उनके आदेश पर खौफनाक हत्यानकांड को अंजाम दिया गया।
भागकर आये तीसरे बेटे ने सुनाई कहानी
चंदा बाबू ने कहा था कि इसके पहले उनका एक किडनैप्ड बेटा राजीव किसी तरह भागकर छिप गया था। उसने ही मर्डर की पूरी कहानी सुनाई थी। घटना के एकमात्र गवाह रहे राजीव रोशन की भी वर्ष 2014 की 16 जून को मर्डर कर दी गई। हालांकि मरने के पहले उसने कोर्ट में अपना बयान दे दिया था।
उम्रकैद हुई तो शहाबुद्दीन गये तिहाड़ जेल
डबल मर्डर मे सीवान कोर्ट ने वर्ष 2015 की 11 दिसंबर को शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनायी। पटना हाईकोर्ट 30 अगस्त, 2017 को व सुप्रीम कोर्ट 29 अक्टूनबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने भी लोअर कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी। शहाबुद्दीन को सिवान में लोग 'साहेब' नाम से भी जानते हैं। वह अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
शहाबुद्दीन की क्राइम हिस्ट्री
19 साल की उम्र में वर्ष 1986 में शहाबुद्दीन के खिलाफ पहला केस दर्ज हुआ था।
अब तक मर्डर, किडनैपिंग, रंगदारी, दंगा व घातक आर्म्स रखने के दर्जनों मामले दर्ज हैं।
वर्ष2007 में मिली पहली सजा- दो साल कैद। अब तक आठ मामलों में करीब 30 साल तथा दो मामलों में उम्रकैद की सजाएं।
सिवान के व्या यासी चंदा बाबू के दो बेटों को तेजाब से नहलाकर मारने के मामले में उम्रकैद।
सीपीआइएमएल के कार्यकर्ता छोटेलाल गुप्ता की हत्या के मामले में भी उम्रकैद।
सिवान के तत्कािलीन एसपी एसके सिंघल पर हमला मामले में 10 साल की सजा।
आर्म्स एक्ट के एक मामले में 10 साल की सजा।
वर्ष 2005 में दिल्ली से गिरफ्तार, कुछ समय छोड़कर तब से विभिन्न जेलों में बंद।
साल 2001 के चर्चित सिवान के प्रतापपुर एनकाउंटर में दो पुलिसकर्मियों समेत आठ की मौत।
वर्ष 2005 में शहाबुद्दीन के पास से एके-47 सहित कई घातक आर्म्सर बरामद।
वर्ष 1997 में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर व श्याम नारायण की मर्डर।