Sitaram Yechury Passes Away: CPM को सीनीयर सीताराम येचुरी का निधन पांच दशकों तक रहे वामपंथी राजनीति की धुरी
सीनीयर सीपीएम लीडर सीताराम येचुरी ( 72 ) का निधन हो गया। सीपीएम लीडर एम्स में एडमिट थे। लंबे समय से उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टरों की एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम उनकी हालत पर नजर रख रही थी। सीताराम येचुरी अपने पीछे पत्नी सीमा चिश्ती येचुरी और बच्चों अखिला और आशीष येचुरी को छोड़ गये हैं।
नई दिल्ली। सीनीयर सीपीएम लीडर सीताराम येचुरी ( 72 ) का निधन हो गया। सीपीएम लीडर एम्स में एडमिट थे। लंबे समय से उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टरों की एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम उनकी हालत पर नजर रख रही थी। सीताराम येचुरी अपने पीछे पत्नी सीमा चिश्ती येचुरी और बच्चों अखिला और आशीष येचुरी को छोड़ गये हैं।
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सीताराम येचुरी ने में दिल्ली स्थित एम्स हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वह 19 अगस्त को एम्स में एडमिट हुए थे। तब से ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। पिछले दिनों उनकी सेहत में मामूली सुधार दिखा था, लेकिन फिर सांस लेने में परेशानी हुई तो स्थिति गंभीर हो गई। वह निमोनिया जैसी सीनेके संक्रमण से पीड़ित थे। एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्होंने हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी। वर्ष 1975 में बतौर छात्र नेता उन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
पांच दशकों तक रहे वामपंथी राजनीति की धुरी
सीताराम येचुरी ने छात्र जीवन से ही राजनीति शुरू की थी। वह जेएनयू छात्र संघ का हिस्सा रहे थे। आपातकाल के दौर में जेल जाने से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।लगभग पांच दशकों के अपने राजनीतिक करियर में वह वामपंथ की धुरी रहे। उन्हें वामपंथी दलों को गठबंधन की राजनीति में लाने का भी श्रेय दिया जाता है। यूपीए वन और यूपीए टू के दौर में उन्होंने ही वामपंथी दलों को सरकार का हिस्सा बनने के लिए राजी किया था। उन्हें अप्रैल 2015 में सीपीएम के महासचिव के तौर पर जिम्मेदारी मिली थी। वर्ष 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित किये गये थे। सेकुलरिज्म, आर्थिक समानता जैसे मूल्यों के लिए सीताराम येचुरी आजीवन प्रतिबद्ध रहे।
सीताराम येचुरी 12 अगस्त, 1952 को मद्रास में पैदा हुए थे। उनका ताल्लुक एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार से थे। उनके पिता आंध्र प्रदेश रोडवेज में इंजीनियर थे। मां भी एक सरकारी अधिकारी थीं। वह हैदराबाद में ही बड़े हुए। उन्होंने 10 वीं क्लास तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया। उच्च शिक्षा डीयूए एवं जेएनयू से हासिल की। येचुरी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स की डिग्री ली। जेएनयू से अर्थशास्त्र में ही एमए किया।
सीताराम येचुरी वह अर्थशास्त्र के विषय में ही पीएचडी भी करना चाहते थे, लेकिन फिर इमरजेंसी के दौरान वह आंदोलन का हिस्सा बन गये। उनकी गिरफ्तारी हुई और जेल जाना पड़ा। यहां से उनका पढ़ाई से नाता टूट गया। वह पूरी तरह से राजनीति में ही सक्रिय हो गये। सीताराम येचुरी के कांग्रेस, आरजेडी समेत कई दलों से अच्छे रिश्ते थे। समान विचारधारा वाले दलों को साथ लाने की वह हमेशा कोशिश करते रहे।