उत्तर प्रदेश: 58,189 ग्राम पंचायतों में बनेंगे सचिवालय, 1.2 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार राज्य की कुल 58,189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना करेगी। ग्राम सचिवालय के तहत जनसेवा केंद्र की स्थापना से ग्रामीणों को सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं और सेवाओं का लाभ एक छत के नीचे मिल सकेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दी गयी।
- 40 लाख अंत्योदय कार्डधारक परिवारों को फ्री
- सालाना 5 लाख रुपये तक की मिलेगी स्वास्थ्य सुरक्षा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार राज्य की कुल 58,189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की स्थापना करेगी। ग्राम सचिवालय के तहत जनसेवा केंद्र की स्थापना से ग्रामीणों को सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं और सेवाओं का लाभ एक छत के नीचे मिल सकेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दी गयी।
ग्राम सचिवालय के जरिए प्रदेश के 1.2 लाख ग्रामीणों को रोजगार भी मुहैया कराने का इरादा है। हर ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक और अकाउंटेंट कम डाटा एंट्री आपरेटर का चयन और तैनाती कर उन्हें प्रतिमाह 6000 रुपये मानदेय दिया जायेगा। ग्राम सचिवालय की स्थापना पर 4000 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। प्रदेश में पहली बार ग्रामीण सचिवालय की स्थापना की जा रही है।
पंचायत भवन में इंटरनेट सुविधा युक्त कार्यालय भवन
कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि अब हर ग्राम पंचायत का अपना भवन होगा और इसमें ग्राम प्रधान का कार्यालय होगा जिसमें इंटरनेट सुविधा युक्त कम्प्यूटर, स्कैनर आदि की भी व्यवस्था की जाएगी। भवन निर्माण के बाद एक पंचायत सहायक और कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की जाएगी, इससे करीब एक लाख 20 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। यूपी में 58189 ग्राम पंचायतें हैं और इसमें 33500 ग्राम पंचायतों में भवन बने हैं लेकिन अव्यवस्थित हैं। अब उनकी मरम्मत और विस्तार के लिए हर ग्राम पंचायत को पौने दो लाख रूपये दिये जायेंगे और जहां भवन नहीं हैं वहां पंचायत भवन का निर्माण भी किया जायेगा। कैबिनेट ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना, प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक/एकाउंटेंट-कम डाटा इण्ट्री आपरेटर के चयन और इनकी तैनाती तथा इन पर होने वाले व्यय को वित्त आयोग, मनरेगा, ग्राम निधि, और अन्य योजनाओं के प्रशासनिक मद में अनुमन्य धनराशि से खर्च किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रदेश में पहली बार ग्रामीण सचिवालय की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में 58, 189 ग्राम पंचायतें हैं मगर इन सभी में अपने कार्यालय भवन नहीं हैं। 33, 577 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन से पहले से बने हुए हैं और 24, 617 पंचायत घर निर्माणाधीन हैं। इन पंचायत भवनों में जरूरत के अनुसार मरम्मत और विस्तार भी किया जा रहा है।
मेरठ में सात सौ करोड़ रुपये की लागत से बनेगा उत्तर प्रदेश स्टेट स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी
मेरठ में लगभग सात सौ करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश स्टेट स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की जायेगी। कैबिनेट में सिंचाई विभाग की वन संरक्षित जमीन के आदान प्रदान को लेकर अहम निर्णय किया गया। मेरठ में सिंचाई विभाग के स्वामित्व की 23.747 हेक्टेयर वन संरक्षित भूमि पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद ने 25 जनवरी को पास किया था। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के विस्तार व उच्चीकृत अवस्थापनाओं के मद्देनजर मेरठ की तहसील सरधना के ग्राम सलावा व कैली में उपलब्ध सिंचाई विभाग के स्वामित्व की 36.9813 हेक्टेयर वन संरक्षित भूमि पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। इस भूमि पर अवस्थित भवनों की प्रतिपूर्ति व उनके वैकल्पिक स्वरूप के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये सिंचाई विभाग को दिये जायेंगे।
यह भूमि वन संरक्षित होने के कारण इस भूमि पर निर्माण कार्य की अनुमति के लिए वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए भूमि व कुछ निर्धारित शुल्क दिया जाएगा। खेल विभाग प्रस्तावित भूमि के बदले मेरठ के हस्तिनापुर पांडवान स्थित सेंच्यूरी क्षेत्र में अपने स्वामित्व वाली करीब 40 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए देगा। साथ ही इसी भूमि पर क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए निर्धारित धनराशि भी वन विभाग को उपलब्ध कराई जायेंगी।
सैफई में 489.88 करोड़ रुपये से 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल
इटावा के सैफई में अब 489.88 करोड़ रुपये से 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण किया जायेगा। योगी कैबिनेट ने बुधवार त्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के तहत सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण कार्यों के पुनरीक्षित बजट को स्वीकृति दे दी। कैबिनेट ने परियोजना में 37.38 करोड़ रुपये की कटौती की है। परियोजना के तहत अस्पताल में टेराकोटा क्लेडिंग, वुडेन फ्लोरिंग, ग्रेनाइट, विनायल फ्लोरिंग वाल पैनलिंग, ग्लास पैस फिटिंग, जीआइ मेटल सीलिंग, मिनरल फाइबर एकास्टिकल सस्पेंडेड सीलिंग, 12 एमएम थिक टफेंड ग्लास आदि के कार्य कराये जायेंगे।जनता को उच्च कोटि की विशिष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यहां पर वर्ष 2014 में 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया था। इस परियोजना की मूल लागत 333.56 करोड़ रुपये थी। पहली बार इसका पुनरीक्षण वर्ष 2016 में हुआ था, जिसमें इसकी लागत बढ़कर 463.28 करोड़ रुपये हो गई थी। वर्ष 2018 में इसकी लागत 537.26 करोड़ रुपये संशोधित की गई।परियोजना की लगातार बढ़ रही लागत को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 25 मार्च 2019 को एक समिति का गठन कर दिया था। समिति द्वारा दी गयी संस्तुतियों के आधार पर एक बार फिर इस परियोजना के निर्माण का बजट तय किया गया। अब इसकी कुल लागत 537.26 करोड़ रुपये से घटकर 489.88 करोड़ रुपये हो गई है। इसके बन जाने के बाद विश्वविद्यालय स्तर पर सुपर स्पेशियलिटी के अन्य पाठ्यक्रम प्रारंभ शुरू किये जायेंगे।
संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों के रिक्त पद भरे जायेंगे
कैबिनेट ने संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त पदों को भरने का भी निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में 352 पद प्रधानाध्यापक और 1000 पद अध्यापकों के लिए रिक्त हैं। चार सदस्यीय कमेटी अभ्यर्थियों का चयन करेगी। अशासकीय विद्यालयों में यह व्यवस्था होगी लागू। दो साल के लिए होगी नियुक्ति।
अमेठी जिला हॉस्पीटल बनेगा मेडिकल कालेज
अमेठी जिला चिकित्सालय को मेडिकल कालेज बनाये जाने के लिए 200 करोड़ की वितीय मंजूरी भी मिली है। अम्बेडकर नगर बाईपास का रोड बनाने को कैबिनेट की मंजूरी मिली है। इसकी प्रक्रिया छह महीने में पूरी कर ली जाएगी। अधिवक्ताओं के चेम्बर 1400 से बढ़ाकर 2500 किया जा रहा है। आयुष्यमान भारत के लिए बन रहे गोल्डन कार्ड में एक करोड़ 18 लाख लोग शामिल किया गया था, मुख्यमंत्री आरोग्य में 10 लाख लोगों को शामिल किया गया, 40 लाख लोगो को जो अंत्योदय कार्ड धारकों को पांच लाख का बीमा देने के लिए, मुख्यमंत्री जनारोग्य में जोड़ा जायेगा। इस पर 102 करोड़ का खर्च आयेगा।