अफगानिस्तान पर फिर तालिबान का कब्जा, सत्ता हस्तांतरण के लिए बनी कमेटी की लीडपशीप करेंगे एक्स प्रसिडेंट हामिद करजई
तालिबान ने फिर अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है। तालिबान के आतंकियों ने सुबह से ही काबुल की घेराबंदी कर ली थी। तालिबान ने राष्ट्रपति भवन (अर्ग) पर भी कब्जा कर लिया। देश में अमन बहाली के लिए एक समन्वय परिषद बनाई गई है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई इसकी अगुवाई करेंगे। इसमें अफगानिस्तान के मौजूदा सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला और जिहादी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार भी होंगे।
- अशरफ गनी और कई शीर्ष नेताओं ने देश छोड़ा
काबुल( रायटर)। तालिबान ने फिर अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है। तालिबान के आतंकियों ने सुबह से ही काबुल की घेराबंदी कर ली थी। तालिबान ने राष्ट्रपति भवन (अर्ग) पर भी कब्जा कर लिया। देश में अमन बहाली के लिए एक समन्वय परिषद बनाई गई है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई इसकी अगुवाई करेंगे। इसमें अफगानिस्तान के मौजूदा सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला और जिहादी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार भी होंगे।
तालिबान से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मुल्ला बरादर अखंद अंतरिम सरकार के प्रमुख हो सकते हैं।मुल्ला बरादर अभी कतर में हैं। अभी वो तालिबान के कतर में दोहा स्थित दफ्तर के राजनीतिक प्रमुख हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए कई लोगों के नामों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन उनका नाम शीर्ष पर है। वे अफगानिस्तान में तालिबान के को-फाउंडर हैं।
राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गये। गनी के ताजिकिस्तान जाने की बात कही जा रही है। गनी के साथ ही उप राष्ट्रपति समेत अन्य कई शीर्ष नेताओं के देश छोड़कर जाने की खबर है। तालिबान के क्रूर शासन और अनिश्चितता से घबराए आम लोग भी बड़ी संख्या में देश छोड़ रहे हैं। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा है कि उसके लड़ाकों को काबुल में लूटपाट रोकने को कहा गया है, क्योंकि पुलिस पोस्ट छोड़कर चली गई है। तालिबान सत्ता हस्तांतरण को शांतिपूर्ण करार दिया है। परंतु, काबुल के एक अस्पताल ने ट्विटर पर कहा कि राजधानी के बाहरी कराबाग इलाके में हुए संघर्ष में 40 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं।
दो दशक बाद तालिबान की वापसी
अफगानिस्तान पर करीब दो दशक बाद तालिबान ने फिर कब्जा जमाया है। सितंबर, 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और अन्य जगहों पर अलकायदा आतंकियों के हमला किया था। इसके बाद अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के बाद तालिबान को सत्ता छोड़कर भागना पड़ा था। 20 साल बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाया तो तालिबान ने फिर कब्जा जमा लिया।
जलाली हो सकते हैं अंतरिम सरकार के मुखिया
अफगानिस्तान के पूर्व आंतरिक मंत्री अली अहमद जलाली अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर सकते हैं। अहमद जलाली का जन्म काबुल में हुआ था, लेकिन उनकी पढ़ाई-लिखाई अमेरिका में हुई है। वह 1987 से ही अमेरिकी नागरिक थे और मैरीलैंड में रहते थे। 2003 से 2005 तक अफगानिस्तान के आतंरिक मंत्री रह चुके हैं। वह अमेरिका में एक यूनिविर्सटी में प्रोफेसर भी हैं। इसके साथ ही जलाली जर्मनी में पूर्व अफगान राजदूत के रूप में भी काम कर चुके हैं। इतना ही नहीं जलाली सेना में एक पूर्व कर्नल भी रह चुके हैं और सोवियत के हमले के दौरान पेशावर में अफगान रेजिस्टेंस हेडक्वार्टर में एक शीर्ष सलाहकार थे। कैसे हुआ तालिबान का जन्म अफगानिस्तान में तालिबान का उदय अमेरिका के प्रभाव से कारण ही हुआ था।