देश के छह स्टेट में कोरोना के चलते छह स्टेट में हो रहीं सबसे ज्यादा मौतें,18 स्टेट में पॉजिटिविटी 15 परसेंट से अधिक
।सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने कहा कि पिछले 20 दिनों से देश में कोरोना एक्टिव मामलों में कमी देखी जा रही है। देश में तीन मई को 17.13 परसेंट एक्टिव मामले थे, जो कि अब यह घटकर 11.12 परसेंट हो गये हैं। रिकवरी रेट भी 87.76 परसेंट हो चुकी है। देश में दो करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोग रिकवर हो चुके हैं।
- लगभग सभी राज्यों में पॉजिटिविटी रेट में लगातार कमी
- 14 स्टेट में पांच से 15 परसेंट पॉजिटिविटी वाले
नई दिल्ली।सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने कहा कि पिछले 20 दिनों से देश में कोरोना एक्टिव मामलों में कमी देखी जा रही है। देश में तीन मई को 17.13 परसेंट एक्टिव मामले थे, जो कि अब यह घटकर 11.12 परसेंट हो गये हैं। रिकवरी रेट भी 87.76 परसेंट हो चुकी है। देश में दो करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोग रिकवर हो चुके हैं।
सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी लव अग्रवाल ने बताया कि 1,00,000 से अधिक एक्टिव मामले घटकर अब केवल आठ स्टेट में रह गये हैं।आठ स्टेट में 50,000 से 1,00,000 के बीच एक्टिव मामले हैं। 20 स्टेट व यूटी में 50,000 से कम एक्टिव मामले हैं। केवल सात स्टेट हैं जो 10,000 से अधिक कोरोना के नये मामलों की रिपोर्ट कर रहे हैं। 5,000 से 10,000 मामलों वाले छह स्टेट हैं। श्री अग्रवाल ने सबसे ज्यादा मौतों वाले राज्यों के नाम बताये। उन्होंने कहा कि छह स्टेट में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, यूपी, पंजाब और दिल्ली में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं।
अधिकांश में पॉजिटिविटी रेट में आ रही कमी
उन्होंने कहा कि देश में 18 स्टेट ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी 15 परसेंट से अधिक है। इनमें लगभग सभी स्टेट में पॉजिटिविटी रेट में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। पांच से 15 परसेंट पॉजिटिविटी वाले 14 स्टेट हैं। चार स्टेट में पांच परसेंट से कम पॉजिटिविटी है। हेल्थ मिनिस्टरी ने कहा है कि देश में अब तक 18.41 करोड़ वैक्सीन डोज 45 वर्ष से ज्यादा आयु वर्ग, हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं।18 से 44 आयु वर्ग के लिए 92 लाख के लगभग डोज अब तक उपलब्ध कराई गई हैं। लव अग्रवाल ने बताया कि ब्लैक फंगस के लिए एमफोटेरेसिन-बी जिसकी देश में सीमित उपलब्धता थी, उसे बढ़ाया जा रहा है। पांच अतिरिक्त मैन्युफैक्चर्स का लाइसेंस दिलाने का कार्य किया जा रहा है। अभी जो मैन्युफैक्चर्स हैं, वो भी प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं।