Uttar Pradesh: हमारे मठ-मंदिर केवल उपासना के केंद्र नहीं, चित्त शुद्धि के स्थल भी हैं: मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मठ-मंदिर केवल उपासना के केंद्र नहीं, चित्त शुद्धि के स्थल भी हैं। हमारे मंदिरों ने हमेशा संदेश दिया है कि केवल अपनी नहीं, समाज की मुक्ति हमारे जीवन का ध्येय होना चाहिए। समय आ गया है कि विश्व के सभी छोटे-बड़े मंदिर साथ आएं। एक-दूसरे से जुड़ें, एक-दूसरे की व्यवस्थाओं को समझें और आपस में सहयोग करें।
- मंदिरों से युवा पीढ़ी को जोड़कर समर्थ बनाना होगा ताकि भविष्य की डोर अपने हाथों में ले सकें
वाराणसी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मठ-मंदिर केवल उपासना के केंद्र नहीं, चित्त शुद्धि के स्थल भी हैं। हमारे मंदिरों ने हमेशा संदेश दिया है कि केवल अपनी नहीं, समाज की मुक्ति हमारे जीवन का ध्येय होना चाहिए। समय आ गया है कि विश्व के सभी छोटे-बड़े मंदिर साथ आएं। एक-दूसरे से जुड़ें, एक-दूसरे की व्यवस्थाओं को समझें और आपस में सहयोग करें।
यह भी पढ़ें:Dhanbad : NGT टीम को मिले इलिगल कोल माइनिंग के पुख्ता सबूत, सेंट्रल सुरूंगा, पहाड़ीगोड़ा में पाये गये 40 मुहाने
संघ प्रमुख रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में हिंदू, सिख, जैन व बौद्ध धर्म के उपासना स्थलों के प्रतिनिधियों के तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन (टेंपल कन्वेंशन एंड एक्सपो) को संबोधित कर रहे थे। देश में पहली बार आयोजित टेंपल कनेक्ट व अंत्योदय प्रतिष्ठान के इस कार्यक्रम में 32 देशों के 450 मठ, मंदिरों, गुरुद्वारों के व्यवस्थापक ले रहे हैं। कार्यक्रम में पीएम नरेन्द्र मोदी का भेजा शुभकामना संदेश भी पढ़ा गया।
भागवत ने कहा कि मंदिरों को समाज की जागृति के लिए भक्ति और शक्ति का केंद्र बनना होगा। उन्होंने कहा कि मंदिरों के माध्यम से समाज को स्वास्थ्य, शिक्षा, जागरूकता, चरित्र निर्माण, संस्कार आदि प्रदान किये जा सकते हैं। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि बचपन में राजा हरिश्चंद्र की कथा सुनकर ही सत्य साधना का संकल्प लिया था। मंदिरों से युवा पीढ़ी को जोड़कर समर्थ बनाना होगा, ताकि भविष्य की डोर वे अपने हाथों में ले सकें।
केंद्रीय वन पर्यावरण, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि इतिहास में देवालयों को नष्ट किया गया। अब उस इतिहास को बताने, बचाने, संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। कन्वेंशन के अध्यक्ष व महाराष्ट्र के बीजेपी एमएलसी प्रसाद मिनेश लाड ने बताया कि सम्मेलन में मंदिरों की सुरक्षा, सर्विलांस के साथ भीड़, वित्तीय व आपदा प्रबंधन, साफ-सफाई, टैक्स, ग्रीन टेंपल, लंगर-भंडारा, पहुंच मार्ग, प्लास्टिक पर रोक आदि की व्यवस्था को लेकर चर्चा होगी।
आध्यात्मिक, वैज्ञानिक, सामाजिक चेतना के केंद्र हैं मंदिर
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मंदिर हमारी आध्यात्मिक, वैज्ञानिक व सामाजिक चेतना के केंद्र हैं। मंदिरों की संरचना में वैज्ञानिक तथ्य छिपे हुए हैं। जब हम श्रद्धा से श्रीकाशी विश्वनाथ के समक्ष शीश झुकाते हैं तो अनायास सोमनाथ, बैद्यनाथ, केदारनाथ, पशुपतिनाथ, कैलाश मानसरोवर समेत सभी ज्योर्ति¨लगों और पाकिस्तान के चकवाल स्थित कटासराज मंदिर तक से जुड़ जाते हैं। वहीं श्रद्धा जुड़ जाती है बोसोन पार्टिकल की खोज करने वाली स्विट्जरलैंड के जेनेवा की सर्न प्रयोगशाला में स्थापित नटराज शिव से। अनेक मंदिर स्थापत्य की सृष्टि से विश्व के सात आश्चर्यों से अधिक अद्भुत व आश्चर्यजनक हैं। मंदिरों में चलने वाले भंडारे और गुरुद्वारे के लंगर आज भी सामाजिक सरोकार निभा रहे हैं।