झरिया के अग्नि प्रभावित अति खतरनाक क्षेत्रों से हटायें जायेंगे 12 हजार परिवार
झरिया के अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लगभग 12 हजार परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने का निर्देश दिया गया है। झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र के 595 साइट में से 70 क्षेत्र अति खतरनाक हैं इसलिए इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर विस्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
- कोल सेकरटेरी ने बैठक में दिये निर्देश
रांची। झरिया के अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लगभग 12 हजार परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने का निर्देश दिया गया है। झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र के 595 साइट में से 70 क्षेत्र अति खतरनाक हैं इसलिए इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर विस्थापित करने का निर्देश दिया गया है।
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कोल सेकरेटरी अमृत लाल मीणा ने व झारखंड के चीफ सेकरटेरी ने बुधवार को संयुक्त रूप से संबंधित विभाग के अफसरों को दिया। दोनों अफसरों ने इसके लिए जिला प्रशासन और बीसीसीएल अफसरों को अगले तीन माह में पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने को कहा।
अफसरों के साथ बैठक
सेंट्रल कोल मिनिस्टर अमृत लाल मीणा ने रांची में स्टेट के चीफ सेकरेटरी सुखदेव सिंह और अन्य अफसरों के साथ बैठक की। बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में प्रशासन और बीसीसीएल से जुड़े अफसरों को तीन महीने में विस्थापन की पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने को कहा गया है।
लोगों को जल्द दूसरी जगह पर बसाना जरूरी
पीएमओ के निर्देश पर छह महीने के दौरान कोयला मंत्रालय की ओर से झरिया अग्नि प्रभावित इलाके के लोगों के विस्थापन को लेकर कई बैठकें की गई। इसी को ध्यान में रखते हुए चीफ सेकरटेरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अग्नि प्रभावित क्षेत्र की प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें कोल सेकरेटरी अमृत लाल मीणा ने स्थिति को खतरनाक बताते हुए लोगों को शिफ्ट करने की जरूरत पर बल दिया।कोल सेकरेटरी ने कहा कि स्थिति खतरनाक है, इसलिए आग के बीच रह रहे लोगों को जल्द दूसरी जगह बसाना जरूरी है। उन्होंने बीसीसीएल को शिफ्टिंग प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है।
12 हजार लोगों को करना है विस्थापित
इस प्रक्रिया में लगभग साढ़े नौ हजार अवैध कब्जेधारी, 19 सौ रैयत और पांच सौ बीसीसीएलकर्मियों को हटाना है। ये परिवार बरोरा, कतरास, लोदना, पुटकी बलिहारी, कुसुंडा, सिजुआ व बस्ताकोला एरिया के खतरनाक स्थानों में रह रहे हैं। अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को शिफ्ट किए जाने वाले जगहों पर स्कूल, अस्पताल और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने की बात कही गई है। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को इस पर ध्यान देने को कहा है।
BCCL अपने स्टाफ को दो महीने में करे शिफ्ट,रैयतों को फिलहाल मिलेगा पुराना पैकेज का लाभ
बीसीसीएल को अपने कर्मियों को खाली पड़े विभिन्न आवासों में दो महीने में शिफ्ट करने के लिए कहा गया। खतरनाक स्थिति को देखते हुए रैयतों को झरिया मास्टर प्लान के तहत पुराना आरएनआर पैकेज ही देने को लेकर विचार किया गया है। आगे जो कमेटी निर्णय लेगी उसी के अनुसार इसका लाभ फिर दिया जायेगा। मौजूदा स्थिति में जानमाल की क्षति को देखते हुए लोगों को शिफ्ट करना प्राथमिकता है।
बैठक में विस्थापन को लेकर जारी दिशा-निर्देश
बीसीसीएल को अपने कर्मियों को खाली पड़े विभिन्न आवासों में शिफ्ट करने के लिए कहा गया। इस दौरान कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, कोयला मंत्रालय के अवर सचिव, बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता, सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, बीसीसीएल तकनीकी निदेशक संचालन संजय कुमार सिंह, डीटी प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग उदय अनंत कावले, झरिया मास्टर प्लान महाप्रबंधक धमेंद्र मित्तल आदि मौजूद थे। वहीं, धनबाद डीसी संदीप सिंह वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग) के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। उन्होंने भी झरिया पुनर्वास व विकास प्राधिकार के तहत लोगों को शिफ्ट करने को लेकर दिशा-निर्देश दिया।
चीफ सेकरेटरी के समक्ष उठा बुनियादी सुविधा का मामला
बैठक के दौरान बुनियादी सुविधाओं का मुद्दा उठाया गयाा, जिसके कारण विस्थापितों को कई तरह की परेशानी हो रही है। इस पर तय हुआ है कि अग्नि प्रभावित क्षेत्र से लोगों को शिफ्ट किए जाने वाले स्थल पर स्कूल, चिकित्सा, रोजगार सहित अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्य सचिव ने संबंधित विभाग को तुरंत इस पर पहल करने को लेकर दिशा-निर्देश दिया।
कोल सेकरेटरी ने सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात
कोल सेकरेटरी अमृत लाल मीणा व कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने, सीएम से शिष्टाचार मुलाकात की। भावी योजनाओं को लेकर जानकारी दी। वहीं बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता, डीटी संजय कुमार सिंह व उदय आनंत कावले ने झारखंड के गवर्नर रमेश बैस से मुलाकात कर कंपनी की भावी योजनाओं को लेकर जानकारी दी।
झरिया में कई अंडरग्राउंड्स माइंस
झरिया में कई अंडरग्राउंड्स माइंस है। अडरग्राउंड्स माइंस में माइनिंग के लिए कई नियमों का पालन करना होता है। माइनिंग से खाली हुई जमीन पर मिट्टी की भराई करनी होती है,लेकिन ऐसा नहीं किया गया। माइनिंग के लिए विस्फोटक किये जाने से भू-धंसान की समस्या उत्पन्न हुई है। अंडरग्राउंड में कोयले में आग लग गई जिसे समय रहते बुझाने का प्रयास नहीं किया गया। धीरे-धीरे इसने झरिया के बड़े इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। कई दशक से यहां अचानक जमीन धंसने,खुले मैदानों, सड़कों और घर के आंगन में गोफ बनने और दरारों से धुआं और आग निकलने की घटनाएं घटती आई है। भूधंसान से लोगों के जान गंवाने की सैकड़ों घटनायें होती हैं। लंबे समय से लोगों को झरिया से विस्थापित किये जानेकी मांग होती आई है। सेंट्रल गवर्नमेट की ओर से आग व भूधंसान प्रभावित लोगों को दूसरे जगह बसाने की योजना पर काम चल रहा है।