एक्स सेंट्रल मिनिस्टर व समाजवादी लीडर शरद यादव का निधन, PM मोदी सहित कई नेताओं ने जताया शोक
एक्स सेंट्रल मिनिस्टर व एक्स जेडीयू प्रसिडेंट शरद यादव का 75 साल की उम्र में गुरुवार की रात निधन हो गया। कई दिनों से बीमार चल रहे शरद यादव गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। देर रात उनकी पुत्री सुभाषिणी राज राव नेट्वीट कर कहा- पापा नहीं रहे।
75 वर्षीय शरद यादव गुरुग्राम के हॉस्पिटल में थे एडमिट
नई दिल्ली। एक्स सेंट्रल मिनिस्टर व एक्स जेडीयू प्रसिडेंट शरद यादव का 75 साल की उम्र में गुरुवार की रात निधन हो गया। कई दिनों से बीमार चल रहे शरद यादव गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। देर रात उनकी पुत्री सुभाषिणी राज राव नेट्वीट कर कहा- पापा नहीं रहे।
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शरद यादव काफी समय से गुर्दे की बीमारी से पीडि़त थे। गुरुवार रात सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। कुछ घंटे बाद उनका निधन हो गया। इस दिग्गज नेता के निधन की जानकारी उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने फेसबुक पेज पर दी। उन्होंने लिखा-पापा नहीं रहे। पीएम नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस प्रसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।
'शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ
पीएम नरेन्द्र मोदी ने शरद यादव के निधन पर दुख जताया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।'
प्रभावी आवाज खामोश हो गई
डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने शरद यादव के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा, एक्स सेंट्रल मिनिस्टर एवं देश के बड़े वरिष्ठ नेता शरद यादव जी के निधन से मुझे गहरी वेदना की अनुभूति हुई है। अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने हमेशा समाज के कमज़ोर वर्गों की समस्याओं को पुरज़ोर तरीक़े से उठाया। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए भी उन्होंने काफ़ी संघर्ष किया। उनके निधन से भारतीय राजनीति की एक प्रभावी आवाज खामोश हो गई है।' उन्होंने कहा, 'शरद जी के साथ मेरा बड़ा लंबा और बेहद आत्मीय संबंध रहा है। स्वभाव से बेहद सरल और बेबाक़ शरदजी का निधन एक बड़ी क्षति है। दुःख की इस घड़ी में मैं उनके शोकाकुल परिवार और समर्थकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ओम् शांति।'
शरद यादव के निधन से मर्माहत हूं
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि शरद यादव से उनका बहुत गहरा लगाव था। वह महान समाजवादी नेता थे। शरद यादव का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति भी है। मैं मर्माहत हूं। उनका निधन राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र की अपूरणीय क्षति है। वह जेडीयू के नेशनल प्रसिडेंट भी थे।
राजनीतिक सफर बड़े भाई शरद यादव के निधन सेआघात लगा है
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने शरद यादव के निधन पर सिंगापुर से वीडियो के माध्यम से शोक संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि बड़े भाई शरद यादव जी के निधन के खबर सुन कर काफी विचलित हुआ हूं, दुखी हूंऔर काफी आघात लगा है। शरद यादव, मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार और बहुत सारे नेता सब लोग डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, जननायक कर्पूरी ठाकुर के सानिध्य में राजनीति करते आ रहे हैं। आज एकाएक खबर मिला, मैं सिंगापुर में हूं कि वे हमलोगों के बीच में नहीं रहे। वे एक महान समाजवादी नेता थे, स्पष्टवादी थे। शरद जी और मैं कभी कभी लड़ भी जाता था,बोलने के मामले में विचारों को रखने के मामलेमें, लड़ाई का कोई कटु बात नहीं रहता था। लाखों लाख मित्रों को छोड़कर, वे हमलोगों को छोड़कर कैसे उठ गये। भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति दें, शोक संतप्त परिवार को दुख सहन करनेकी शक्ति दें।
शरद यादव के निधन की सूचना पाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दुख जताया। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश की समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेता, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव जी के निधन से दुःखी हूं। उन्होंने कहा कि एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व दशकों तक एक उत्कृष्ट सांसद के तौर पर देश सेवा का कार्य कर,उन्होंने समानता की राजनीति को मज़बूत किया। उनके परिवार एवं समर्थकों को गहरी संवेदनाएं। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शरद यादव के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा, 'मंडल मसीहा, आरजेडी के सीनीयर लीडर, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूं। कुछ कह पाने में असमर्थ हूं।' उन्होंने कहा कि माता जी और भाई शांतनु से बात हुई। दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है।
मंडल कमीशन को लागू करानेवालों में बड़ी भूमिका
कई बार सेंट्रल मिनिस्टर व सात बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के सदस्य शरद यादव का मंडल कमीशन को लागू करानेवालों में उनकी बड़ी भूमिका रही। शरद यादव का जन्म एकजुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के एक गांव में किसान परिवार में हुआ था। शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक परचम लहराया। उनकी पढ़ाई के समय से ही राजनीति में दिलचस्पी रही। 1971 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान जबलपुर मध्यप्रदेश में वो छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये। मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने में निभाई अहम भूमिका निभायी। छात्र राजनीति के साथ शरद यादव पढ़ाई में भी अव्वल रहे। बीइ (सिविल) में गोल्ड मेडल जीता. डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर सक्रिय युवा नेता के तौर पर कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। मीसा के तहत 1969-70, 1972 और 1975 में हिरासत में भी लिये गये।
पहली बार जबलपुर लोकसभा सीट से एमपी चुने गये
शरद यादव पहली बार 1974 में मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गये। यह जेपी आंदोलन का समय था। वह जेपी द्वारा चुने गये पहले कैंडिडेट थे। 1977 में भी वह इसी लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे। उस समय वह युवा जनता दल के अध्यक्ष थे। 1986 में वह राज्यसभा से सांसद चुने गये। 1989 में यूपी की बदाऊं लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर तीसरी बार संसद पहुंचे। वह बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से लोकसभा सदस्य चुने गये थे। जेपी आंदोलन दौरान यादव साल 1974 में पहली बार मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता। साल 1977 में भी उन्होंने इसी सीट से एक बार फिर चुनाव में जीत दर्ज कर संसद में पहुंचे।
दो बार चुने गये राज्यसभा सांसद
शरद यादव को साल 1986 और 2004 में दो बार राज्यसभा का सांसद चुना गया। यादव फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला। वह कई कमेटियों के सदस्य भी रह चुके हैं। मधेपुरा सीट से साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।