धनबाद: सिंदरी रेलवे साइडिंग मार्सलिंग यार्ड में प्रदूषण नियंत्रण मानकों के उल्लंघन का आरोप,जांच टीम के साथ पहुंची पूर्णिमा नीरज सिंह
झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच टीम शनिवार को सिंदरी मार्सलिंग यार्ड रेलवे साइडिंग पर प्रदूषण नियंत्रण मानकों की जांच के लिए पहुंची। जांट टीम में पर्यावरण अभियंता रांची डीपी सिंह, पर्यावरण क्षेत्रीय अधिकारी आरएन चौधरी के अलावा झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह शामिल हैं।
धनबाद। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच टीम शनिवार को सिंदरी मार्सलिंग यार्ड रेलवे साइडिंग पर प्रदूषण नियंत्रण मानकों की जांच के लिए पहुंची। जांट टीम में पर्यावरण अभियंता रांची डीपी सिंह, पर्यावरण क्षेत्रीय अधिकारी आरएन चौधरी के अलावा झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह शामिल हैं।
चीफ सेकरेटरी के निर्देश पर यह टीम बनाई गई है। रेलवे साइडिंग का निरीक्षण करने के बाद पूर्णिमा नीरज सिंह ने बताया कि मार्सलिंग यार्ड रेलवे साइडिंग में प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पूरी तरह उल्लंघन हो रहा है। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया है। रेलवे साइडिंग को ग्रीन केटेगरी के अन्तर्गत डेवलप करने के लिए पौधरोपण का प्रावधान है। इसका पालन नहीं किया जा रहा है।
एमएलए पूर्णिमा ने कहा कि रेलवे साइडिंग पर जहां कोयला इकट्ठा किया जाता है और लोडिंग किया जाता है, प्रदूषण नियंत्रण मानकों के अनुसार वह पूरा स्थान पक्का होना चाहिए। मार्सलिंग यार्ड रेलवे साइडिंग पक्का नहीं है। उन्होंने कहा कि रेलवे साइडिंग पर कोयले के डस्ट को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं किया जा रहा है। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण अभियंता डीपी सिंह ने एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह के आरोपों की संपुष्टि किया। उन्होंने बताया कि रेलवे साइडिंग के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पत्र दिया गया है। अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।ऐसे स्थिति में मार्सलिंग यार्ड रेलवे साइडिंग से कोयले का ट्रांसपोर्टिंग गलत है।
पूर्णिमा नीरज सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर उन्होंने 15 जनवरी को चीफ सेकरेटरी को मार्सलिंग यार्ड रेलवे साइडिंग पर प्रदूषण मानकों के उल्लंघन संबंधी पत्र लिखा था। विधानसभा में भी इस मामले को उठाई थी। चीफ सेकरेटरी ने दो मार्च को उनके द्वारा उठाये गये मुद्दे पर जांच समिति गठन किये जाने की सूचना दी। जांच टीम ने बताया कि मार्सलिंग यार्ड रेलवे साइडिंग पर प्रदूषण नियंत्रण मानकों के उल्लंघन के मामले में कार्य को सस्पेंड करने की अनुसंशा करेंगे और संबंधित एजेंसी के बिरुद्ध कानूनी कार्रवाई की अनुसंशा भी करेंगे।
रेलवे ट्रांसपोर्टिंग कंट्रेक्टर मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि मार्सलिंग यार्ड रेलवे साइडिंग दस माह तक लगातार बंद रहने के बाद जनवरी में दुबारा चालू हुआ है। एनओसी के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष आवेदन पत्र दिया गया है। रेलवे साइडिंग के लंबे समय तक बंद रहने के कारण ग्रीन केटेगरी के लिए पौधरोपण नहीं हुआ है। रेलवे साइडिंग को पक्का करने के लिए रेलवे ने टेंडर निकाला है।