अयोध्या: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने किये रामलला के दर्शन, रामायण कान्क्लेव का शुभारंभ
प्रसिडेंट राम नाथ कोविन्द रविवार को पौराणिक रामनगरी अयोध्या पहुंच रामलला के दर्शन किये। इससे पहले उन्होंने रामायण कान्क्लेव के शुभारंभ और हनुमागढ़ी में दर्शन व पूजन किया।
लखनऊ। प्रसिडेंट राम नाथ कोविन्द रविवार को पौराणिक रामनगरी अयोध्या पहुंच रामलला के दर्शन किये। इससे पहले उन्होंने रामायण कान्क्लेव के शुभारंभ और हनुमागढ़ी में दर्शन व पूजन किया। अयोध्या में राष्ट्रपति का भव्य स्वागत आठ मंचों से किया गया। यह दूसरी बार है, जब कोई प्रसिडेंट अयोध्या आये हैं। वर्ष 1983 में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह भी अयोध्या आये थे। 37 साल बाद किसी प्रसिडेंट ने रामलाला का दर्शन किया है।
गवर्नर आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रसिडेंट की अगवानी की। हनुमागढ़ी में दर्शन पूजन के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। उन्होंने रामलला के दर्शन किये। वैदिक मंत्रों के बीच उन्होंने पत्नी सविता कोविन्द के साथ रामलला की आरती उतारी। रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने पूजा-अर्चना करवाई। राष्ट्रपति ने राम मंदिर का निर्माण कार्य भी देखा।
प्रसिडेंट राम नाथ कोविन्द ने विराजमान रामलला से चंद कदमों के फासले पर दक्षिण दिशा में राष्ट्रपति के हाथों रुद्राक्ष का पौधा रोपित किया। रुद्राक्ष औषधीय वृक्ष है और आयुर्वेद में भी उसका विशिष्ट स्थान है। एक वर्ष पूर्व पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम में आये पीएम नरेंद्र मोदी ने रामजन्म भूमि परिसर में पारिजात का पौधा रोपित किया था।40 मिनट के कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति तकरीबन 25 मिनट जन्म भूमि परिसर में व्यतीत किया। उन्होंने पर्यटन विभाग की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिल्यान्यास भी किया।
प्रसिडेंट राम नाथ कोविन्द ने कहा कि अयोध्या मानव सेवा का उत्कृष्ट केंद्र बने। शिक्षा और शोध का भी वैश्विक केंद्र बनाया जाए। उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय और युवा पीढ़ी को रामकथा में निहित जीवन मूल्यों से जोड़ना चाहिए। रामायण में राम निवास करते हैं। वाल्मीकि जी ने कहा था जब तक पृथ्वी पर नदी और पर्वत रहेंगे रामकथा लोकप्रिय रहेगी। रामकथा के अनेक पठनीय रूप देश और विदेश में प्रचलित है। कोविन्द ने कहा कि अयोध्या प्रभु राम की जन्म और लीला भूमि तो है ही बिना राम के इस नगरी की कल्पना करना भी असंभव है। उन्होंने कहा रामायण का प्रचार महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसमें जीवन के निहित मूल्य मानवता के लिए हमेशा प्रासंगिक हैं। दर्शन के साथ-साथ रामायण आदर्श आचार संहिता भी प्रदान करती है जो हमारे जीवन के सभी पहलुओं का मार्गदर्शन करती है।
रामायण कान्क्लेव के शुभारंभ के बाद प्रसिडेंट कोविन्द ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि रामायण एक ऐसा विलक्षण ग्रंथ है। यह राम कथा के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादा को प्रस्तुत करता है। मुझे विश्वास है कि रामायण के प्रचार-प्रसार के लिए यूपी सरकार का यह प्रयास पूरी मानवता के हित में बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। राष्ट्रपति ने रामायण कान्क्लेव के आयोजन और कला व संस्कृति के माध्यम से आम लोगों तक रामायण पहुंचाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम की सराहना भी की।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम जन-जन के हैं। हमारी आस्था और रोम-रोम में राम बसे हैं। यही आस्था ही अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के मार्ग को प्रशस्त किया है। इस दौरान लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने शानदार अंदाज में गीतों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने जय श्रीराम का जयघोष किया।