धनबाद:बीजेपी लीडर Satish Singh Murder Case: चार दिन में चार कदम नहीं पहुंची पुलिस, इंटेंनेशन व क्रिमिनलों पर कन्फ्यूजन

कुस्तौर निवासी बीजेपी लीडर Satish Singh Murder के चार दिन में पुलिस चार कदम नहीं पहुची है। मर्डर के खुलासे के लिए पुलिस अपनी सक्रियता दिखाने के लिए एसआइटी बनाकर काम कर रही है। ताबड़तोड़ छापामारी कर रही है। पुलिस टीम मर्डर के इंटेंनेशन व क्रिमिनलों पर कन्फ्यूज है। 

धनबाद:बीजेपी लीडर Satish Singh Murder Case: चार दिन में चार कदम नहीं पहुंची पुलिस, इंटेंनेशन व क्रिमिनलों पर कन्फ्यूजन
सतीश सिंह (फाइल फोटो)।
  • ताबड़तोड़ रेड, पुराने चार्जशीटेड पर दबिश
  • कोयलांचल की क्राइम हिस्ट्री से अननोन अफसरों के भरोसे जांच

धनबाद। कुस्तौर निवासी बीजेपी लीडर Satish Singh Murder के चार दिन में पुलिस चार कदम नहीं पहुची है। मर्डर के खुलासे के लिए पुलिस अपनी सक्रियता दिखाने के लिए एसआइटी बनाकर काम कर रही है। ताबड़तोड़ छापामारी कर रही है। पुलिस टीम मर्डर के इंटेंनेशन व क्रिमिनलों पर कन्फ्यूज है। पुलिस टेक्नीखल अनुसंधान व कोल डंप के सहारे क्रिमिनलों तक पहुंचने की कोशिश में हैं। 
पुलिस धनबाद, बैंक मोड़ व केंदुआडीह पुलिस स्टेशन एरिया के संदिग्ध, शूटर व छोटे-बड़े क्रिमिनलों को खोज रही है जो पहले से ऐसी घटनाओं में शामिल रहे हैं। पुलिस अभी तक करीब दर्जन भर ऐसे संदिग्धों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर चुकी है। पुलिस टीम ने शुक्रवार की देर रात पुलिस ने मटकुरिया से पिंटू सिंह को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है। दो माह पहले ही पिंटू जेल से बाहर आया है। पिंटू पर रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह पर बैंक मोड़ में गोली चलवाने का आरोप है। मामले में में राजेश चौहान की गिरफ्तारी के बाद पिंटू सिंह की संलिप्तता सामने आई थी। 

भीम और गोलू की खोज
सतीश मर्डर केस में पुलिस कुस्तौर निवासी भीम सिंह और गोधर निवासी गोलू रवानी को खोज रही है। अभी पुलिस का ध्यान मुख्य रुप से इन दोनों पर ही केंद्रित है। दोनों अंडरग्राउंड है। पुलिस सोर्सेज का मानना है कि भीम सिंह और गोलू रवानी के पकड़ में आने के बाद मर्डर  के कारणों का पता चल सकता है। पुलिस इन दोनों की खोज में उनके संपर्क में रहने वाले लोगों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है।
मर्डर के इंटनेशन व परदे के पीछे सफेदपोश की रोल पर उलझी पुलिस
बड़ा सवाल यह है कि मर्डर का कारण क्या है ? मर्डर के पीछे किन लोगों का हाथ है ? क्या धनबाद पुलिस इस मर्डर केस के राज को खोल पायेगी। टाउन के भीड़-भाड़ इलाके में दिनदहाड़े मर्डर धनबाद पुलिस के लिए बड़ी चनौती है। पुलिस अपनी सक्रियता दिखाने के लिए एसआइटी गठित कर हाथ-पांव मार रही है। कोयला राजधानी धनबाद जिला एक वीक से बिना पुलिस कप्तान के चल रहा है। सिटी एसपी ही एसएसपी व रुरल एसपी के प्रभार में हैं। डीआइजी भी सतीश की मर्डर को लेकर लगातार जिला पुलिस के संपर्क में हैं। एसआइटी में शामिल पुलिस अफसर मीडिया व राजनेताओं से भी संभावित कारणों की टोह ले रहे हैं। मर्डर में संदिग्ध सफेदपोश पुलिस एक्शन की जानकारी के लिए एक्टिव हैं। एसआइटी में शामिल अफसर से डे टू डे कंटैक्ट में हैं। कोयलांचल की क्राइम हिस्ट्री से अननोन अफसरों के भरोसे इस मर्डर केस की जांच पुलिस के लिए परेशानी खड़ा कर रही है। संदिग्ध सफेदपोशों पर संरक्षकों पर पुलिस दबिश नहीं दे पा रही है। 

खैरा में दो दबंग राजानीतिक हस्तियों बैंकफुट पर लाया था सतीश ने
सतीश सिंह ने खैरा समेत इलाके के आउटसोर्सिंग से दो राजनीतिक दंबग शक्तियों को बैकफुट पर ला दिया था। तमाम कोशिश, धमकी व लालच के बावजूद सतीश पीछे नहीं हटा। यही कारण लोकल मजदूर के बीच सतीश की बड़ी पैठ हो गयी थी। सतीश के इशारे पर मजदूर करो या मरो के लिए तैयार रहते थे। बीजेपी एमएलए राज सिन्हा का करीबी होने के कारण दंबगों ने सतीश के खिलाफ कई झूठे केस दर्ज करवाये लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी। एक राजनीतिक शक्ति ने तो सतीश की लोकल पैठ व जिद्द के आगे सरेंडर बोल दिया था। इस गुट के लोग सतीश के साथ मिलकर काम करने लगे थे। एक विरोधी राजनीति गुट की ओर से सतीश को लगातार धमकी दी जा रही थी। अपने साथ जुड़ने व रंगदारी वसूली के लिए प्रेशर दिया गया था। मोटी रकम भी मांग की गयी थी। क्रिमिनलों से भी धमकी दिलायी गयी थी। तमाम धमकी के बावजूद सतीश ने एमएलए राज सिन्हा का साथ छोड़ने से इनकार कर दिया था। 

पुलिस ने केंदुआ से लेकर सरायढेला तक हाथ-पांव मार रही है। पुलिस जमीन कारोबार, आउटसोर्सिंग विवाद और एक अन्य कारण के सेंटर में रखर जांच कर रही है। एक प्रभावी राजनीतिक शक्ति मर्डर को अन्य कारण की तरफ मोड़ना चाहती है। हालांकि पुलिस का मुख्य रूप से ध्यान आउटसोर्सिंग विवाद पर है। आउटसोर्सिंग को ही ध्यान में रख अनुसंधान की दिशा जा रही है। पुलिस सत्ता व विपक्ष दोनों दंबग राजनीतिक शक्तियों के तरफ नजर रख रही है। 

जमीन में भी किया था इन्वेस्ट
 
सतीश सिंह ने आउटसोर्सिंग कंपनियों में ऑथराइज्ड पर्सन के तौर पर पकड़ बना ली थी। उसने जमीन के कारोबार में भी काफी इन्वेस्ट किया था। गोविदपुर से बलियापुर रोड में सतीश ने पार्टनरशीप में कई जगह बड़ा प्लाट खरीदा था। पुनर्वास कालोनी झरिया विहार बेलगढिया के पास भी उसने 7.5 एकड का प्लाट लिया था। इसमें स्कूल व डुप्लेक्स बनाने की सतीश की प्लान थी। हाल ही में बलियापुर के पास जमीन के रास्ता को लेकर उपजे विवाद में लोकल लोगों ने सतीश के एक पार्टनर की  पिटाई की थी। राजनीतिक रुप से अपने व दूसरे दल के दबंगों से सतीश का 36 का रिश्ता था। सतीश अपनी जिद्दी स्वभाव के कारण दबंग राजनीतिक संरक्षण पाये लोगों को खटकने लगा था। 

BJP में भी बना ली थी मजबूत पकड़
बीजेपी में भी सतीश सिंह उभरते हुए लीडर थे। बहुत कम समय में ही उन्होंने पार्टी में अपनी खास जगह बना ली थी। वे भाजपा के केंदुआ मंडल के उपाध्यक्ष थे। इस बार रायशुमारी में उन्होंने मंडल अध्यक्ष पद की दावेदारी की थी। वह एमएलए राज सिन्हा के कट्टर समर्थक माने जाते थे।कहा जाता है कि मंडल अध्यक्ष के लिए विधायक का भी वरद हस्त उन्हें हासिल था। केंदुआ, गोधर, गोपालीचक, कुस्तौर, अलकुसा इलाकों में आउटसोर्सिंग कंपनियों में मैनुअल लोडिंग व अन्य मामलों को लेकर उनकी लगातार सक्रियता की वजह से उनका जनाधार काफी व्यापक हो चला था। कहा जाता है कि म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन चुनाव में केंदुआ 11 नंबर वार्ड जेनरल सीट हो जाने पर वहां की पार्षद बेबी देवी ने सतीश समर्थन की मांग की थी। बेबी अनुसूचित जाति की हैं,  सतीश ने समर्थन किया व तमाम विरोधों के बावजूद बेबी देवी विजयी हुईं।लोकसभा चुनाव से पूर्व एमएलए राज सिन्हा की सभा कुस्तौर में हुई और काफी सफल रही। इस सभा की सफलता का श्रेय सतीश सिंह को ही मिला था। पुराने नेताओं ने जहां इसे दो बड़े नेताओं की प्रतिद्वंद्विता समझ दूरी बनाई, वहीं सतीश ने अकेले दम पर रैली सफल करा ली थी। आजकल केंदुआ-पुटकी क्षेत्र में सतीश बीजेपी के सबसे तेजतर्रार युवा नेता की छवि हासिल कर चुके थे।

सतीश की मर्डर एमएलए राज सिन्हा के लिए व्यक्तिगत क्षति
सतीश की मर्डर से धनबाद जिला भाजपा के तमाम नेता और कार्यकर्ता मर्माहत हैं। बीजेपी लीर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। धनबाद एमएलए राज के लिए तो सतीश की हत्या व्यक्तिगत क्षति है। एमएलए ने खुद फेसबुक पर टिप्पणी की है-सतीश सिंह जी की हत्या मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।

फ्लैश बैक

बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन एरिया के मटकुरिया विकास नगर में 19 अगस्त को दिनदहाड़े साढ़े तीन बजे बीजेपी लीडर सतीश सिंह कोदो बाइक सवार चार क्रिमिनल शूट कर चले जाते हैं। यह सब सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड होता है। एक बाइक परपीछे बैठा शूटर सतीश को नजदीक से गोली मार आगे बढ़ जाता है। उसके पीछे-पीछे एक बाइक पर दो क्रिमिनल कवर करते हुए चलते हैं। मामले में सतीश के भाई ने अननोन चार क्रिमिनलों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी है।