बांग्लादेश : चिट्टागांव में हिंदू मंदिरों पर हमले, चार लोगों की मौत, कई घायल, 22 जिलों में बॉर्डर गार्ड के जवान तैनात

बांग्लादेश के चिट्टागांव, कोमिला व चांदपुर में हिंदू मंदिरों पर हमलों में चार लोगों की मौत हुई है।कि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। सोशल मीडिया पर पवित्र कुरान के अपमान की अफवाह के बाद हिंदुओं के घरों और दुकानों को भी निशाना बनाया गया। देश में कई जगह हिंसक घटनाओं के बाद मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। घटना के बाद 22 जिलों में बॉर्डर गार्ड के जवान तैनात कर दिये गये हैं। 

बांग्लादेश : चिट्टागांव में हिंदू मंदिरों पर हमले, चार लोगों की मौत,  कई घायल,  22 जिलों में बॉर्डर गार्ड के जवान तैनात
  • सोशल मीडिया पर अफवाह के बाद हिंदुओं के घर-दुकानों को बनाया गया निशाना बनाया गया

ढाका। बांग्लादेश के चिट्टागांव, कोमिला व चांदपुर में हिंदू मंदिरों पर हमलों में चार लोगों की मौत हुई है।कि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। सोशल मीडिया पर पवित्र कुरान के अपमान की अफवाह के बाद हिंदुओं के घरों और दुकानों को भी निशाना बनाया गया। देश में कई जगह हिंसक घटनाओं के बाद मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है। घटना के बाद 22 जिलों में बॉर्डर गार्ड के जवान तैनात कर दिये गये हैं। 

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बांग्लादेश पुलिस का कहना है कि दुर्गा पूजा के दौरान चांदपुर जिले में भीड़ ने हिंदू मंदिर पर हमला किया। इस दौरान हुई झड़प में गोली मारकर तीन लोगों की मर्डर कर दी गई। देश के अलग-अलग हिस्सों से मंदिरों पर इसी तरह के हमलों की खबरें आ रही हैं।बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने ट्वीट करके कहा है कि 13 अक्टूबर 2021, बांग्लादेश के इतिहास का निंदनीय दिन है। अष्टमी के दिन मूर्ति विसर्जन के मौके पर कई पूजा मंडपों में तोड़फोड़ हुई है। हिंदुओं को अब पूजा मंडपों की रखवाली करनी पड़ रही है। आज पूरी दुनिया चुप है। मां दुर्गा अपना आशीर्वाद सभी हिंदुओं पर बनाए रखें। कभी माफी न दें।

हिंसा में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जायेगा: पीएम

प्राइम मिनिस्टर शेख हसीना ने एक बयान जारी कर कहा है कि हिंसा में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जायेगा।इससे फर्क नहीं पड़ता कि उनका धर्म क्या है। बांग्लादेश में गुरुवार को दुर्गा पूजा का पर्व मनाया गया। इस दौरान हसीना ने राजधानी ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचकर हिंदू समुदाय के लोगों से मुलाकात की।

चांदपुर के हाजीगंज उपजिले में पुलिस और मुस्लिम उपद्रवियों के बीच संघर्ष में तीन लोग मारे गये

बताया जाता है कि बुधवार को कमीला की सीमा से लगे चांदपुर के हाजीगंज उपजिले में पुलिस और मुस्लिम उपद्रवियों के बीच संघर्ष के दौरान तीन लोग मारे गये। वहीं एक अन्य शख्स की बाद में मृत्यु हो गयी। अफसरों ने हाजीगंज में रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अफसरों ने गोली लगने से चार लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि संघर्ष में दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। पुलिस ने कहा कि उनके कुछ अफसर भी जख्मी हुए हैं। भीड़ ने पुलिस और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर हमला कर दिया था। उनके वाहनों में तोड़फोड़ की थी। हालांकि उन्होंने यह नहीं स्पष्ट किया कि लोग पुलिस कार्रवाई में मारे गये हैं या नहीं। हालांकि  खबरों में बताया जा रहा है कि पुलिस ने 500 से अधिक लोगों की भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। अफसरों अनुसार यहां से लगभग 100 किलोमीटर दूर कमीला में दुर्गा पूजा पंडाल में कथित ईशनिंदा की घटना के बाद पुलिस को सूचित किया गया। इसके बाद जांच शुरू की गयी। कमीला, पड़ोस के हाजीगंज, हतिया और बांसखाली तटीय उप जिलों के कुछ हिस्सों में भी उपद्रवियों के मंदिरों पर हमले के बाद हिंसा भड़क गयी। सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए बड़े स्तर पर किया गया।

हिंसा के सिलसिले में 43 लोगों को पुलिस ने लिया कस्टडी में
     
हिंदू धार्मिक नेताओं ने हिंसा को दुर्गा पूजा समारोहों को बाधित करने की साजिश का हिस्सा बताया और उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ हिंदू मंदिरों की सुरक्षा की मांग की है। कमीला जिला पूजा समारोह समिति के सचिव निर्मल पाल ने कहा कि एक समूह विशेष ने दुर्गा पूजा रोकने के लिए पंडाल में ईशनिंदा की गतिविधियां कीं। पुलिस ने बताया कि उन्होंने अब तक हिंसा के सिलसिले में 43 लोगों को कस्टडी में लिया है। कमीला पूजा स्थल का पहला वीडियो सोशल मीडिया पर डालने वाले लोगों को भी कस्टडी में रखा गया है। डीआइजी अनवर हुसैन ने कमीला में मीडिया से कहा कि 'जांच चल रही है और हम सुरक्षा कैमरों के फुटेज को देखकर भी उपद्रवियों की पहचान कर रहे हैं।

सत्तारूढ़ अवामी लीग के महासचिव और देश के सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादिर ने कहा कि कट्टरपंथी तत्वों ने राजनीतिक मकसद से 10-12 जगहों पर हिंदू मंदिरों पर हमले किये।  उन्होंने यहां रामकृष्ण मिशन में एक पूजा पंडाल में संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में हमारी सरकार उनकी कुत्सित सोच को साकार नहीं होने देगी। उन्होंने अफवाह फैलाने वाले लोगों को देश में धार्मिक सौहार्द नहीं बिगाड़ने की चेतावनी दी और बताया कि प्रधानमंत्री हसीना ने सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के आदेश दिये हैं। धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने आपात नोटिस जारी कर जनता से कानून अपने हाथ में न लेने का अनुरोध किया है।

सोशल मीडिया पर अफवाहों से भड़की हिंसा 
सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलने के बाद देश के कई जिलों और इलाकों में हिंसा फैल गई। चांदपुर इलाके में कई लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं पुलिस ने दर्जनों लोगों को अरेस्ट किया है। धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि उसे सूचना मिली है कि इस्लाम के पवित्र ग्रंथ का कोमिला में अपमान किया गया है।

कोमिला एरिया में हुआ पहला हमला
बताया जाता है कि हिंसा पहले कोमिला इलाके में शुरू हुई और फिर आसपास के क्षेत्रों में भी फैल गई। सोशल मीडिया पर कुरान के अपमान की अफवाह फैली थी जिसके बाद प्रतिक्रिया में हिंदू मंदिरों और दुर्गा पंडालों पर हमले किये गये। सबसे पहला हमला कोमिला क्षेत्र में ही दुर्गा पंडाल पर हुआ। इसके बाद कई इलाकों से हिंसा और तनाव की खबरें आई हैं। लोकल  लोगों ने बताया कि हमले के समय दुर्गापूजा के लिए बड़ी संख्या में हिंदू मौजूद थे।

बांग्लादेश में पहले भी हो होते रहे हैं हिंदू मंदिरों पर हमले
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले का पुराना इतिहास है। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश की 16.9 करोड़ की आबादी में लगभग 10 परसेंट लोग हिंदू हैं। पिछले कुछ वर्षों में छिटपुट हिंसा की घटनाएं होती रही हैं, जिनमें से ज्यादातर सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलाने से हुईं।भारत में बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले ही वर्ष 1990 की 29 अक्टूबर को बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी राजनीतिक संगठन ने बाबरी मस्जिद को गिराये जाने की अफवाह फैला दी थी। इसके चलते 30 अक्टूबर को हिंसा भड़क गई थी। हिंसा दो नवंबर 1990 तक जारी रही थी। इस हिंसा में कई हिंदू मारे गये थे।इस घटना के बाद से हिंदुओं और मंदिरों पर कई बार हमले हुए हैं, लेकिन इनकी सही से जांच नहीं हो सकी।