Bihar: हर्ष फायरिंग में 17 की मौत, 199 अरेस्ट, पुलिस- प्रशासन सख्त, मैरेज हॉल की बनेगी लिस्ट,लगेंगे CCTV कैमरे
बिहार में पिछले डेढ़ साल में हर्ष फायरिंग में 17 लोगों की मौत हुई है। हर्ष फायरिंग के आरोप में 199 आरोपितों को अरेस्ट किया गया है। पुलिस हेडक्वार्टर रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में हर्ष फायरिंग के 99 मामले दर्ज किये गये।
- सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित होने वाले सामाजिक व सांस्कृतिक आयोजनों की पुलिस स्टेशन में देनी होगी लिखित जानकारी
- आयोजन में भाग लेने वाले व्यक्तियों की अनुमानित संख्या कितनी होगी
- कोई प्राइवेट आर्म्स लाइसेंस भी भाग लेंगे या नहीं
पटना। बिहार में पिछले डेढ़ साल में हर्ष फायरिंग में 17 लोगों की मौत हुई है। हर्ष फायरिंग के आरोप में 199 आरोपितों को अरेस्ट किया गया है। पुलिस हेडक्वार्टर रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में हर्ष फायरिंग के 99 मामले दर्ज किये गये।
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#BiharPolice द्वारा हर्ष फायरिंग के खिलाफ एवं इसके रोकथाम हेतु नए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को निर्गत किया गया। अकारण फायरिंग जानलेवा हो सकता है, और यह दंडनीय अपराध है।#HainTaiyaarHum
— Bihar Police (@bihar_police) June 30, 2023
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वर्ष 2022 में हर्ष फायरिंग में आठ की लोगों की मौत हुई है। 36 जख्मी हुए। इस दौरान 127 को अरेस्ट किया गया। जबकि 18 आर्म्स जब्त किये गये। इनमें आठ का लाइसेंस कैंसिल किया गया। इस साल मई तक हर्ष फायरिंग के 38 मामले दर्ज किये गये हैं। इनमें नौ की मौत हुई है जबकि 13 घायल हुए हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 72 को अरेस्ट किया है। तीन आर्म्स जब्त किये गये हैं। एक का लाइसेंस कैंसिल किया गया है।
लोकल पुलिस स्टेशन को देनी होगी आयोजन की सूचना
अब सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित होने वाले सामाजिक व सांस्कृतिक आयोजनों की लिखित जानकारी लोकल पुलिस स्टेशन को देनी होगी। इसमें शादी-विवाह के साथ आर्केस्ट्रा आदि के कार्यक्रम भी शामिल हैं। यह भी बताना होगा कि आयोजन में भाग लेने वाले व्यक्तियों की अनुमानित संख्या कितनी होगी। कार्यक्रम में कोई निजी आर्म्स लाइसेंसी भी भाग लेंगे या नहीं।
हर्ष फायरिंग रोकने को SOP
पुलिस हेडक्वार्टर ने हर्ष फायरिंग की घटनाओं को रोकने के लिए नई एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी की है। सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारियों, एसएसपी व एसपी को नई एसओपी के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इसमें हर्ष फायरिंग होने पर आयोजक के साथ मैरेज हाल के मैनेजमेंट और पुलिस तीनों को जवाबदेह बनाया गया है। दोषी पाये जाने पर दो साल की सजा और एक लाख के जुर्माने का प्रविधान है।पुलिस हेडक्वार्टर में आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) संजय सिंह ने बताया कि नई एसओपी शहरी व ग्रामीण सभी इलाकों में प्रभावी होगी। शहरी इलाकों में पुलिस स्टेशन और ग्रामीण इलाकों में चौकीदार के माध्यम से जानकारी पुलिस स्टेशन को जानकारी देनी होगी। इसके लिए विशेष घोषणा-पत्र बनाया गया है, जिसे भरना होगा।
घायल न होने पर भी होगी FIR
हर्ष फायरिंग को लेकर जारी घोषणापत्र में कार्यक्रम की तिथि एवं समय, आयोजन का प्रकार, आयोजन स्थल का नाम, आयोजक का पूरा नाम, पता एवं मोबाइल नंबर, अतिथियों की संख्या व आर्म्स लाइसेंस के भाग लेने की संभावना आदि से जुड़ी जानकारी देनी है। घोषणा पत्र में उल्लेख होगा कि हर्ष फायरिंग करना शस्त्र अधिनियम के अंतर्गत अवैध और दंडनीय है। हर्ष फायरिंग में कोई व्यक्ति घायल हो अथवा नहीं, शस्त्र अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी। आयोजक यह घोषणा करेगा कि मुझे हर्ष फायरिंग के प्रविधानों की जानकारी है। मैं इसका अनुपालन करूंगा। अगर कार्यक्रम में किसी प्रकार से आर्म्स का दुरुपयोग होता है तो इसकी सूचना पुलिस स्टेशन को दूंगा।
एक माह में पुलिस स्टेशन लेवल पर लाइसेंस वेरीफिकेशन
पुलिस हेडक्वार्टर ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को थाना स्तर पर शस्त्र लाइसेंस पाने वालों का वेरीफिकेशन कराने को कहा है। इसके लिए एक माह की समयसीमा तय की गई है। यदि प्रतिधारक (रिटेनर) की अनुमति ली गई है, तो प्रतिधारक का सत्यापन करने को भी कहा गया है। हर साल सत्यापन की प्रक्रिया नियमित रूप से करने का निर्देश दिया गया है।
मैरेज हॉल की लिस्ट बनेगी, कैमरे लगेंगे
सभी पुलिस एरिया के अंतर्गत आने वाले विवाह समारोह स्थल, मैरेज हॉल, होटल, धर्मशाला, सामुदायिक भवन की लिस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद मालिक व मैनेजर आदि से बात कर था समारोह स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा जायेगा। इसके बाद ही कार्यक्रम की अनुमति दी जाएगी। कैमरे उन जगहों पर लगाये जायेंगे जहां से कार्यक्रम की सभी मुख्य गतिविधियां स्पष्ट रिकार्ड की जा सके।
हर्ष फायरिंग पर थानाध्यक्ष करेंगे जांच
हर्ष फायरिंग की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष को स्वयं घटनास्थल पर जाकर जांच करने को कहा गया है। अगर कोई वादी नहीं है, तो पुलिस अपने बयान पर प्राथमिकी दर्ज कराएगी। इसमें आयोजक की भूमिका की भी जांच की जायेगी। सभी डीएसपी को इससे जुड़े कांडों का पर्यवेक्षण एक सप्ताह के अंदर करने को कहा गया है। हर्ष फायरिंग में शामिल आर्म्स का लाइसेंस सस्पेंड व कैंसिल करने की अनुशंसा भी की जायेगी। यह भी देखा जायेगा कि पुलिस स्टेशन लेवल पर एसओपी में तय कार्रवाई की गई थी या नहीं। प्रशासनिक विफलता पर दोषी अफसरों पर भी कार्रवाई होगी।