बिहार: पटना में 21 पुलिस कांस्टेबल डिसमिस, शराब पीने से लेकर सोना चोरी और घूसखोरी समेत अन्य गंभीर आरोप
एसएसपी मनावजीत सिंह ढिल्लो ने शराब और भ्रष्टाचार में संलिप्त 10 और 11 भगोड़े पुलिस कांस्टेबल को डिसमिस कर दिया है। इनमें पटना पुलिस मेंस एसोसिएशन का उपाध्यक्ष वेध निधि उर्फ लाली भी शामिल है। डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग में दोषी पाये जाने पर एसएसपी ने पुलिस कांस्टेबलों के खिलाफ कार्रवाई की है।
- पटना पुलिस मेंस एसोसिएशन का उपाध्यक्ष वेध निधि उर्फ लाली की भी नौकरी गयी
- शराब पीने के आरोप में पकड़े गये थे पांच कांस्टेबल
- तीन पुलिस कांस्टेबल पर लगा था घूस लेने का आरोप
- दो की गंभीर क्राइम में संलिप्तता के प्रमाण
- 11 पुलिस कांस्टेबल बिना बताये पांच वर्षों से थे ड्यूटी से हैं फरार
पटना। एसएसपी मनावजीत सिंह ढिल्लो ने शराब और भ्रष्टाचार में संलिप्त 10 और 11 भगोड़े पुलिस कांस्टेबल को डिसमिस कर दिया है। इनमें पटना पुलिस मेंस एसोसिएशन का उपाध्यक्ष वेध निधि उर्फ लाली भी शामिल है। डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग में दोषी पाये जाने पर एसएसपी ने पुलिस कांस्टेबलों के खिलाफ कार्रवाई की है।
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डिसमिस किये गये पुलिस कांस्टेबल सह मेंस एसोसिएशन का उपाध्यक्ष वेध निधि उर्फ लाली के खिलाफ कई क्रिमिनल केस दर्ज हैं। कदमकुआं पुलिस स्टेशन में 14 जुलाई, 2018 को दर्ज धोखाधड़ी कर सोना की चोरी करने के आरोप में भी उस पर कार्रवाई की गई है। एसएसपी ने बताया कि आपरेशन क्लीनअप के तहत अलग-अलग मामलों में दोषी पुलिस कांस्टेबलों को जनवरी की विभिन्न डेट से डिसमिस कर दिया गया है।
शराब पीकर कर की थी फायरिंग
पुलिस कांस्टेबल इंद्रजीत तिवारी ने शराब के नशे में तीन राउंड फायरिंग कर दी थी। इसके बाद उसका आर्म्सर जब्त कर जांच के लिए भेजा गया था। कांस्टेबल अखिलेश पाठक, बहादुर उरांव, अजय कुमार (कांस्टेबल नंबर 6114) और विशेष कुमार सिंह शराब पीने के आरोप में दोषी पाये गये थे। हालांकि, अखिलेश पाठक की मेडिकल जांच नहीं कराई गई थी। शराब पीकर हंगामा करने के आरोप में अजय को कदमकुआं पुलिस स्टेशन और विशेष को गांधी मैदान पुलिस स्टेशन की पुलिस ने जेल भेजा था।
पुलिस लाइन से कांस्टेबल ने चुराई थी बुलेट
डिसमिस किये गये कांस्टेबल रविकांत तिवारी ने नवीन पुलिस लाइन में खड़ी बुलेट बाइक चुरा ली थी। वेध निधि उर्फ लाली पर सोने की चोरी का आरोप था। श्रीराम मालाकार खगड़िया जिले में डॉरी डेथ ता नेम्ड एक्युज्ड था। अजय कुमार को विजिलेंस की टीम ने घूस लेते अरेस्ट किया था। पुलिस ड्राइवर श्रीकांत पांडेय सरकारी गाड़ी के मीटर रीडिंग में छेड़छाड़ कर ईंधन की राशि का गबन कर रहा था।
पांच साल से हैं गायब
पुलिस कांस्टेबल नितेश कुमार, हरेंद्र प्रसाद, नितीश कुमार, भूषण कुमार, रानी कुमारी, अशोक कुमार, शशिभूषण तिवारी, नंद कुमार यादव, शंकर कुमार, अर्पनेश कुमार और रामानंद कुमार बिना किसी सूचना के पांच साल से अधिक समय से ड्यूटी से लापता है। इनके बैंक अकाउंट में कई महीनों तक वेतन की राशि जमा की गई। समीक्षा के उपरांत पेमेंट रोक दिया गया था। जिला पुलिस ने इन्हें हाजिर होने के लिए सेवा पुस्तिका में वर्णित पते पर नोटिस भी भेजा, लेकिन ये नहीं हाजिर हुए। डिपार्टमेंटल सोर्सेज का कहना है कि इनमें से अधिसंख्य को दूसरी सरकारी नौकरी मिल चुकी है। इनसे वेतन भुगतान की रकम भी वसूली जायेगी।