Bihar: इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रूपेश सिंह मर्डर केस के चारों अभियुक्त बरी

डिगो एयरलाइन के मैनेजर रूपेश सिंह मर्डर केस के चारों अभियुक्तों को रिहा कर दिया गयाा है। पटना के एडीजे 9 अविनाश कुमार की अदालत द्वारा मामले के  चार अभियुक्त सौरभ कुमार उर्फ पवन उफॅ खरहा निवासी  एलआइजी  कालोनी ककंडबाग ,ऋतुराज आदशॅ  कालोनी खेमनीचक, जयशंकर ऊफ पुष्कर उर्फ छोटू उर्फ बाबा एवं आर्यन जायसवाल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

Bihar: इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रूपेश सिंह मर्डर केस के चारों अभियुक्त बरी
रूपेश सिंह (फाइल फोटो)।
  • कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में किया रिहा

पटना। इंडिगो एयरलाइन के मैनेजर रूपेश सिंह मर्डर केस के चारों अभियुक्तों को रिहा कर दिया गयाा है। पटना के एडीजे 9 अविनाश कुमार की अदालत द्वारा मामले के  चार अभियुक्त सौरभ कुमार उर्फ पवन उफॅ खरहा निवासी  एलआइजी  कालोनी ककंडबाग ,ऋतुराज आदशॅ  कालोनी खेमनीचक, जयशंकर ऊफ पुष्कर उर्फ छोटू उर्फ बाबा एवं आर्यन जायसवाल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अभियोजन मामले को साबित करने में नाकाम रहा।

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बिहार की राजधानी पटना का यह मामला शास्त्री नगर थाना कांड संख्या 23 /2021 का है। रूपेश सिंह के भाई नागेश्वर सिंह ने 12 जनवरी 2021 को लगभग 11:15 बजे रात्रि मे अज्ञात लोगो के खिलाफ एफआआर दर्ज कराया था। पुलिस को उन्होंने बताया था कि मृतक रूपेश सिंह 12 जनवरी 2021 की शाम पटना एयरपोर्ट से ड्यूटी कर अपने अपार्टमेंट के पास पहुंचने वाले थे कि उसी समय पांच-छह अज्ञात लोगों ने उनकी कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। गोली चलाकर रूपेश सिंह को बुरी तरह जख्मी कर दिया।आनन फानन में उन्हें इलाज के लिए पारस हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। यह मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 302 ,120 बी व 27 आर्म्स एक्ट में  दर्ज हुआ था। इस मामले में पुलिस ने इन्विस्टीगेशन के बाद आठ मई 2021 को चार अभियुक्तो के  खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले मे कोर्ट ने नौ नवंबर 2023 को आरोप का गठन किया था। मामले की सुनवाई हाई कोर्ट पटना के आदेश के आलोक में दिन प्रतिदिन की जा रही थी। अपर लोक अभियोजक सर्वानंद शर्मा द्वारा इसमें कुल 18 गवाहों से गवाही करवायी गयी। लेकिन मामले में अबियुक्तों पर आरोप साबित करने में नाकाम रहने पर कोर्ट ने चारों को रिहा कर दिया।गवाही के दौरान एवीडेंस में कोर्ट को घटना का कोई चश्मदीद गवाह नही मिला,ना हीं सीसीटीवी फुटेज में भी अभियुक्त की पहचान की गई।था गोली जिस हथियार से चलाई गई थी उसको कोर्ट में भी साबित नही किया जा सका। सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद कोर्ट ने मामले के चारों अभियुक्तो को साक्ष्य के अभाव मे बरी कर दिया।
टेक्नीकल एवीडेंस के आधार पर गिरफ्तारी का किया था दावा
पटना पुलिस ने तब दावा किया था कि गिरफ्तार अपराधी सीसीटीवी में भी कैद हैं। अपराधियों ने हत्या में जिस हथियार का प्रयोग किया था वह भी बरामद कर लिया गया है। लेकिन कोर्ट ने पर्याप्त सबूत के अभाव में सभी चारों आरोपी को बरी कर दिया।  कोर्ट ने पुलिस की जांच प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े कर दिये हैं।
कोर्ट के फैसले के बाद सहमा परिवार
रूपेश सिंह की पत्नी कोर्ट के फैसले के बाद डर गई हैं। वे ऑन कैमरा तो कुछ भी बोलने परहेज कर रही है.उनका कहना है कि अब तक लग रहा था कि जो पकड़े गये हैं वो ही हत्यारे हैं। लेकिन, कोर्ट का फैसला आने के बाद तो काफी डर लग रहा है। आरोपी जब रूपेश की हत्या कर सकते हैं तो फिर मेरी क्यों नहीं कर सकते।

पुलिस की जांच पर खड़े किए सवाल
रुपेश की वाइफ पुलिस के जांच पर भी वे सवाल खड़ा करते हुए कहती हैं कि अगर हत्यारे ये नहीं तो कौन हैं। पटना पुलिस की ओर से रूपेश सिंह की मर्डर के बाद दो परिवार के लोगों की सुरक्षा के लिए दो जवान को तैनात किया था। लेकिन , इसमें से एक को हटा लिया गया है।