Bihar: उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका, JDU नेशनल प्रसिडेंट ललन सिंह बोले- पार्टी में वे किसी पोस्ट पर नहीं
JDU नेशनल प्रसिडेंट राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा दावा किया है। ललन सिंह ने कहा है कि वे पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं।
पटना। JDU नेशनल प्रसिडेंट राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा दावा किया है। ललन सिंह ने कहा है कि वे पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं।
यह भी पढ़ें:Turkey Earthquake: तुर्किये और सीरिया में फिर भूकंप, अब तक 1,621 लोगों की मौत
कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) February 5, 2023
जद (यू.) के समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है। "ना कोई डील है और ना ही विलय की बात" - यह सिर्फ एक मनगढ़ंत कहानी है। pic.twitter.com/DK6mExWpUd
विदित हो कि कुशवाहा ने अभी तक जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से न तो इस्तीफा दिया है और न ही उन्हें हटाए जाने की औपचारिक घोषणा हुई है। इस बीच ललन सिंह के दावे के बाद उन्हें पार्टी से निकाले जाने की अटकलें तेज हो गई है।
Bihar | No need to focus on such things. We gave him (Upendra Kushwaha) so much, made him MLA & party leader then he left but came again & we made him RS MP, he left again & came back for 3rd time & said that he'll remain in party: Bihar CM on Upendra Kushwaha calling a meeting pic.twitter.com/prj5s9pCvX
— ANI (@ANI) February 6, 2023
बीजेपी के कहने पर उपेंद्र कुशवाहा कर रहे हैं बयानबाजी: नीतीश
इससे पहले सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने बांका में कहा कि बीजेपी के कहने पर जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बयानबाजी कर रहे हैं। उन्हें नेता हमने बनाया है। विधायक, विधान पार्षद से लेकर राज्यसभा सदस्य तक बनाया। उनके लिए क्या कुछ नहीं किया। इसके बाद भी दो-दो बार पार्टी से भागते रहे। तीसरी बार आये तो उन्होंने कहा कि अब हर हाल में जदयू में रहेंगे, लेकिन इस बार पार्टी कमजोर होने का बयान दे रहे हैं।
जनता दल (यूनाइटेड) के कर्मठ, समर्पित एवं महत्वपूर्ण साथियों के नाम पत्र।
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushJDU) February 5, 2023
#जदयू_को_बचाना_है। pic.twitter.com/ul3heTLANY
उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखा खुला पत्र
इससे पहले रविवार को उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू के कार्यकर्ताओं को एक खुला पत्र लिखा था। इस पत्र के जरिए उन्होंने पूरे बिहार से जदयू कार्यकर्ताओं को पटना बुलाया है। उन्होंने यह पत्र अपने ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया और लिखा कि नीतीश की आरजेडी से खास डील और जदयू के राजद में विलय की कवायद से पार्टी का अस्तित्व खतरे में है। ऐसे में जदयू कार्यकर्ता पार्टी को बचाने के लिए पहल करें। उपेंद्र ने इसके लिए कार्यकर्ताओं को 19 और 20 फरवरी को पटना के सिन्हा लाइब्रेरी कैंपस में पहुंचने के लिए कहा है।
ललन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा पर किया पलटवार
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर पलटवार करते हुए जेडीयू प्रसिडेंट राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट किया ।उपेंद्र कुशवाहा के पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा कि कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना, जदयू के समर्पित एवं निष्ठावान साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास। राजद के साथ जदयू की ना कोई डील है और न ही विलय की बात। यह सिर्फ मनगढ़ंत कहानी है।
उपेंद्र कुशवाहा के 'गेम ओवर' की तारीख मुकर्रर
जेडीयू संसदीय बोर्ड के चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने जिस तरह पार्टी नेतृत्व से सवाल पूछ रहे हैं, उससे यह तय है कि कुशवाहा अब आर-पार के मूड में हैं। वैसे, उन्होंने बीजेपी में नहीं जाने की घोषणा के बाद इस कयास पर भी विराम लगा दिया है कि वे कहीं और जाने वाले हैं। वहीं कुशवाहा के हिस्सेदारी मांगा जाने के बाद यह आशंका पनपने लगी है कि क्या जेडीयू का विभाजन हो जायेगा। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी नेतृत्व को बिना सहमति के पार्टी की बैठक बुलाने के लिए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक पत्र लिखा है। कुशवाहा ने पत्र में लिखा कि यह लड़ाई जदयू को बचाने की अंतिम कोशिश है। कुशवाहा का मानना है कि पार्टी कमजोर हुई है। वहीं जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि कुशवाहा सिर्फ एमएलसी हैं और कुछ नहीं।
उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद से ही सीएम नीतीश कुमार को इससे अवगत करवाता रहा हूं लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। कुशवाहा ने पटना में 19 और 20 फरवरी को बुलाई बैठक में जदयू के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ रालोसपा के पूर्व नेताओं और महात्मा फूले समता परिषद् के नेताओं को भी आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में पार्टी के मजबूत करने पर विचार किया जायेगा। कुशवाहा ने हालांकि पार्टी में किसी प्रकार की नाराजगी से भी इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उनकी चिंता पार्टी को बचाने की है।
कुशवाहा को लेना है फैसला: नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार ने भी सोमवार को उपेंद्र कुशवाहा के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि वह किसी और की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे तीन बार पार्टी में आये। पार्टी ने उन्हें इज्जत देकर एमएलए, एमपी और पार्टी का नेता बनाया। सीएम ने बीजेपी की ओर इशारा करते हुए कहा कि पता नहीं उन्हें क्या हो गया है, किसकी भाषा बोल रहे हैं। दो महीने के अंदर ऐसा क्या हो गया समझ में नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर रोज बोलना और उसके प्रचार का मतलब है कि किसी और के लिए बोल रहे हैं तो इसका प्रचार हो रहा है। उन्हें कहीं जाना है तो जायें, फैसला उनको लेना है।
कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना: ललन सिंह
इधर, पार्टी के प्रमुख ललन सिंह भी भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा था कि कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना। कुशवाहा पार्टी नेतृत्व से आरजेडी के साथ सरकार बनाने को लेकर हुई डील के लिए भी सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि डील हुई है तो बताना चाहिए क्योंकि आरजेडी लीडर इसे बोलते रहे हैं, अगर नहीं हुई है तब भी मुख्यमंत्री को इस डील को लेकर खंडन करना चाहिए। वहीं ललन सिंह ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि कुशवाहा अभी सिर्फ एमएलसी हैं। जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष कोई नहीं है।
ऐसे में जायेगा गेम ओवर
उपेंद्र कुशवाहा द्वारा बुलाई गई बैठक को कुशवाहा के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। अगर बैठक में कार्यकर्ताओं की संख्या ठीकठाक पहुंच गई तो जेडीयू का दो धड़े में बंटना तय है। वैसे, अभी यह कहना जल्दबाजी है। वहीं ललन सिंह का ये कहना है कि कुशवाहा सिर्फ एमएलसी हैं, इसके अलावा कुछ नहीं। कुछ और ही इशारा कर रहा है।