Bihar Bypolls Result 2024: बिहार की रुपौली सीट पर निर्दलीय कैंडिडेट शंकर सिंह की जीत

बिहार की रुपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन व एनडीए को करारा झटका लगा है। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने जीत दर्ज की है। दूसरे स्थान पर जेडीयू के कलाधर मंडल और तीसरे स्थान पर बीमा भारती रहीं।

Bihar Bypolls Result 2024: बिहार की रुपौली सीट पर निर्दलीय कैंडिडेट शंकर सिंह की जीत
निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह (फाइल फोटो)।
  • दूसरे स्थान पर जेडीयू के कलाधर मंडल और तीसरे स्थान पर बीमा भारती रहीं

पटना। बिहार की रुपौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में महागठबंधन व एनडीए को करारा झटका लगा है। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने जीत दर्ज की है। दूसरे स्थान पर जेडीयू के कलाधर मंडल और तीसरे स्थान पर बीमा भारती रहीं।

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पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के रूपौली विधानसभा के उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी एनडीए समर्थित जदयू कैंडिटे कलाधर मंडल को दिलचस्प मुकाबले में 8211 वोटों से हराया। वहीं महागठबंधन समर्थित राजद की उम्मीदवार बीमा भारती की करारी हार हुई और तीसरे नंबर पर उन्हें संतोष करना पड़ा।बीमा भारती शुरू से ही लगातार तीसरे नंबर पर ही रहीं. वहीं जदयू के कलाधर मंडल व शंकर सिंह के बीच टक्कर चलती रही। छह राउंड के बाद निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने बढ़त बनायी जिसे अंत तक बरकरार रखा। 11 राउंड की गिनती के बाद शंकर सिंह को 6838 वोटों का बढ़त प्राप्त था। कुल 12 राउंड की गिनती के बाद शंकर सिंह ने जदयू के कलाधर मंडल को हराकर रूपौली सीट अपने नाम किया। शंकर सिंह को कुल 67779 वोट मिले. जबकि जदयू के कलाधर मंडल को 59568 वोट मिले। राजद की बीमा भारती को कुल 30108 वोट मिले।

पांच बार की MLA बीमा भारती की करारी हार

रुपौली विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को संपन्न उपचुनाव में चौंकने वाला रिजल्ट सामने आया है। निर्दलीय शंकर सिंह को जनता ने रुपौली का रहनुमा बना दिया है। उन्होंने न्हों जदयू को कलाधर मंडल को आठ हजार 211 मतों से पराजित कर दिया है। वहींही पांच बार की विधायक बीमा भारती की भी करारी हार हुई है। शंकर सिंह को कुल 67779 वोट मिले जबकि कलाधर मंडल को 59568 मत हासिल हुए। तीसरे स्थान पर रहीं बीमा भारती को मात्र 30108 लोगों ने वोट दिया।

पूर्णिया लोकसभा की तरह रुपौली विधानसभा में जनता ने निर्दलीय को जिताया

पूर्णिया लोकसभा की तरह रुपौली विधानसभा में जनता ने निर्दलीय को जिताकर सभी दलों को आइना दिखाया है। यह सीट बीमा भारती के इस्तीफे से खाली हुई थी। वह 2005 से इस सीट पर काबिज थीं। उन्होंने न्हों पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए रुपौली विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया। वह आरजेडी के टिकट पर पप्पू यादव और जेडीयू के संतोष कुशवाहा के खिलाफ मैदान में उतरी। हालांकि लोकसभा चुनाव में निर्दलीय पप्पू यादव ने जीत दर्ज किया और बीमा भारती बुरी तरह से चुनाव हार गईं। वे जमानत बचाने में भी कामयाब नहीं हुईं।

शंकर सिंह 2005 में भी बने थे विधायक 

रुपौली सीट पर निर्दलीय उतरे शंकर सिंह ने 2020 में भी भाग्य आजमाया था। तब उन्हें चिराग पासवान नें लोजपा से टिकट दिया था। लेकिन जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं बीमा भारती ने उन्हें हरा दिया था। उससे पहले भी शंकर सिंह कई बार चुनाव लड़े। कहा जा रहा है कि उपचुनाव में लोजपा का टिकट नहीं मिलने पर उनके साथ क्षेत्र के जनता की सहानुभुति जुड़ गई। शंकर सिंह 2005 में भी विधायक बने थे। लेकिन लगभग आठ महीने बाद फिर से चुनाव हुए जिसमें उन्हें हार का समाना करना पड़ा। बीमा भारती ने उन्हें पराजित कर दिया था और तबसे बीमा भारती लगातार विधायक बनी हुई थी। शंकर सिंह लगातार चुनाव लड़ते रहे।

शंकर सिंह ने विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर लड़ा और जीता

शंकर सिंह ने रूपौली से विधानसभा उपचुनाव अपने दम पर लड़ा और जीता है। उनके खिलाफ एनडीए और महागठबंधन के बड़े बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार किया। नीतीश कुमार के साथ उनके कई मंत्रियों और एनडीए के नेताओं ने कलाधर मंडल के लिए प्रचार किया। यहां तक कि जिस लोजपा में वे लंबे समय तक रहे उसके नेता चिराग पासवान ने भी शंकर सिंह के खिलाफ वोट मांगा। शंकर सिंह के आगे जनता ने राजद के कास्ट मॉडल और नीतीश के विकास मॉडल को नकार दिया।

शंकर सिंह के एनडीए फोल्डर के किसी दल में शामिल होनेव के कयास

जीत के बाद शंकर सिंह ने कहा कि कई चुनावों में हार का सामना करने के बाद भी लगातार जनता के बीच बना रहा।बगैर किसी शिकायत के जनता भगवान के सुख- दुख में शामिल होता रहा। उन्होंने न्हों कहा कि शुरू से ही उन्हें अपनी जीत की उम्मीद थी जिसे जनता ने पूरा कर दिया। भविष्य की योजना को लेकर उन्होंने न्हों कहा कि क्षेत्र की जनता के साथ विचार विमर्श करके रणनीति तय करेंगे। कयास लगाये जा रहे हैं कि शंकर सिंह एनडीए फोल्डर के किसी दल में शामिल हो सकते हैं। जानकार बताते हैं लोजपा उनकी पहली पसंद है। ऐसा बयान नीतीश सरकार के मंत्री मदन सहनी ने भी दिया है। उन्होंने न्हों कहा कि शंकर सिंह ने एनडीए में शाामिल होने के नाम पर जनता से वोट मांगा। उन्हें शंकर सिंह की जीत काअंदाजा पहले से था।

बीमा भारती के इस्तीफे के बाद हुआ उपचुनाव

 रूपौली से चार बार चुनाव जीत चुकीं पूर्व विधायक बीमा भारती ने जदयू का साथ छोड़कर राजद का दामन थाम लिया था। पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में इस सीट से जदयू की टिकट पर बीमा भारती ने ही जीत दर्ज की थी। पार्टी बदलने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दिया था जिससे यह सीट खाली हुई थी। बीमा भारती को राजद ने पूर्णिया लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का टिकट थमाया. लेकिन बीमा भारती की इस चुनाव में करारी हार हो गयी थी। पूर्णिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव सांसद बने और जदयू उम्मीदवार सह पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा दूसरे नंबर पर रहे. बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही थीं।

बीमा भारती रूपौली उपचुनाव बुरी तरह हारीं

वहीं रूपौली उपचुनाव की बारी आयी तो राजद ने बीमा भारती पर ही दांव खेला था. लेकिन यह दांव राजद का उल्टा पड़ गया। रूपौली की जनता ने बीमा भारती को तीसरे नंबर पर पहुंचाया। जदयू व निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह के बीच ही शुरू से टक्कर चलती रही। शुरू में जदयू के कलाधर मंडल आगे निकले लेकिन 6 राउंड के बाद पासा पलटा और निर्दलीय शंकर सिंह आगे निकल गये। जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ी शंकर सिंह की बढ़त बड़ी होती गयी। बीमा भारती शुरू से ही तीसरे नंबर पर ही बनी रहीं।

जाने शंकर सिंह के बारे में

शंकर सिंह पूर्व में लोजपा के नेता रहे हैं. उन्होंने वर्ष 2005 में लोजपा के टिकट पर रूपौली में जीत कर विधायक बने थे। शंकर सिंह इस दौरान कुछ ही दिनों तक विधायक रह सके. वहीं वर्ष 2010,2015 और 2020 के चुनाव में शंकर सिंह दूसरे नंबर पर रहे। इस उपचुनाव में जब एनडीए में यह सीट जदयू के पास गयी तो शंकर सिंह ने चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) से इस्तीफा दे दिया और निर्दलीय उम्मीदवार बनकर मैदान में उतरे थे।