बिहार: साइबर क्रिमनल मुजफ्फरपुर में प्रोफेसर और डॉक्टर के बैंक से अकाउंट 50 रुपये उड़ाये

साइबर क्रिमिनलों मुजफ्फरपुर में प्रोफेसर और डॉक्टर के बैंक अकाउंट से 50 लाख उड़ा लिए हैं। रकम निकलने के बाद भी कोई मैसेज अकाउंट होल्डर के मोबाइल पर नहीं आया।

बिहार: साइबर क्रिमनल मुजफ्फरपुर में प्रोफेसर और डॉक्टर के बैंक से अकाउंट 50 रुपये उड़ाये

मुजफ्फरपुर। साइबर क्रिमिनलों मुजफ्फरपुर में प्रोफेसर और डॉक्टर के बैंक अकाउंट से 50 लाख उड़ा लिए हैं। रकम निकलने के बाद भी कोई मैसेज अकाउंट होल्डर के मोबाइल पर नहीं आया।

एमपीएस साइंस कॉलेज के अंग्रेजी के प्रोफेसर डॉ. जेएन सिंह और टाउन के एक डॉक्टर के पीएनबी बैंक अकाउंट से 50 लाख से अधिक की राशि उड़ा ली गई है। राशि की निकासी एनआरटीजीएस से की गई है। डॉक्टर और प्रोफेसर ने पुलिस में कंपलेन की है।एसएसपी, सिटी एसपी, टाउन डीएसपी और सदर पुलिस स्टेशन की पुलिस ने देर शाम पीएनबी की साइंस कॉलेज ब्रांच में छानबीन की। मैनेजर और अन्य स्टाफसे एक घंटे तक पूछताछ की। पुलिस एक बैंककर्मी को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है। 
प्रोफेसर के अकाउंट से तीन दिनों में निकाले 45 लाख

एमपीएस साइंस कॉलेज के अंग्रेजी के प्रोफेसर डॉ. जेएन सिंह ने बताया कि शनिवार को मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि पीएनबी की साइंस कॉलेज शाखा से साइबर फ्रॉड ने एक करोड़ से अधिक राशि निकाल ली है। उसके कैशियर समेत चार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद वे सोमवार को बैंक पासबुक अपडेट कराने पहुंचे। लेकिन, बैंक के कोई भी स्टाफ पासबुक अपडेट करने को तैयार नहीं थे। सभी टाल-मटोल कर रहे थे। इसके बाद बैंक मैनेजर से मिलकर इसकी कंपलेन की। पासबुक अपडेट करने के बाद जानकारी मिली कि तीन दिन में साइबर फ्रॉड ने एनआरटीजीएस के माध्यम से 45 लाख रुपये की निकासी कर ली है।साइबर फ्रार्ड ने बीते आठ, नौ और दस अगस्त को उनके खाते से रुपये निकाले हैं। आठ अगस्त को पांच लाख, फिर नौ अग्रस्त को पांच-पांच लाख चार बार और 10 अगस्त को पुन: पांच-पांच लाख चार बार में निकाले हुए थे।

एनआरटीजीएस से हुई थी निकासी

प्रोफेसर ने बताया कि अबतक राशि का ट्रांसफर आरटीजीएस व एनईएफटी से होता रहा है। लेकिन, उनके बैंक अकाउंट से एनआरटीजीएस से निकासी की गई थी। जब उन्होंने बैंककर्मियों से इस संबंध में जानकारी मांगी तो उनलोगों ने भी इसकी जानकारी होने से अनिभिज्ञता जतायी है। उनके अकाउंट में 54 लाख से अधिक रुपये थे। अब लगभग नौ लाख रुपये बचे हुए हैं।