बिहार: नीतीश कुमार की नाराजगी का बड़ा कारण बना नित्यानंद राय - RCP सिंह कनेक्शन !,टूट गयी NDA
हार के सीएम नीतीश कुमार की इस बार बीजेपी से नाराजगी को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई वजहें चर्चा में हैं। इनमें विधानसभा में स्पी कर विजय सिन्हाज से नीतीश की बहस और सिन्हाभ को हटाने की बात पर बीजेपी का सहमत नहीं होना, चिराग पासवान को राष्ट्रनपति चुनाव पर एनडीए की बैठक में बुलाया जाना और पिछले दिनों बीजेपी के विभिन्न मोर्चों की संयुक्त कार्यकारिणी बैठक के बाद दो सौ विधानसभा सीटों में बड़े नेताओं के प्रवास आदि को प्रमुख कारणों के तौर पर गिनाया जा रहा है।
पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की इस बार बीजेपी से नाराजगी को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई वजहें चर्चा में हैं। इनमें विधानसभा में स्पी कर विजय सिन्हाज से नीतीश की बहस और सिन्हाभ को हटाने की बात पर बीजेपी का सहमत नहीं होना, चिराग पासवान को राष्ट्रनपति चुनाव पर एनडीए की बैठक में बुलाया जाना और पिछले दिनों बीजेपी के विभिन्न मोर्चों की संयुक्त कार्यकारिणी बैठक के बाद दो सौ विधानसभा सीटों में बड़े नेताओं के प्रवास आदि को प्रमुख कारणों के तौर पर गिनाया जा रहा है।
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बताया जाता है कि उक्त बातों के अलावा आरसीपी सिंह की बीजेपी खासकर सेंट्रल मिनिस्टर नित्यािनंद राय से नजदीकी नीतीश कुमार को सबसे ज्यानदा खटक गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि आरसीपी सिंह और नित्याजनंद राय के बीच बहुत ज्याचदा नजदीकी से सीएम नीतीश कुमार असहज थे। कहा ये जा रहा है दोनों के बीच कुछ ऐसी बातचीत की नीतीश को खबर लगी है जिससे वे राजनीतिक रूप से आगबबूला हो गये। तत्काल गठबंधन तोड़ने की वजह यही है।
कहा जा रहा है कि नीतीश ने यह बात बीजेपी नेतृत्व तक भी पहुंचा दी है।नीतीश चाहते थे कि बीजेपी नेतृत्व इस मामले में ऐक्शन ले लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं हुआ। इसलिए नीतीश एनडीए और बीजेपी का हाथ छोड़कर कांग्रेस, आरजेडी, लेफ्ट का हाथ पकड़ लिया।नीतीश की सोमवार रात सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह से भी बात हुई लेकिन बीजेपी नीतीश के मुताबिक चलने को तैयार नहीं है।
BJP-JDU गठबंधन में विवाद के कारण
विधानसभा में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा और नीतीश कुमार के बीच रिश्तों का सहज न होना। बताया जाता है कि नीतीश कुमार विजय कुमार सिन्हा को हटाना चाहते हैं लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं हुई।
सीएम नीतीश और जेडीयू क्षेत्रीय दलों को लेकर हाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान को लेकर खफा है। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना के हश्र ने जेडीयू के लिए भी कुछ चिंताएं खड़ी की हैं।
नीतीश कुमार सेंट्रल कैबिनेट में बीजेपी के सहयोगी दलों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिलने के मुद्दे पर भी नाराज बताए जाते हैं। दूसरी ओर आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्री बनने के लिए जिस तरह उन्हें दरकिनार कर बीजेपी नेतृत्व से सीधे बात की वो उन्हें बेहद नागवार लगा।
पिछले दिनों बीजेपी ने पटना में अपने विभिन्न मोर्चों की संयुक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर दो सौ विधानसबा सीटों के लिए रूपरेखा तैयार की। इसके जवाब में जेडीयू ने कहा कि उसकी तैयारी सभी 243 सीटों के लिए है।