झारखंड: साहूकारों का कर्ज नहीं लौटायेंगे आदिवासी, स्टेट गवर्नमेंट बना रही कानून: CM हेमंत सोरेन
झारखंड जनजातीय महोत्सव का मंगलवार को भव्य शुभारंभ हो गया है। झारखंड में पहली बार आयोजित इस दो दिवसीय महोत्सव का उदघाटन सीएमत्री हेमंत सोरेन और दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने किया। मौके पर अपने संबोधन में हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों को अब महाजनों और साहूकारों से लिया गया कर्ज नहीं लौटाना होगा। स्टेट गवर्नमेंट इसके लिए सख्त कानून बना रही है।
- जनजातीय समुदाय के परिवारों को शादी एवं मृत्य पर सामूहिक भोज के लिए 100 किलो चावल और 10 किलो दाल फ्री मिलेगा
- झारखंड जनजातीय महोत्सव का भव्य शुभारंभ
रांची। झारखंड जनजातीय महोत्सव का मंगलवार को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में भव्य शुभारंभ हुआ। झारखंड में पहली बार आयोजित इस दो दिवसीय महोत्सव का उदघाटन सीएमत्री हेमंत सोरेन और दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने किया। मौके पर अपने संबोधन में हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों को अब महाजनों और साहूकारों से लिया गया कर्ज नहीं लौटाना होगा। स्टेट गवर्नमेंट इसके लिए सख्त कानून बना रही है।
यह भी पढ़ें: बिहार: नीतीश कुमार की नाराजगी का बड़ा कारण बना नित्यानंद राय - RCP सिंह कनेक्शन !,टूट गयी NDA
सेंट्रल गवर्नमेंट नौ अगस्त को घोषित करे सार्वजनिक अवकाश
सीएम ने कहा कि झारखंड सरकार जनजातीय समुदाय के परिवारों को शादी एवं मृत्य पर सामूहिक भोज के लिए 100 किलो चावल और 10 किलो दाल फ्री देगी। सीएम ने जनजातीय परिवारों से सामूहिक भोज के लिए कर्ज नहीं लेने का आह्वान किया। उन्होंने राज्य में प्रत्येक वर्ष नौ अगस्त को जनजातीय महोत्सव आयोजित किए जाने की घोषणा की। हेमंत ने केंद्र सरकार से प्रत्येक वर्ष नौ अगस्त को सार्वजनिक अवकाश लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह दिन आदिवासियों के इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय है। इसके सम्मान में हर वर्ष नौ अगस्त को सार्वजिनक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए, ताकि इस दिवस को लोग धूमधाम से याद कर सकें।
#JharkhandSeJohar
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 9, 2022
विश्व आदिवासी दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और जोहार।#आदिवासीदिवस #IndigenousDay#WeAreIndigenous pic.twitter.com/KBSAJQZhZW
आदिवासी बचेंगे तो ही जंगल और जानवर भी बचेंगे
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जानवर, जंगल बचाने की बात सभी करते हैं, लेकिन आदिवासियों को बचाने की बात कोई नहीं करता। जबकि आदिवासी बचेंगे तो जंगल और जानवर भी बचेंगे। उन्होंने कहा कि संविधान में जनजातीय समाज को लेकर किए गए प्रविधान सिर्फ चर्चा के विषय हैं। हमारे पास संख्या बल और धन बल भी नहीं है। यदि होता तो हम भी जैन और पारसी की तरह अपनी पहचान को बचा पाते।
हेमंत सोरेन भी बैंक चला जाए तो नहीं मिलेगा लोन
CM ने उच्च शिक्षा के लिए शीघ्र ही गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना लागू किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि वे जानते हैं कि शिक्षा और व्यवसाय के लिए बैंकों से लोन लेना कितना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि यदि हेमंत सोरेन भी लोन लेने बैंक चला जाए तो बैंक वाले कहेंगे कि उनकी जमीन सीएनटी-एसपीटी के दायरे में आती है।
आदिवासियों को घृणा के भाव से देखते हैं लोग
हेमंत ने कहा कि आदिवासियों को घृणा भाव से देखा जाता है। आदिवासी की बजाय वनवासी कहकर बुलाने में सब लगे हैं। मूर्तियों में द्वेष की भावना दिखाई जाती है। उन्होंने कहा, आम जनों में जनजातीय संस्कृति के प्रति सम्मान और आदर भाव जगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जंगल, जमीन बचाया लेकिन अब इसे छीनने की कोशिश है। जाति, धर्म के आधार पर हमें बांटा जा रहा है। भगवान बिरसा मुंडा ने अबुआ राज, गांव की सरकार की बात की थी, नई पीढ़ी को इसे बताना होगा। आदिवासी समाज को एक होकर जातिवाद, क्षेत्रवाद, पार्टीवाद से ऊपर सोचना होगा। उन्होंने आदिवासी एवं गैर आदिवासी सभी को जोहार से एक-दूसरे को अभिवादन करने की अपील की।
हम सामने से करते वार, सीने पर सहते हैं वार
सीएम ने कहा आदिवासी कौम मेहनत करता है, किसी से भीख नहीं मांगता। पीठ पर नहीं, सामने से वार करता है और सीने पर ही वार खाता है। हमें कोई डरा, झुका और हरा नहीं सकता। हम गुरू की तस्वीर से हुनर सीख लेते हैं। लेकिन आदिवासी समाज बिखरा हुआ है, जिसे एक करने की जरूरत है।
भाषा और संस्कृति बचाने के लिए काम करे सरकार
मौके पर चीफ गेस्ट के रूप में उपस्थित राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन ने आदिवासियों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भाषा और संस्कृति ही आदिवासियों की ताकत है। इसे बचाना है। इसके लिए सरकार को हर कदम उठाना चाहिए। आदिवासियों की संस्कृति और भाषाएं इस समय खतरे में हैं। दोनों लुप्त हेाती जा रही हैं। भाषा और संस्कृति बचेगी तभी आदिवासी भी बचेंगे। झारखंड सरकार द्वारा भाषा व संस्कृति के क्षेत्र में किये गये कार्यों और प्रयासों की उन्होंने सराहना की।
झारखंड सरकार यह पहल मील का पत्थर
झारखंड जनजातीय महोत्सव के पहले दिन उदघाटन सत्र को झारखंड के कल्याण मंत्री चंपई सोरेन, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, राज्यसभा सदस्य महुआ मांजी ने भी संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने अदिवासी समाज की भाषा व संस्कृति के संरक्षण पर जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि झारखंड सरकार की यह पहल मील का पत्थर साबित होगा। झारखंड सरकार ने समाज के बीच नजीर पेश किया है। दो दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में आदिवासी समाज के विविध पक्षों पर चर्चा होगी।
झारखंड की राजधानी रांची में विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित झारखंड जनजातीय महाेत्सव में देश दुनिया के आदिवासी विशेषज्ञ और कलाकारों का शानदार जमघट लगा हुआ है। दो दिवसीय इस महोत्सव में आदिवासी समुदाय के कलाकार अपनी लोक संस्कृति, कला और साहित्य से लोगों को रूबरू करा रहे हैं। सीएमहेमंत सोरेन इस आयोजन को लेकर लगातार टवीट कर रहे हैं। उन्होंने टवीट कर लिखा है कि झारखंड जनजातीय महोत्सव के दो दिवसीय आयोजन में देश के विभिन्न कोने से प्रबुद्धजन, संगीतकार, नृत्य मंडली, रॉक बैंड समेत अनेक आदिवासी कलाकार प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य के इतिहास में पहली बार समृद्ध आदिवासी जीवन की झलकियां यहां देखने को मिलेंगी।
आदिवासी समाज का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता
सीएम हेमंत सोरेन ने टवीट कर जानकारी दी है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड के लोगों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। इसमें उन्होंने कहा है कि विश्व आदिवासी दिवस पर समस्त आदिवासी समाज को बहुत बहुत बधाई। यह जानकार खुशी हो रही है कि झारखंड में पहली बार रांची में झारखंड जनजातीय महोत्सव का शानदार आयोजन हो रहा है। आदिवासी समाज की संस्कृति, कला, परंपरा का भारतीय समाज में बहुत बड़ा योगदान है। यह हम सब के लिए गर्व की बात है।हेमंत सोरेन ने कहा है कि हम आदिवासियों की कहानी लम्बे संघर्ष एवं कुर्बानियों की कहानी है। विश्व आदिवासी दिवस के शुभ अवसर पर हमारे वीर पुरुखों को शत-शत नमन और सभी को अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार। उनकी शहादत को याद कर हम सब गौरवांवित महसूस कर रहे हैं।आदिवासी समाज का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता है। सीएम ने विश्व आदिवासी दिवस पर झारखंड समेत दुनिया के तमाम आदिवासी समाज को बधाई दी है।