बिहार: अब कभी भी हो सकता है नीतीश कैबिनेट का विस्तार कभी, शाहनवाज हुसैन भी बनेंगे मिनिस्टर !
बिहार में अगले 48 घंटे में कैबिनेट विस्तार होने गकी संभावना है। बीजेपी प्रसिडेंट डा संजय जयसवाल व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने रविवार को सीएम नीतीश कुमार से बंद कमरे में गुफ्तगू की। सीएम से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में जयसवाल ने कहा कि कैबिनेट विस्तार के लिए लिए अब बस कल सोमवार (18 जनवरी) सुबह तक का इंतजार करें।
- बीजेपी प्रसिडेंट डा संजय जयसवाल व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने सीएम से बंद कमरे में की गुफ्तगू
- जयसवाल ने कहा- स्टेट में कैबिनेट विस्तारर के लिए सुबह तक का करें इंतजार
पटना। बिहार में अगले 48 घंटे में कैबिनेट विस्तार होने गकी संभावना है। बीजेपी प्रसिडेंट डा संजय जयसवाल व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने रविवार को सीएम नीतीश कुमार से बंद कमरे में गुफ्तगू की। सीएम से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में जयसवाल ने कहा कि कैबिनेट विस्तार के लिए लिए अब बस कल सोमवार (18 जनवरी) सुबह तक का इंतजार करें।
सीएम आवास से बाहर निकले डॉ जायसवाल ने पत्रकारों से कहा कि कल सुबह तक तक का इंतजार कीजिए,, सबकुछ पता चल जाएगा। पत्रकार लगातार उनसे कैबिनेट विस्ताार को लेकर सवाल कर रहे थे। उन्होंरने मुस्कुटराते हुए कहा कि ये औपचारिक बातचीत थी। हमलोग सीएम नीतीश कुमार से मिलने आये थे। गपशप हुई। पत्रकारों ने जोर देकर पूछा तो कहा बस, सुबह तक का इंतजार कीजिए। सबकुछ साफ हो जायेगा।
अब कभी भी हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार
सीएम नीतीश कुमार से रविवार को डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और बीजेपी स्टेट प्रसिडेंट संजय जायसवाल की मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि एक हफ्ते के भीतर ही कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो जायेगा। उसके बाद राज्यपाल कोटे की विधान परिषद की खाली 12 सीटों पर मनोनयन का काम भी पूरा कर लिया जायेगा। दोनों दलों के बीच सहमति बन गयी है।
एमएलसी कैंडिडेट के नॉमिनेशन में सीएम से मौजूद रहने का आग्रह
सीएम से मिलकर लौटने के क्रम में बीजेपी प्रसिडेंट संजय जायसवाल ने बताया कि सुशील मोदी के राज्यसभा जाने और विनोद नारायण झा के एमएलए बनने से विधान परिषद की जिन दो सीटों के लिए बीजेपी ने अपने कैंडिडेट तय किये हैं। कैंडिडेट के नॉमिनेशन में सीएम भी मौजूद रहें, इसी सिलसिले में बात करने सीएम आवास पहुंचे थे।
पहले से फार्मूला तय का दावा
बताया जाता है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर यह पेच फंसा हुआ था कि भाजपा की ओर से कोई लिस्टही नहीं उपलब्ध कराई जा रही थी। खुद सीएम ने यह बात पिछले दिनों मीडिया से बातचीत के क्रम में कही थी। वही जेडीयू के नेशनल प्रसिडेंट आरसीपी सिंह ने कहा था कि फार्मूला पहले से तय है कि जदयू और बीजेपी कोटे से कितने मंत्री बनेंगे। कौन-कौन विभाग उन्हें मिलने हैं। जिन दलों के मंत्रियों के पास अलग-अलग विभागों का अतिरिक्त प्रभार है वह विभाग उस दल को मिल जायेंगे।
16 नवंबर के नयी सरकार ने ली थी शपथ
वर्ष 2020 की 16 बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही नीतीश कुमार ने सातवीं बार सीएम पद की शपथ ली थी। गवर्नर फागू चौहान ने नीतीश कुमार के साथ साथ दो डिप्टी सीएम और 14 एमएलए को मंत्री पद की शपथ दिलाई थी।
शाहनवाज हुसैन नीतीश कैबिनेट में होंगे शामिल !
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, एक्स सेंट्रल मिनिस्टरव एक्स एमपी सैयद शाहनवाज हुसैन सोमवार को बिहार विधान परिषद के लिए अपना नॉमिनेशन दाखिल करेंगे। पॉलिटिकल सोर्सेज का कहना कि सेंट्रल की ओर से बिहार भेजे गये सैयद शाहनवाज हुसैन को नीतीश कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। बताया जा रहा है कि एक से दो दिन में होने वाले नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार में शाहनवाज हुसैन को मिनस्टर पद की शपथ दिलाई जायेगी।
BJP ने चला बड़ा दांव, बिहार में पार्टी को मिला चेहरा
शाहनवाज हुसैन को बिहार विधान परिषद का प्रत्याशी बनाना बीजेपी का दूरगामी दांव माना जा रहा है। इससे बिहार में पार्टी को मजबूती मिलेगी। साथ ही वह मुस्लिम विरोधी छवि से भी उबर पायेगी। बीजेपीके बड़े नेताओं में शुमार शाहनवाज हुसैन बिहार से पार्टी के बड़े मुस्लिम चेहरा (BJP Muslim Face) भी हैं। पहली बार ही किशनगंज से लोकसभा चुनाव जीतकर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बनाये गये थे। शाहनवाज को बिहार विधान परिषद के लिए कैंडिडेट बनाना बीजेपी का कोई सामान्य फैसला नहीं है। इसे पार्टी का कोई बड़ा और दूरगामी दांव माना जा रहा है।
संसदीय पॉलिटिक्स के हाशिए पर थे शाहनवाज
शाहनवाज हुसैन पहली बार बीजेपी के टिकट पर किशनगंज से लोकसभा चुनाव जीते थे। तत्कालीन बिहारी वाजपेयी सरकार में उन्हें युवा मामलों का मंत्री बनाया गया। फरि 2001 में उन्हें कोयला मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला। 2003 में टेक्सटाइल मंत्री बनाये गये। वे देश के सबसे युवा कैबिनेट मंत्री भी रहे। अगले वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने 2006 में भागलपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भी वे जीते। इसके बाद शाहनवाज हुसैन की संसदीय राजनीति को ग्रहण लग गया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वे हार गये। 2019 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर की उनकी सीट NDA में बीजेपी के सहयोगी JDU के कोटे में चली गई।
वर्ष 2014 से संसदीय राजनीति के हाशिए पर रहने के बावजूद शाहनवाज बीजेपी के बड़े मुस्लिम चेहरा बने रहे हैं। चर्चा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम कैंडिडेट नहीं देने के कारण आलोचना का केंद्र बनी बीजेपी एक मुस्लिम नेता को विधान परिषद भेज कर भरपाई करना चाहती है।
बीजेपी ने नीतीश कुमार पर बढ़ा दिया प्रेशर
शाहनवाज को विधान परिषद भेज कर बीजेपी ने एनडीए के अपने सीएम नीतीश कुमार पर भी प्रेशर बढ़ा दिया है। अल्पसंख्यक राजनीति करने वाले नीतीश कुमार के जेडीयू से कोई मुस्लिम कैंडिडेट विधानसभा नहीं पहुंच सका है।
बीजेपी की दूरगामी रणनीति
शाहनवाज हुसैन जैसे बड़े कद के राष्ट्रीय नेता को बिहार में एमएलसी बनाने के पीछे बीजेपी की दूरगामी रणनीति है। शाहनवाज बीजेपी में लंबे सयम तक हाशिए पर रहे, लेकिन पार्टी के प्रति उनकी वफादारी कायम रही। बीते दिनों जम्मू-कश्मीर निकाय चुनाव में बतौर प्रभारी, उनके नेतृत्व में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। माना जा रहा है कि शाहनवाज हुसैन को बिहार में एमएलसी बना कर इसका पुरस्कार देने की दूरगामी रणनीति बनाई गई है।
नीतीश मंत्रीमंडल में किस पार्टी के कितने मिनिस्टर
16 नवंबर 2020 कोलगातार चौथी बार और कुल सातवीं बार बिहार के सीएम बनने वाले नीतीश कुमार के मंत्रीमंडल में 14 अन्य मिनिस्टर हैं। पिछली सरकार के कई मंत्रियों को मौका नहीं मिला। कई नये चेहरे को मौका दिया गया। कैबिनेट में बीजेपी के सात, जेडीयू के पांच मिनिस्टर हैं। लेकिन मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद चार मंत्री ही बचे। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और वीआईपी से एक-एक को मिनिस्टर बनाया गया है।
जेडीयू कोटे के मिनिस्टर
विजय चौधरी- सरायरंजन से एमएलए।
विजेंद्र यादव- सुपौल से एमएलए।
अशोक चौधरी- एमएलसी।
मेवालाल चौधरी- तारापुर से एमएलए (इस्तीफा दे चुकें है)।
शीला कुमारी- फुलपरास एमएलए।
बीजेपी कोटे के मिनिस्टर
तारकिशोर प्रसाद- डिप्टी सीएम, कटिहार से एमएलए।
रेणु देवी- एमएलए, बेतिया से एमएलए।
मंगल पांडेय- एमएलसी।
अमरेंद्र प्रताप सिंह- आरा से एमएलए।
रामप्रीत पासवान- मधुबनी के राजनगर से एमएलए।
जीवेश मिश्रा- दरभंगा के जाले से एमएलए।
रामसूरत राय- मुजफ्फरपुर के औराई से एमएलए
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा से-संतोष कुमार सुमन
वीआईपी से- मुकेश सहनी
इस बार नीतीश मंत्रीमंडल में बीजेपी के मंत्रियों की संख्या होगी ज्यादा
इस बार बीजेपी बड़े भाई की रोल में हैं। ऐसे में मंत्रीमंडल विस्तार में बीजेपी के 12 और एमएलए मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस तरहबीजेपी के कुल 19 मंत्री हो जायेंगे। वहीं जेडीयू कोटे की बात की जाए तो फिलहाल जेडीयू के चार बताया जा रहा है कि 11 एमएलए मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। बिहार में टोटल 44 विभाग हैं, लेकिन मंत्रीमंडल विस्तार में मंत्रियों के लिए सिर्फ 36 पद ही स्वीकृत हैं। क्योंकि मंत्रीमंडल विधानसभा के कुल सीट का 15 परसेंट ही हो सकता है।
एक मिनिस्टर जिम्मे कई विभाग
16 नवंबर को सीएम पोस्ट का शपथ लेने वाले नीतीश कुमार ने जब विभागो का बंटवारा किया था तब, मंत्रियों की संख्या कम होने की वजह से एक-एक मंत्री को पांच-पांच विभागों की जिम्मेदारी दे दी थी। डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद को छह, डिप्टी सीएम रेणू देवी को तीन , मंत्री विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी को पांच विभाग की जिम्मेदारी दी गई। इसके अलावा वहीं मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव को चार विभाग के साथ बीजेपी कोटे के मंत्री मंगल पांडेय को तीन, अमरेंद्र प्रताप और जीवेश कुमार को तीन-तीन विभाग की जिम्मेदारी दी गई। वहीं रामसूरत राय और संतोष कुमार सुमन दो-दो विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। शीला कुमारी, मुकेश सहनी और रामप्रीत पासवान के पास एक विभाग की जिम्मेदारी है।