बिहार: विधानसभा कैंपस में पुलिसकर्मियों ने जीवेश मिश्रा की गाड़ी रोकी, हंगामा, रात को DM व SSP मिनिस्टर के घर पहुंचे
बिहार विधानमंडल कैंपस में गुरुवार को पुलिसकर्मियों ने मिनिस्टर जीवेश मिश्रा की गाड़ी रोक दी। श्रम संसाधन मंत्री जिवेश मिश्रा ने पटना के डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा पर मर्यादा के खिलाफ आचरण करने का आरोप लगाया। जीवेश कुमार ने कहा कि मेरी गाड़ी को रोककर डीएम-एसपी को पास दिया गया। इसको लेकर मिनिस्टर के पक्ष में विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया।
- विधानसभा अध्यक्ष ने डीजीपी व चीफ सेकरेटरी से मांगी रिपोर्ट
पटना। बिहार विधानमंडल कैंपस में गुरुवार को पुलिसकर्मियों ने मिनिस्टर जीवेश मिश्रा की गाड़ी रोक दी। श्रम संसाधन मंत्री जिवेश मिश्रा ने पटना के डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा पर मर्यादा के खिलाफ आचरण करने का आरोप लगाया। जीवेश कुमार ने कहा कि मेरी गाड़ी को रोककर डीएम-एसपी को पास दिया गया। इसको लेकर मिनिस्टर के पक्ष में विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया।
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रात को डीएम व एसएसपी पहुंचे जीवेश मिश्रा के घर
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह व एसएसपी उपेंद्र शर्मा रात को 10 बजे बाद हार्डिंग रोड स्थित मिनिस्टर जीवेश मिश्रा के आवास पहुंचे। लगभग दो घंटे तक दोनों अफसर मिनिस्टर के घर में उनका मान-मन्नौवल करते रहे।मिनिस्टर के घर के बाहर मीडिया का जमावड़ा हो गया। मिनिस्टर के घर के बाहर मीडिया वालों को जुटान होने लगा। बाहर खड़ी एसएसपी की गाड़ी व स्कॉट वाहन हटा दी गयी। मिनिस्टर के घर के अंदर डीएम की गाड़ी थी। लगभग एक बजे डीएम के साथ गाड़ी से एसएसपी बिना मीडिया से बातचीत किये मिनिस्र के घर से निकल गये।
मिनिस्टर ने कहा विधानसभा अध्यक्ष निर्णय लेंगे
डीएम व एसएसपी के जाने के बाद मीडिया से बातचीत में मिनिस्टर जीवेश मिश्रा ने कहा कि डीएम व एसएसपी आये थे। यह औपचारिक मुलाकात थी। डीएम व एसएसपी से नाराजगी व कार्रवाई की बात मिनिस्टर ने कहा कि अफसर सरकार के होते हैं। वह सरकार हैं। नाराजगी की बात नहीं हैं। गाड़ी रोकने मामले में दो दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष लेगें। विधानसभा अध्यक्ष का जो भी निर्णय होगा उन्हें स्वीकार है।
सदन में हंगामा, कार्रवाई की मांग
मिनिस्टर व विधायकों ने मामले में विधानसभा अध्यक्ष के कार्रवाई की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने मामले में दोषी अफसरों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मामले में पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलायी। विधानसभा अध्यक्ष ने चीफ सेकरेटरी व डीजीपी को तलब किया। मामले में जांच कर गुरुवार को 11 बजे दिन तक रिपोर्ट मांगी।इससे पहले सदन में मिनिस्टर अपनी बेइज्जती का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब वह सदन आ रहे थे तब उनकी गाड़ी को रोक कर एसपी-डीएम की गाड़ी को पास दिया गया। इससे नाराज मंत्री ने सदन में पूछा कि सरकार बताएं कि सरकार बड़ा या डीएम-एसपी। मिनिस्टर के हमलावर होने पर विपक्ष भी उनके समर्थन में मंत्रीजी को न्याय दो का नारा लगाने लगे।सदन में आक्रामक दिख रहे जीवेश कुमार ने कहा कि सरकार आज क्लीयर करे मंत्री बड़ा है या डीएम-एसपी। कहा कि सदन आते समय मेरी गाड़ी को रोक दिया गया। पूछने पर बताया गया कि एसपी-डीएम जा रहे हैं इसलिए आप नहीं जा सकते। मंत्री ने कहा ये तो हद हो गई। दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई किया जाना चाहिए।
विधायकों की प्रतिष्ठा सबसे बड़ी
शोर-गुल कर रहे सदस्यों से अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री जी को जरूर न्याय मिलेगा। अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि विधायकों की प्रतिष्ठा सबसे बड़ी है। सरकार की तरफ से ससंदीय कार्य मंत्री सदन में इसका जवाब दें। इसके बाद माममले में जवाब देने आए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा विधानसभा परिसर में यह वाकया हुआ है। ऐसे में पूरा अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का है। आसन जो निर्णय ले सरकार इस पर तैयार है।
प्रश्नोत्तरकाल में मिनिस्टर ने मामले को उठाया
विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल की कार्यवाही चल रही थी, इसके बाद देर से पहुंचे मंत्री जीवेश मिश्रा सदन में खड़े हो गए। उन्होंने सदन को बताया कि समय पर इसलिए नहीं पहुंच पाए क्योंकि पटना के डीएम और एसएसपी अपने काफिले की एंट्री कराने के लिए उनकी गाड़ी रुकवा दी। जीवेश मिश्रा ने यह भी बताया कि डीएम और एसएसपी उस गेट का इस्तेमाल कर रहे थे जो विधानमंडल परिसर में आने के लिए मुख्यमंत्री करते हैं।