बिहार: हाजीपुर से पटना का सफर अब 15 से 20 मिनट में होगा पूरा

नॉर्थ बिहार के लिए लाइफलाइन कहे जानेवाला महात्मा गांधी सेतु का पूर्वी लेन (दूसरा लेन)  टेक्निकल ट्रायल में पास हो गया। टेक्नीकल टीम ने सभी मानकों की जांच के बाद पुल पर सभी तरह के भारी वाहनों के परिचालन की अनुमति दे दी है। भू-तल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सात जून को इस नवनिर्मित पूर्वी लेन का लोकार्पण करेंगे।

बिहार: हाजीपुर से पटना का सफर अब 15 से 20 मिनट में होगा पूरा
  • अगले महीने होगा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन
  • उत्तर बिहार के लोगों को होगी सहूलियत
  • पटना से हाजीपुर पहुंचेंगे केवल 15 मिनट में, अगले महीने से उत्तर 
  • टेक्निकल ट्रायल में पास हुआ गांधी सेतु का नवनिर्मित दूसरा लेन 
  • 80 किमी स्पीड में फर्राटा भरेंगी गाडिय़ां 
  • सुरक्षा मानकों की तकनीकी जांच के बाद लगाई मुहर
  • टेक्निकल टीम ने परिचालन शुरू करने की दी मंजूरी
  •  नितीन गडकरी करेंगे उद्घाटन

पटना। नॉर्थ बिहार के लिए लाइफ लाइन कहे जानेवाला महात्मा गांधी सेतु का पूर्वी लेन (दूसरा लेन)  टेक्निकल ट्रायल में पास हो गया। टेक्नीकल टीम ने सभी मानकों की जांच के बाद पुल पर सभी तरह के भारी वाहनों के परिचालन की अनुमति दे दी है। भू-तल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सात जून को इस नवनिर्मित पूर्वी लेन का लोकार्पण करेंगे।

  बॉलीवुड एक्टर सोहेल खान की वाइ्रफ सीमा हैं पॉपुलर फैशन डिजाइनर, शादी के 24 साल बाद दोनो हो रहे हैं अलग
नये लेन के पूरे हिस्से की सूक्ष्मता से जांच
सेतु के नये लेन पर परिचालन शुरू करने से पहले तकनीकी टीम ने इस पर 25-25 टन वजन के 18 ट्रकों को विभिन्न हिस्सों में 36 घंटे तक रखा। इसके बाद सेतु के डिप्लेक्शन की जांच की गयी। 5.575 किलोमीटर लंबे गांधी सेतु के पूर्वी लेन के पूरे हिस्से की सूक्ष्मता से जांच हुई है। सभी जांच के बाद सेतु की मजबूती पर मुहर लगाई गई है। उद्धाटन अगले महीने से यहां 80 किलोमीटर की स्पीड  से गाडिय़ां फर्राटा भरने लगेंगी। पूर्वी लेन पुल पर पैदल, साइकिल और बाइक चालकों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। इससे अब यहां जाम से मुक्ति मिलेगी।
अगले चार साल तक पुल का रखरखाव का जिम्मा एजेंसी
र्थ बिहार की लाइफ लाइन महात्मा गांधी सेतु के दोनों लेन पर लगभग दो दशक बाद सात जून से गाडिय़ां दौडऩे लगेंगी। पुल पर पेंटिंग और अंतिम सजावट का काम तेजी से चल रहा है। गांधी सेतु के काफी जर्जर हो जाने के बाद नवंबर 2016 में निर्माण एजेंसी को जीर्ण-शीर्ण गांधी सेतु का अधिरचना को ठीक करने का वर्क ऑर्डर मिला था। तब दोनों लेन के सुपर स्ट्रक्चर 24 महीने में पश्चिमी और 18 महीने में पूर्वी यानि दोनों लेन को 42 महीने में बदलकर मार्च 2020 तक चालू करना था। लेकिन ढाई साल की देरी सेअब फिर से गांधी सेतु पर मालवाहक वाहनों के साथ सभी तरह की गाडिय़ां पूरे 80 के स्पीड में फर्राटा भरने लगेगी। निर्माण एजेंसी अगले चार साल तक पुल का मेनटेनेंस भी करेगी।
15 से 20 मिनट में पूरा होगा हाजीपुर से पटना का सफर
बताया जाता है कि लगभग 5.75 किलोमीटर लंबा महात्मा गांधी सेतु चार दशक पूर्व वर्ष 1983 में बनकर तैयार हुआ था। लेकिन पुल के जर्जर होने के बाद इसके पुराने ढांचे को गिराकर स्टील से नया सुपर स्ट्रक्चर बनाया गया है। पश्चिमी लेन पर पहले ही परिचालन शुरू हो चुका है। अब पूर्वी लेन का काम पूरा हुआ है। इसके चालू हो जाने के बाद हाजीपुर से पटना का सफर 15 से 20 मिनट में पूरा हो जायेगा। महात्मा गांधी सेतु के पुराने ढांचे को हटाकर नया सुपर स्ट्रक्चर बनाने के बाद यह फुल काफी हाईटेक हो गया है। इस ब्रिज में अब बाइक व साइकिल करने वालों के लिए अलग से व्यवस्था हुई है। स्पेन में पुल का केबल बिछाने की व्यवस्था भी की गई है। इससे  इस पर किसी भी तरह की पाइप लाइन बिछाई जा सकती है।

एनएच 30 और 19 से राजधानी पटना को नॉर्थज् बिहार से जोडऩे वाले गांधी सेतु की मरम्मत के लिए वर्ष 2014 में सहमति बनी थी। इसके बाद वर्ष 2017 में पुनर्निर्माण शुरू हुआ। वहीं जून 2020 में पश्चिमी लेन का काम पूरा कराकर वाहनों का परिचालन शुरू कराया गया। इसके बाद पूर्वी का का निर्माण शुरू हुआ है।पहली बार गांधी सेतु वर्ष 1982 में बना था तब इसकी लागत 87 करोड़ रुपये थी। अब सिर्फ इसका सुपर स्ट्रक्चर बदलने के लिए 1382 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। वहीं इस सेतु को लगातार चालू रखने के लिये मरम्मत पर भी 102 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।