बक्सर: कोरानसराय पुलिस स्टेशन में बुजुर्ग सुसाइड केस में नया मोड़, MLA, DSP व थानेदार समेत 18 पर FIR
बिहार के बक्सर जिले के कोरानसराय पुलिस स्टेशन के कंप्यूटर रूम में 16 नवंबर की रात फांसी लगाकर बुजुर्ग के सुसाइड मामले में नया मोड़ आ गया है। मृत यमुना सिंह के पुत्र अरुण कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह ने इस मामले में डुमरांव एमएलए अजीत कुशवाहा, डीएसपी कुमार वैभव और थानाध्यक्ष जुनैद आलम, एसआइ गंगा दयाल ओझा, कांस्टेबल मृत्युंजय कुमार और शुभम कुमार, चौकीदार कृष्णा कुमार समेत 18 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।
बक्सर। बिहार के बक्सर जिले के कोरानसराय पुलिस स्टेशन के कंप्यूटर रूम में 16 नवंबर की रात फांसी लगाकर बुजुर्ग के सुसाइड मामले में नया मोड़ आ गया है। मृत यमुना सिंह के पुत्र अरुण कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह ने इस मामले में डुमरांव एमएलए अजीत कुशवाहा, डीएसपी कुमार वैभव और थानाध्यक्ष जुनैद आलम, एसआइ गंगा दयाल ओझा, कांस्टेबल मृत्युंजय कुमार और शुभम कुमार, चौकीदार कृष्णा कुमार समेत 18 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।
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एफआइआर में कौशल कुमार, भोला पासवान, सुरेश पासवान, लक्ष्मण पासवान, भुअर पासवान, राजू पासवान, दीनानाथ पासवान, रविंद्र राम, सुनील पासवान, छोटक पासवान और ऋषि पासवान को आरोपित किया गया है। FIR आवेदन में उल्लेख किया गया है कि इस मामले में डुमरांव एमएलए अजीत कुशवाहा ने राजनीतिक दबाव बनाकर डीएसपी कुमार वैभव के माध्यम से यमुना सिंह की गिरफ्तारी कराई।
16 नवंबर की शाम बुजुर्ग ने कर ली थी सुसाइड
कोरानसराय पुलिस स्टेशन एरिया के कोपवां गांव में 15 अक्टूबर को दलित बस्ती के बिट्टू पासवान और लालधारी सिंह व यमुना सिंह के घर के बच्चों के बीच विवाद हुआ था। स्कूल से शुरू हुए बच्चों के विवाद ने हिंसक रूख धारण कर लिया। शाम होते-होते बड़ों के बीच झगड़ा हो गया। घटना के बाद दोनों पक्ष ने कोरानसराय पुलिस स्टेशन में एक दूसरे के खिलाफ नेम्ड एफआइआर दर्ज कराई थी। मामले में दूसरे पक्ष ने बुजुर्ग यमुना सिंह को भी नेम्ड आरोपित बनाया था। इसी मामले में 16 नवंबर की शाम थानाध्यक्ष जुनैद आलम ने यमुना सिंह को अरेस्ट किया। आरोप है कि मारपीट की गई। बुजुर्ग को पुलिस स्टेशन के कंप्यूंटर रूम रखा गया था। आत्मकसम्मा।न को ठेस पहुंचने के कारण रात में यमुना सिंह ने सुसाइड कर ली।
डुमरांव एमएलए से करा रहे थे पैरवी
एफआइआर में उल्लेख किया गया है कि दूसरे पक्ष के कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग अक्सर उनके दरवाजे पर आकर गाली गलौज करते थे। दलित उत्पीड़न एक्ट के तहत दर्ज हुए कांड संख्या 123/ 22 को उठाने के लिए 10 लाख रुपये देने की मांग कर करे थे। वे लोग डुमरांव एमएलए की पैरवी से पूरे परिवार को गिरफ्तार कराने की धमकी दे रहे थे। मृतक के पुत्र ने आरोप लगाया है कि नेम्ड लोगों ने एक दिन उनके पिता के साथ धक्का मुक्की भी की थी। कहा गया था कि यदि पैसा नहीं दोगे तो एससी-एसटी केस के तहत जल्दी ही राज्य सरकार एक लाख रुपये देगी। पूरे परिवार को जेल जाना पड़ेगा।
केस उठाने के लिए मांग रहे थे 10 लाख रुपये
एसपी नीरज कुमार सिंह ने कांड संख्या 123/22 मामले में जांच कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन बिना सुपरविजन के ही थानाध्यक्ष ने पिछले बुधवार की शाम उन्हें अरेस्ट कर लिया था। एसपी को दिए गए आवेदन में इसका उल्लेख किया गया है कि थानाध्यक्ष जुनैद आलम, एएसआइ गंगादयाल ओझा, स्थानीय चौकीदार कृष्णा तथा कांस्टेबल मृत्युंजय कुमार और शुभम कुमार ने गिरफ्तारी के दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। थानाध्यक्ष ने पिता के सुसाइड करने की सूचना तक नहीं दी। अब मामले में सवाल यह भी है कि यमुना सिंह को बक्सर जेल भेजने के लिए गिरफ्तार किया गया तो पुलिस स्टेशन के हवालात में बंद करने के बदले कंप्यूटर रूम में क्यों बंद किया गया।
जिले में बढ़ते प्रभाव से घबराकर रची गई राजनीतिक साजिश
डुमरांव एमएलए अजीत कुशवाहा ने बताया कि पूरे जिले में उनके बढ़ते प्रभाव से घबराकर कुछ लोगों के द्वारा मृतक के पीड़ित परिजनों को मोहरा बनाकर एक राजनीतिक साजिश रची गई है।उन्होंने बताया कि कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा है। एमएलए ने कहा कि जांच के बाद मामला स्पष्ट हो जायेगा। साजिश नाकाम हो जायेगी।