Cabinet Decision : झारखंड में आबादी के हिसाब से निकायों में अध्यक्ष के पद होंगे आरक्षित
झारखंड गवर्नमेंट ने चक्रानुक्रम (रोस्टर सिस्टम) के आधार पर नगर निकायों के एकल पदों के आरक्षण का नियम बदलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय को कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है।

- जिनकी अधिक आबादी उनका मेयर
रांची-आदित्यपुर में अब ST मेयर, धनबाद में SC
रांची। झारखंड गवर्नमेंट ने चक्रानुक्रम (रोस्टर सिस्टम) के आधार पर नगर निकायों के एकल पदों के आरक्षण का नियम बदलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय को कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है।
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स्टेट गवर्नमेंट ने आबादी के आधार पर आरक्षण का सिद्धांत अपनाने का निर्णय लिया है। जिस नगर निकाय क्षेत्र में जिस वर्ग की आबादी अधिक होगी, उसे ही अध्यक्ष पद का हक मिलेगा। इस प्रकार रांची और आदित्यपुर जैसे निकायों में मेयर अथवा अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित होगा तो धनबाद में यही पद अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हो जायेगा। बोकारो और देवघर में सामान्य वर्ग के लोग मेयर बन सकते हैं। इसके लिए अभी जनसंख्या अनुपात का अधिकृत तौर पर आकलन किया जायेगा। यह आकलन कर रिपोर्ट बन जाने के बाद ही सभी निकायों में अप्रैल-मई में चुनाव कराए जा सकते हैं।
विधानसभा में विधेयक लायेगी सरकार
झारखंड कैबिनेट की बैठक में कुल 29 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गयी है।नियम को बदलने के लिए सरकार को विधानसभा से विधेयक पारित कराना होगा। विधेयक के प्रारूप को स्वीकृति मिल चुकी है। कहा जा रहा है, 19 दिसंबर से आरंभ हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार विधानसभा से विधेयक पास करा सकती है। ऐसा होने पर जिला परिषदों के लिए भी ऐसे ही संशोधन की उम्मीद की जा रही है। झारखंड नगरपालिका संशोधन विधेयक 2022 के प्रारूप को मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिल चुकी है।
उत्पाद नीति के कतिपय धाराओं में संशोधन करने का निर्णय
कैबिनेट ने उत्पाद नीति की कई धाराओं को स्पष्ट करते हुए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने राजभवन के द्वारा उठाई गई आपत्तियों का निराकरण करने की कोशिश की है। इस क्रम में नीति के कतिपय धाराओं में संशोधन करने का निर्णय लिया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि कहीं से भी गलत कार्यों के लिए सिर्फ एजेंसी के कर्मियों को दोषी नहीं माना जायेगा, बल्कि वरीय अधिकारियों से अनुमति लेकर संबंधित कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद अब कम मात्रा (20 लीटर से कम) में शराब के साथ पकड़े गये लोगों को जमानत देने के लिए अधिकारी ही अधिकृत होंगे। ऐसे मामलों में कम मात्रा में ही सही, अवैध शराब के साथ पकड़े गये लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। बीस लीटर से अधिक शराब के साथ किसी के पकड़े जाने पर गैर जमानतीय धाराओं के तहत कार्रवाई की जायेगी। मामला कोर्ट में जायेगा। राज्यपाल ने धारा 55 ए एवं धारा 106 की समीक्षा करने के निर्देश दिए थे, जिससे इन्कार करते हुए विभाग ने इसमें संशोधित की आवश्यकता प्रतीत नहीं होने की बात कही है।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
झारखंड राज्य समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड के कर्मियों को सातवां वेतन पुनरीक्षण के लाभ की स्वीकृति।
राज्य गठन से पूर्व उग्रवादी हिंसा में मारे गए सामान्य नागरिक स्व. पूरन महतो के आश्रित को अनुग्रह अनुदान एवं अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की स्वीकृति।
विद्युत उत्पादन कंपनियों से विद्युत क्रय के विरुद्ध चालू ऊर्जा विपत्रों के ससमय भुगतान के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लि. को 750 करोड़ का ऋण पीएफसी/आरईसी लि. से लेने के लिए राजकीय गारंटी की स्वीकृति।
मनोनयन के आधार पर एनसीडेक्स ई-मार्केट लिमिटेड से सेवा झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा लिये जाने एवं इस हेतु एमओयू के प्रारूप पर स्वीकृति।