Chhangur Baba Case : बलरामपुर में छांगुर बाबा ने बनाया था तहखाना, दुबई के मौलाना देते थे ट्रेनिंग
उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के पकड़े जाने के बाद ATS की जांच में उसके काले साम्राज्य की परतें खुल रही हैं। बलरामपुर निवासी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा धर्मांतरण के जरिए उत्तर प्रदेश के जिलों की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश में था।

- धर्मांतरण के जरिए बदलना था उत्तर प्रदेश के जिलों की डेमोग्राफी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के पकड़े जाने के बाद ATS की जांच में उसके काले साम्राज्य की परतें खुल रही हैं। बलरामपुर निवासी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा धर्मांतरण के जरिए उत्तर प्रदेश के जिलों की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश में था।
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इस्लामिक देश की बुनियाद रखने का प्रयास
छांगुर बाबा हिंदू धर्म के खिलाफ नफरत फैलाकर एक इस्लामिक देश की बुनियाद रखने का प्रयास कर रहा था। एटीएस की पूछताछ में छांगुर बाबा की पोल खुली तो उसकी खतरनाक साजिशों की परतें भी खुलने लगीं।छांगुर बाबा अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए उन परिवारों को चुना, जो गरीब हैं, मजबूर हैं और मेहनत-मजदूरी कर बमुश्किल अपना गुजारा करते थे। उसने किसी को अपनी अंगूठियों के जाल में फंसाया, किसी को पैसों का लालच दिया, तो किसी को डरा-धमकाकर अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया।
गरीब परिवारों की तलाश कर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए करते थे तैयार
एटीएस की पूछताछ में पता चला कि धर्म-परिवर्तन के लिए वो अपने नुमाइंदों को तैयार करने के मकसद से दुबई से मौलानाओं की टीम बुलाता था। ऐसा इसलिए, ताकि इन नुमाइंदों के ऊपर वो अपनी पहुंच और पैसे का दबदबा बन सके और फिर यही नुमाइंदे पूरी तरह से उसके धर्मांतरण के मिशन में जुट जाएं। छांगुर बाबा अपने नापाक मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अपनी कोठियों के बेसमेंट में खास तरह के कमरे भी बनवाए। इन कमरों में दुबई से आये मौलानाओं के जरिए पहले उसके नुमाइंदों को ट्रेनिंग दी जाती थी। इसके बाद ये लोग चुन-चुनकर गरीब परिवारों की तलाश कर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए तैयार करते थे। गरीब परिवार की महिलाएं खासतौर पर इनके निशाने पर होती थीं।
छांगुर बाबा के पास लगभग 50 नुमाइंदों की खास टीम
छांगुर बाबा के पास लगभग 50 नुमाइंदों की अपनी एक टीम थी, जो डायरेक्ट उसके ऑर्डर पर काम करते थे। इनके खान-पान से लेकर रहने-सहने तक के सारे इंतजाम उसकी कोठियों में मौजूद थे। एटीएस को इस बात के भी सबूत मिले हैं कि धर्म परिवर्तन के लिए छांगुर बाबा के पास मुस्लिम देशों से पैसा आ रहा था। छांगुर बाबा के खासमखास माने जा रहे नवीन के नाम से एक स्विस अकाउंट का भी पता चला है।
अंगूठी बेचते-बेचते बन गया करोड़पति
एक मामूली से परिवार में पैदा हुआ जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बचपन में गलियों में घूमकर ताबीज और अंगूठियां बेचने का काम करता था। बाद में उसने अपनी बीवी को प्रधानी का चुनाव लड़वाया। देखते ही देखते उसके दिन बदलने लगे। एटीएस को अब उसकी 100 करोड़ रुपये से भी प्रॉपर्टी के बारे में पता चला है।
50 कमांडो की फोर्स तीन करोड़ी कोठी में रहकर बजाते थे छांगुर बाबा का हर हुक्म
बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा की 50 युवकों की कमांडो फोर्स बाबा के लिए कुछ भी करने को तैयार थी। फिलहाल छांगुर बाबा और उसकी साथी नीतू उर्फ नसरीन पुलिस रिमांड पर है। इसमें एटीएस धर्मांतरण और कमांडो फोर्स समेत कई एंगल पर पूछताछ कर छांगुर बाबा के साम्राज्य की जड़े खोदने की कोशिश कर रही है। यूपी एटीएस की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में 50 युवकों का जिक्र किया गया है। छांगुर बाबा ने करीब 50 युवकों की एक विशेष फोर्स तैयार कर रखी थी, जो उसके इशारे पर काम करते थे। ये युवक न सिर्फ धर्मांतरण की गतिविधियों में लगे थे, बल्कि स्थानीय स्तर पर भय, दबाव और हिंसा फैलाने में भी बाबा के हथियार बने हुए थे। ये सभी युवक बाबा की बलरामपुर स्थित आलीशान कोठी में ही रहते थे। उनके लिए अलग-अलग कमरे, खाना-पीना, कपड़े से लेकर हर जरूरत की चीजें छांगुर बाबा द्वारा मुहैया कराई जाती थीं। कोठी में ही इनका ब्रेनवॉश होता था और उन्हें बाबा का आदेश अंतिम फरमान माना जाता था।
पुलिस स्टेशन तक पहुंची थीं कंपलेन, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
बताया यह भी जा रहा है कि जांच में सामने आया कि ये युवक कई बार लोकल निवासियों के साथ मारपीट, धमकी और जबरदस्ती धर्मांतरण के मामलों में संलिप्त रहे हैं। कुछ मामलों में कंपलेन पुलिस स्टेशन तक भी पहुंचीं, लेकिन छांगुर बाबा की तगड़ी पकड़ के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। आरोप है कि छांगुर का एक तरह से साया बने ये युवक अपने-आप में एक अनौपचारिक सुरक्षा दस्ते की तरह काम कर रहे थे। इन युवकों के बारे में कहा गया है कि वे बाबा के हर आदेश पर कुछ भी करने को तैयार रहते थे।
आस्था के नाम पर तैयार किया निजी नेटवर्क
छांगुर बाबा खुद को एक धर्मगुरु के रूप में पेश करता था। युवकों को आध्यात्मिक सेवक बताकर अपने पास रखता था। लेकिन पूछताछ में पता चला कि इन युवकों को ट्रेनिंग जैसी प्रक्रिया से गुज़ारा गया था। इनकी वफादारी इस कदर थी कि कोई भी आदेश चाहे कानूनी हो या गैरकानूनी वे बिना सवाल माने जाते थे।
युवकों की पहचान और पृष्ठभूमि की हो रही जांच
अब एटीएस इन सभी 50 युवकों की पहचान, पृष्ठभूमि और उनके बाबा से जुड़े कार्यों की विस्तृत जांच में जुटी है। इन युवकों का इस्तेमाल कहां-कहां किया गया। धर्मांतरण के किन-किन मामलों में इनकी भूमिका रही है, इन बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो कुछ युवक अन्य राज्यों से लाए गए थे और उन्हें यहां रखकर मानसिक और वैचारिक रूप से तैयार किया गया था। एटीएस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि क्या इस कमांडो फोर्स का इस्तेमाल किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंडे के लिए किया गया था।
छांगुर बाबा ने नीतू की बेटी सबीहा से करायी थी अपने नाती की सगाई
अवैध धर्मांतरण के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने अपने नाती की सगाई नीतू उर्फ नसरीन की 18 साल की बेटी सबीहा से करवायी थी। सबीहा का नाम पहले समाले था। बाद में उसका भी धर्म परिवर्तन करा दिया गया।छांगुर के करीबी बब्बू खान की मानें तो दहेज में नीतू ने पांच करोड़ रुपये का शो रूम बनवाकर दिया है। इसी अगस्त में निकाह होने वाला था जिसकी तैयारियां हो रही थीं। फिलहाल सबीहा अपने अन्य घरवालों के साथ लखनऊ के खुर्रमनगर स्थित आवास पर रह रही है।छांगुर बाबा और नीतू को रिमांड पर लेकर यूपी एटीएस लगातार पूछताछ कर रही है। पता चला है कि छांगुर बाबा स्मार्टफोन यूज नहीं करता था। उसके पास कीबोर्ड वाला छोटा फोन ही रहता था।
50 इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं गैंग के सदस्य
छांगुर बाबा का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा से लेकर कई राज्यों में फैला हुआ है। नेपाल, दुबई समेत कई देशों भी इस गिरोह का प्रभाव है। गैंग के सदस्य लगभग 50 इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि करोड़ों का फंड इन देशों से छांगुर और नीतू के बैंक अकाउँट्स में आता है।