Rajasthan : भरतपुर में बड़े साईबर ठग गैंग का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड रोहित दुबे उत्तर प्रदेश  के मिर्जापुर से अरेस्ट  

राजस्थान की भरतपुर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने चार सौ करोड़ रुपये की ठगी के माटरमाइंड मास्टरमाइंड रोहित दुबे उत्तर प्रदेश  के मिर्जापुर से अरेस्ट किया है। 

Rajasthan : भरतपुर में बड़े साईबर ठग गैंग का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड रोहित दुबे उत्तर प्रदेश  के मिर्जापुर से अरेस्ट  
कंबोडिया से जुड़ा इंटरनेशनल कनेक्शन।

जयपुर। राजस्थान की भरतपुर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने चार सौ करोड़ रुपये की ठगी के माटरमाइंड मास्टरमाइंड रोहित दुबे उत्तर प्रदेश  के मिर्जापुर से अरेस्ट किया है। 
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आरोपी रोहित दूबे किसी भी तरह के डिजिटल ट्रेस से बचने के लिए अपनी वाइफ के मोबाइल के WiFi के जरिए टेलीग्राम ऐप से गैंग को निर्देश देता था। पुलिस के पहुंचने से पहले उसने सबूत मिटाने के इरादे से अपना मोबाइल और लैपटॉप नदी में फेंक दिया। इस हाई-प्रोफाइल फ्रॉड नेटवर्क का संचालन कंबोडिया से किया जा रहा था।
ऐसे खुला मामले का राज
हरि सिंह नाम के एक व्यक्ति ने छह मार्च 2025 को धौलपुर के साइबर पुलिस स्टेशन में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फिनो पेमेंट बैंक अकाउंट से साइबर फ्रॉड की कंपलेन दी। पुलिस जांच में यह मामला 400 करोड़ के एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा निकला।इसके बाद आठ मई को दिल्ली के मोहन गार्डन से यूपी के बलिया निवासी रविं सिंह (54), दिनेश सिंह (49) और उसकी वाइफ कुमकुम (38) को अरेस्ट किया गया। फिर 30 मई को MBA डिग्रीधारी और 28 लाख पैकेज की नौकरी छोड़कर साइबर फ्रॉड करनेवाले देवेंद्र को भी पकड़ा गया। इस पूरे ऑपरेशन के माटरमाइंड रोहित दूबे को 15 जुलाई को मिर्जापुर से पकड़ा गया।  जबकि उसका साथी शशिकांत अभी भी फरार है।
मास्टरमाइंट की चालबाजियां और गुप्त नेटवर्क
भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के अनुसार, रोहित किसी भी सिम कार्ड या सोशल मीडिया  प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करता था। वह पूरी कम्युनिकेशन अपनी वाइफ के फोन के WiFi और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए करता था।पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, रोहित और शशिकांत ने लगभग 25 कंपनियों के फर्जी डायरेक्टर बनाकर रजिस्टर्ड कंपनियां खोली थीं, जिनमें से 16 पूरी तरह फर्जी थीं। इन्हीं कंपनियों के जरिए करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया गया। पैसे एक कंपनी से दूसरी में ट्रांसफर कर उनका सोर्स छिपाया जाता था।
कंबोडिया से जुड़ा इंटरनेशनल कनेक्शन
आईजी ने बताया कि रोहित और शशिकांत दोनों लगभग सात बार कंबोडिया की यात्रा कर चुके हैं। वहां एक “टेक्निकल टीम” से संपर्क में थे, जिनके जरिए पूरा नेटवर्क ऑपरेट होता था। पूछताछ में सामने आया हैकि यह टीम असल में विदेशी साइबर ठग हैं, जो टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए संपर्क में रहते थे। हालांकि, पुलिस को अभी इन विदेशी ठगों की वातविक पहचान नहीं मिल पायी है। जांच टीम टेलीग्राम ग्रुप्स और चैट्स की  जांच कर रही है।
ऑनलाइन गेमिंग और इन्वेस्ट के नाम पर जाल
गिरतार रोहित बेऔर शशिकांत ने फरवरी 2024 में बेंगलुरू स्थित "Abundance Payment Solution Pvt. Ltd." नाम से एक कंपनी बनायी थी। इस कंपनी के जरिए ऑनलाइन गेमिंग और इन्वेस्ट का झांसा देकर लोगों से ठगी की जाती थी। इस कंपनी का डायरेटर रोहित था। वह टेक्निकल ऑपरेशंस को संभालता था। मर्चेंट ऑनबोर्डिंग और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन रिसेलर के माध्यम से किये जाते थे, ताकि कोई सीधा लिंक न बन सके। कंपनी के पास लगभग 25 मर्चेंट थे, जिनमें से अधिकतर की पेमेट कंट्रोलिंग यानी पे-इन और पे-आउट खुद गैंग के पास रहती थी।
अभी और बड़े खुलासे संभव
पुलिस अफसरों के अनुसार, रोहित की गिरफ्तारी के बाद अभी कई और गिरफ्तारियां और खुलासे हो सकते हैं। जांच टीम को उम्मीद है कि नदी में फेंके गये मोबाइल और लैपटॉप से महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत बरामद किये जा सकते हैं।