झारखंड: दो से अधिक संतान वाले नहीं लड़ पायेंगे निकाय चुनाव, आयोग ने तय की कट-ऑफ डेट!
झारखंड में निकाय चुनाव के लिए नए नियम लागू। 9 फरवरी 2013 के बाद दो से अधिक संतान वाला व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकेगा। टैक्स क्लियरेंस और स्वघोषणा पत्र अनिवार्य। गलत जानकारी पर नामांकन रद्द होगा।
- झारखंड में निकाय चुनावों के लिए नए नियम लागू
- दो से अधिक संतान पर कसा शिकंजा
रांची। झारखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा नियम लागू कर दिया है। अब दो से अधिक संतान वाला कोई भी व्यक्ति निकाय चुनाव नहीं लड़ सकेगा, यदि उसकी अंतिम संतान का जन्म 9 फरवरी 2013 के बाद हुआ है। आयोग ने इस नियम को लागू करते हुए सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेज दिए हैं।
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आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने स्पष्ट किया कि यदि किसी उम्मीदवार के दो से अधिक संतान नौ फरवरी 2013 से पहले से ही थे और इसके बाद कोई नई संतान नहीं हुई है, तो वह चुनाव लड़ने के योग्य होगा। लेकिन अगर नौ फरवरी 2013 के बाद संतान संख्या बढ़ी है, तो वह अयोग्य माना जायेगा।
गोद लिए बच्चे और जुड़वा संतान भी गिने जायेंगे
निर्देश में यह भी साफ किया गया है कि— गोद ली गयी संतान व जुड़वा बच्चे: इनकी संख्या को भी कुल संतान की श्रेणी में गिना जाएगा। इस आधार पर भी पात्रता तय होगी। उम्मीदवार को दो से अधिक संतान नहीं होने का स्वघोषणा पत्र नामांकन के साथ जमा करना जरूरी है।
झूठी जानकारी पर तुरंत रद्द होगा नामांकन
आयोग ने चेतावनी जारी की है कि— शपथ पत्र व स्वघोषणा पत्र: अगर इनमें कोई गलत जानकारी पाई जाती है, तो उम्मीदवार का नामांकन तुरंत रद्द कर दिया जायेगा। साथ ही, झारखंड नगरपालिका अधिनियम, 2011 के तहत पहली बार सभी नगर निकायों के चुनाव एक साथ कराए जायेंगे।
टैक्स क्लियरेंस अनिवार्य: 2024-25 तक का भुगतान जरूरी
चुनाव लड़ने के लिए टैक्स और शुल्क से संबंधित सख्त नियम भी लागू किये गये हैं—
कोई भी व्यक्ति बकाया कर, शुल्क या किराया चुकाए बिना नामांकन नहीं कर सकेगा।
9 फरवरी 2013 से पहले लंबित राशि पर कंपाउंड इंटरेस्ट नहीं लगेगा, लेकिन मूल राशि + सरल ब्याज देना अनिवार्य होगा।
उम्मीदवारों को वित्तीय वर्ष 2024-25 तक का कर भुगतान अनिवार्य रूप से करना होगा।
इन नियमों के लागू होने के बाद निकाय चुनाव के संभावित उम्मीदवारों में हलचल मच गई है। कई जिलों में अब पात्रता की जांच का कार्य तेज हो गया है।






