छत्तीसगढ़: बीजापुर एनकाउंटर में 23 जवान शहीद, असम दौरे से लौटे अमित शाह
छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में शनिवार नक्सलियों के साथ हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों के 23 जवान शहीद हो गये हैं। गांव के करीब और जंगल में शहीद जवानों के बॉडी मिले हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में शनिवार नक्सलियों के साथ हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों के 23 जवान शहीद हो गये हैं। गांव के करीब और जंगल में शहीद जवानों के बॉडी मिले हैं।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा के सीमावर्ती क्षेत्र के जंगल में नक्सलियों से एनकाउंटर हुई है। इसमें घायल 30 जवानों को हॉस्पीटल में एडमिट कराया गया है। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।एक रिइंफोर्समेंट पार्टी को मौके पर भेजा गया है। एनकाउंटर में लगभग 25 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। इस हृदय विदारक घटना से पूरे देश में शोक की लहर है। बतायाजाता है कि कुख्यात नक्सली हिडमा को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों के 2000 जवानों की टीम जंगल के अंदर घुस रही थी। इसी दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया।
बताया जाता है कि नक्सलियों ने दो दर्जन से ज्यादा आर्म्स लूट लिये हैं।जवानों के जूते और कपड़े तक लेकर चले गये हैं। इससे पहले शनिवार को पुलिस ने पांच जवानों के शहीद होने की पुष्टि की थी और 15 जवान लापता बताये जा रहे थे। इससे पहले होम मिनिस्टर अमित शाह ने एनकाउंटर के संबंध में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से बात की। होम मिनिस्टरके आदेश पर सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए आज सुबह छत्तीसगढ़ पहुंचे।सीएम बघेल भी असम से छत्तीसगढ़ लौट आये हैं। सेंट्रल होम मिनिस्टरअमित शाह नक्सली हमले के मद्देनजर असम में अपना चुनाव प्रचार अभियान बीच में ही छोड़कर दिल्ली लौट गये हैं। गुवाहाटी में शाह ने कहा कि वे जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके परिवार और देश को विश्वास दिलाते हैं कि जवानों ने देश के लिए अपना जो खून बहाया है वो व्यर्थ नहीं जायेगा। नक्सलियों के खिलाफ मजबूती के साथ हमारी लड़ाई चलती रहेगी।हम इसे परिणाम तक ले जायेंगे।
छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने शनिवार को जानकारी दी थी कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम की नक्सलियों के साथ एनकाउंटर हुआ। पिछले 10 दिनों से छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के एक शीर्ष नक्सली मादवी हिडमा के ठिकाने के बारे में जानकारी मिल रही थी। उसका नाम वष।र् 2013 के झीरम घाटी में हुए हमलें सहित कई बड़े हमलों से जुड़ा हुआ है। झीरम घाटी में 2013 में नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के सीनीयर लीडर सहित 30 से अधिक लोग मारे गये थे।
प्रसिडेंट, पीएम व होम मिनिस्टर ने जताया दुख
प्रसिडेंट रामनाथ कोविन्द ने नक्सली हमले पर दुख जताया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। पीएम नरेंद्र मोंदी जवानों के शहादत पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि मेरे विचार छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए जवानों के परिवारों के साथ हैं। वीर शहीदों की कुर्बानियों को हमेशा याद रखा जायेगा। घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना है। होम मिनिस्टर अमित शाह ने जवानों के शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश उनकी वीरता को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने ट्वीट करके कहा, 'छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए हमारे बहादुर सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को नमन करता हूं। देश उनकी वीरता को कभी नहीं भूलेगा। मेरी संवेदना उनके परिवारों के साथ है। हम शांति और प्रगति के इन दुश्मनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना है।' सीएम भूपेश बघेल ने सुरक्षाकर्मियों के शहादत पर शोक व्यक्त किया और एनकाउंटर में घायल हुए सैनिकों के लिए बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया करनाने का आदेश दिया।
10 दिनों में स्टेट में दूसरी बड़ी नक्सली वारदात
पिछले 10 दिनों में राज्य में यह दूसरी बड़ी नक्सली वारदात है। इससे पहले 23 मार्च को, नारायणपुर जिले में सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही एक बस को नक्सलियों ने आईडी से उड़ा दिया था। पिछले साल 21 मार्च को सुकमा जिले के मिंपा इलाके में एक नक्सली हमले में डीआरजी के 12 सहित 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये थे।
घने जंगल, दुर्गम इलाका और 400 नक्सली,नक्सलियों ने LMG से कर दी गोलियों की बौछार
बीजापुर में लगभग 400 नक्सलियों के एक ग्रुप ने सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया था।सुरक्षा बलों की टीम एक स्पेशल ऑपरेशन के लिए बड़ी टुकड़ी का हिस्सा थे। नक्सलियों के साथ हुई इस एनकाउंटर में सुरक्षा बलों के 24 जवान शहीद हो गये। 30 अन्य घायल हो गये। सोर्सेज का कहना है कि सुरक्षा बलों के1,500 जवानों की टुकड़ी ने बीजापुर-सुकमा जिले की बोर्डर के आसपास के क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना पर दोपहर के बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इसमें सीआरपीएफ की विशेष इकाई 'कोबरा के जवान, इसकी नियमित बटालियनों की कुछ टीमें, इसकी बस्तरिया बटालियन की एक इकाई, छत्तीसगढ़ पुलिस से संबद्ध जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और अन्य जवान शामिल थे।
नक्सलियों ने किया हमला
वांछित माओवादी कमांडर एवं तथाकथित पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के नेता हिडमा और उसकी सहयोगी सुजाता के नेतृत्व में कम से कम 400 नक्सलियों के शनिवार को घात लगाकर हमला किया है। यह दुर्गम इलाका, घने जंगल और सुरक्षा बलों के शिविरों की कम संख्या के चलते नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। नक्सलियों ने इस हमले में एलएमजी से गोलियों की बौछार की।कम तीव्रता वाले आईईडी का इस्तेमाल किया। नक्सली इस एनकाउंटर में मारे गए अपने 10-12 साथियों को ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर अपने साथ ले गये।
घात लगाकर नक्सलियों ने की फायरिंग
स्पेशल ऑपरेशन के लिए के लिए सुरक्षा बलों के जवानों की स्वीकृत संख्या 790 थी। शेष को सहायक के रूप में साथ लिया गया था। गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली जगरगुंडा-जोंगागुड़ा-तर्रेम एरिया में अपना आक्रामक ऑपरेशन संचालित कर रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए छह शिविरों के सुरक्षा बलों की टीमों को तैनात किया गया था।'नक्सलियों ने घात लगाकर हमला करते हुए भारी फायरिंग की। घायल जावानों को वहां से निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की सेवा मांगी गई। नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों को तीन ओर से घेर लिया था। और जंगलों में भारी गोलाबारी की गई।