कांग्रेस के मिनिस्टर अब हर महीने कम से कम छह जिलों की यात्रा करेंगे, कांग्रेस मुख्यालय में लगायेंगे जनता दरबार
झारखंड गवर्नमेंट में शामिल कांग्रेस कोटे के मिनिस्टरों अब हर शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनता दरबार लगेगा। जनता दरबार में पार्टी कार्यकर्ता के साथ-साथ आम जन भी अपनी समस्याओं को सीधे मिनिस्टर के समक्ष रखेंगे। मिनिस्टर सरकार और संगठन में समन्वय स्थापित करने के लिए महीने में छह जिले का दौरा करेंगे। कृषि मंत्री बदल पत्रलेख इसी कड़ी में गढ़वा दौरे पर हैं। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम गुरुवार को हजारीबाग और रामगढ़ के दौरे पर जायेंगे।
रांची। झारखंड गवर्नमेंट में शामिल कांग्रेस कोटे के मिनिस्टरों अब हर शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनता दरबार लगेगा। जनता दरबार में पार्टी कार्यकर्ता के साथ-साथ आम जन भी अपनी समस्याओं को सीधे मिनिस्टर के समक्ष रखेंगे। मिनिस्टर सरकार और संगठन में समन्वय स्थापित करने के लिए महीने में छह जिले का दौरा करेंगे। कृषि मंत्री बदल पत्रलेख इसी कड़ी में गढ़वा दौरे पर हैं। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम गुरुवार को हजारीबाग और रामगढ़ के दौरे पर जायेंगे।
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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और ग्रामीण विकास मंत्री सह पार्टी के विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी। दोनों नेताओं ने बताया कि जिला दौरा के क्रम में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद होगा ही, साथ ही मंत्री जनता से भी संवाद करेंगे। मंत्रियों के दौरे के दौरान जिला के आला अधिकारियों को भी उपस्थित रहना है। इसके लिए पत्राचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण जानता दरबार बन्द था। उसे फिर से शुरू किया जायेगा। हर शनिवार को जनता दरबार लगेगा।कांग्रेस का मानना है कि जनता दरबार और मंत्रियों के दौरे से सरकार और संगठन में समन्वय कायम रहेगा।आलमगीर आलम ने कहा कि संगठन के लोग इस बात को कह रहे हैं कि सरकार और संगठन के बीच खाई है। इसलिए यह दौरा है, ताकि जनता के साथ संवाद हो और कार्यकर्ताओं की जो मांगें हैं उन्हें पूरा किया जा सके।उन्होंने कहा कि जनता की अपेक्षा इस सरकार से ज्यादा है, घर-घर जाकर जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे।
पंचायत चुनाव पर सरकार ने अपना काम कर दिया, अब आयोग निर्णय ले
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार जल्द पंचायत चुनाव कराना चाहती है। सरकार की तरफ से सारी प्रक्रिया पूरी कर चुनाव आयोग को भेज दिया गया है। अब निर्वाचन आयोग को यह निर्णय लेना है कि वो कब पंचायत चुनाव करायेगा। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव नहीं होने से कोई काम प्रभावित नहीं हुआ है। 31 दिसंबर 2000 को पंचायत का कार्यकाल ख़त्म हुआ. उस समय कोरोना पीक पर था। पंचायतों का काम प्रभावित नहीं हो इसलिए सरकार ने पंचायत को दो-दो बार एक्सटेंशन दिया।
भाषाई विवाद का जल्द हो जायेगा समाधान
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि भाषाई विवाद का जल्द समाधान होगा। भोजपुरी, मगही, अंगिका और मैथिली पर कांग्रेस पार्टी का क्या स्टैंड है इसका जवाब दोनों नेताओं में से किसी ने नहीं दिया। सिर्फ इतना कहा कि भोजपुरी पलामू की भाषा है, अंगिका संथाल में बोली जाती है, मगही हजारीबाग में बोली जाती है। बोकारो और धनबाद में जो भोजपुरी और मगही को लेकर विवाद पर कहा कि सरकार का ध्यान इस पर है और जल्द ही समाधान भी निकलेगा।