धनबाद: रोबिन गोराई से धोखाधड़ी मामले में अरूप चटर्जी को बेल, पत्रकार की अरेस्टिंग पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
धनबाद जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष रोबिन चंद्र गोराई से केयर विजन ग्रुप ऑफ कंपनी के नाम पर धोखधड़ी कर 10 लाख रुपये गबन करने के मामले में जेल में बंद न्यूज 11 भारत के डायरेक्टर अरूप चटर्जी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की कोर्ट ने सीनीयर एडवोकेट शाहनवाज की दलील सुनने के बाद अरूप चटर्जी को बेल पर मुक्त करने का आदेश दिया है।
धनबाद। जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष रोबिन चंद्र गोराई से केयर विजन ग्रुप ऑफ कंपनी के नाम पर धोखधड़ी कर 10 लाख रुपये गबन करने के मामले में जेल में बंद न्यूज 11 भारत के डायरेक्टर अरूप चटर्जी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की कोर्ट ने सीनीयर एडवोकेट शाहनवाज की दलील सुनने के बाद अरूप चटर्जी को बेल पर मुक्त करने का आदेश दिया है।
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अरूप के एडवोकेट शाहनवाज ने दलील देते हुए कहा कि अभिलेख पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जो यह साबित करता हो कि अरूप चटर्जी ने रोबिन के साथ कोई धोखाधड़ी की। रोबिन गोराई ने केयर विजन कंपनी में एक रुपया भी जमा नहीं किया था। पुलिस के दबाव में अरूप को बदनाम करने और परेशान करने की नीयत से कथित घटना के 10 वर्ष बाद एफआइआर दर्ज कराई गई है। इस मामले में 30 जुलाई 2022 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी निर्भय प्रकाश की कोर्ट ने अरूप चटर्जी की बेल पिटीशन को खारिज कर दिया था।
रोबिन चंद्र गोराई ने आरोप लगाया था कि पांच मार्च 2012 को उन्होंने केयर विजन ग्रुप ऑफ कंपनी के संचालक अरूप चटर्जी को 10 लाख रुपये दिये थे। अरूप ने उसका ना तो कोई सर्टिफिकेट दिया और ना ही कोई रिसिविंग दी थी। बाद में पैसे वापस मांगने पर कंपनी संचालक टाल-मटोल करने लगा। तब 24 जुलाई 2022 को रोबिन चंद्र गोराई ने अरूप चटर्जी के खिलाफ निरसा (कालूबथान ओपी) थाना में इस संबंध में कांड संख्या 242/22 के तहत एफआइआर दर्ज कराई थी।
पत्रकार अरुण वर्णवाल की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के दामाद और कोयला कारोबारी राकेश ओझा से रंगदारी मांगने के मामले में आरोपित बनाये गये न्यूज 11 के पत्रकार अरुण वर्णवाल को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाइ कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने रिट पिटीशन संख्या 374/22 पर सुनवाई करते हुए 22 नवंबर तक अरुण वर्णवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अरुण की ओर से एडवोकेट ने हाईकोर्ट को बताया कि पुलिस द्वारा उन्हें धारा 41 का नोटिस देकर केवल दो दिनों का समय दिया गया। पुलिस ने उन्हें जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पीछे पड़ी है।
उल्लेखनीय है कि कोल कारोबारी राकेश ओझा से कथित रंगदारी प्रकरण में अरुप को पहले ही बेल मिल चुकी है।केयर विजन चिट फंड कंपनी के एक मामले में भी बेल मिल चुकी है। अभी केयर विजन से संबंधित दो -तीन अन्य मामले भी हैं।