Dhanbad: गोविंदपुर के न्यू खालसा होटल के बाहर क्रिमिनलों ने सुतली बम फोड़ा, दहशत फैलाने की कोशिश
कोयला राजधानी धनबाद के गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया में क्रिमिनलों ने जीटी रोड स्थित न्यू खालसा होटल के सामने सुतली बम फेंक दहशत फैलाने का प्रयास किया है। बाईक सवार क्रिमिनल दो सूतली बम फोड़कर भाग निकले।
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया में क्रिमिनलों ने जीटी रोड स्थित न्यू खालसा होटल के सामने सुतली बम फेंक दहशत फैलाने का प्रयास किया है। बाईक सवार क्रिमिनल दो सूतली बम फोड़कर भाग निकले।
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घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी हेडक्वार्टर वन- अमर कुमार पांडे, गोविंदपुर थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे व छानबीन की। पुलिस अफसरों ने होटल के बाहर लगे सीसीटीवी का फुटेज खंगाल बदमाशो का सुराग ढूंढने का प्रयास किया। सीसीटीव में क्रिमिनलों का चेहरा स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।
डीएसपी श्री पांडे ने कहा कि इस तरह के बदमाशों से बिजनसमैन डरे नहीं , निर्भीक होकर अपना काम करें। उन्होंने कहा कि बदमाश जल्द ही पकड़े जायेंगे।से होटल मालिक को भयभीत करने एवं रंगदारी मांगने के लिए यह विस्फोट किया होगा।
गोविंदपुर के होटल में पहली बार बमबाजी की घटना घटी है। इसके पहले गोविंदपुर में कोल बिजनसमैन बंटी चौधरी के घर एवं बिहारी लाल चौधरी के कपड़े की दुकान के सामने प्रिंस खान के गुर्गों ने फायरिंग की थी। कपड़ा दुकान के सामने फायरिंग में शामिल क्रिमिनलों को पुलिस अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। बंटी चौधरी के घर फायरिंग मामले की सीआईडी जांच कर रही है।
शेरा सिंह का है न्यू खालसा होटल
न्यू खालसा होटल प्रसिद्ध व्यवसायी गुरुगुचरण सिंह उर्फ शेरा सिंह अपने दो बेटों रणजीत सिंह एवं तरनजीत सिंह के साथ चलाते हैं। वर्ष 1984 में इस होटल की स्थापना हुई थी। इसके पूर्व यह होटल काका सिंह चलाते थे। 1984 में सिख दंगे के बाद गुरु चरण सिंह शेरा को होटल बेचकर पंजाब चले गये। न्यू खालसा होटल जीटी रोड में वेज-नॉनवेज व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है। दिल्ली-कोलकाता लेन के लिए यह होटल काफी फेमस है। न्यू खालसा होटल की खासियत है कि यहां रात में भी महिलाएं वाहनों से उतरकर बेधड़क आती हैं। फ्रेश होनेके साथ-साथ नाश्ता और भोजन करती हैं। पूरब में कोलकाता और पश्चिम में गया, औरंगाबाद आदि इलाकों से चलनेवाले लोग न्यू खालसा में उतरकर भोजन करते हैं
समाजसेवा में चर्चित नाम है शेरा सिंह
कोयलांचल में समाजसेवा में गुरुगुचरण सिंह उर्फ शेरा सिंह. एक चर्चित नाम है। एक समय जीटी रोड में कोई भी रोड एक्सीडेंट होने पर शेरा सिंह का काम घायलों को अस्पताल पहुंचाना और उनकी मदद करना होता था। उस दौर में 108 एंबुलेंस या अन्य सरकारी एंबुलेंस नहीं होते थे। घायलों को निजी वाहनों से हॉस्पिटल पहुंचाना पड़ता था। शेरा सिंह अपने वाहनों से घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाते थे। उन्होंने लावारिस बॉडी के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया था। गोविंदपुर पुलिस स्टेशन एरिया में मिलने वाले अननोन बॉडी काक्रियाक्रम वह अपने खर्चेपर करते थे।
दो युवा बेटे को खोया है शेरा सिंह ने
वर्ष 2004 में शेरा सिंह के दो बेटे गुरगुमीत सिंह और हरमीत सिंह की जम्मू-कश्मीर में हुई दुर्घटना में एक साथ मौत हो गयी थी। दोनों बेटे की याद में उन्होंने गोविंदपुर खुदिया नदी घाट में शवदाह गृह बनाया और उसका विस्तार किया। गोविंदपुर में यह स्वच्छ एवं सुंदर मोक्ष धाम है। यहां न केवल गोविंदपुर बल्कि धनबाद के भी लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने आते हैं। हाल के दिनों में इस घाट में और पक्की छावनी का निर्माण कराया है, ताकि घाट आनेवाले लोगों को बैठने में कोई परेशानी नहीं हो।बाग-बागवानी भी की है। अपनी ओर से लाइट्स भी लगवायें हैं। अब यहां रात में भी अंतिम संस्कार में कोई परेशानी नहीं होती है। उन्होंने रतनपुर में दो मंदिर और करमाटांड कब्रिस्तान में भी छावनी का निर्माण अपने खर्चे पर कराया है। शेरा सिंह का सबसे महत्वपूर्ण कार्य झारखंड, बिहार और बंगाल के विभिन्न एरिया में बॉडी रखने के लिए फ्रीजर उपलब्ध कराना है। उन्होंने धनबाद जिले के विभिन्न भागों सहित कोडरमा, गया, गिरिडीह, रानीगंज, वर्धमान आदि इलाकों में विभिन्न संगठनों को बॉडी फ्रीजर उपलब्ध करायें हैं। न्यू खालसा परिवार की ओर से उपलब्ध इन फ्रीजर से लोगों को बॉडी रखने में सुविधा होती है।