धनबाद: रेप पीड़िता की कंपलेन की अनदेखी मामले में इंस्पेक्टर एम गुड़िया पर FIR, गोविंदपुर थानेदार सुरेंद्र सिंह के खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग
रेप पीड़ित नाबालिग लड़की की कंपलेन पर कार्रवाई नहीं करने के मामले में कई पुलिस अफसरों पर कानूनी व डिपार्टमेंटल शिकंजा कस गया है। पीड़िता की कंपलेन पर केस दर्ज करने के लिए दिये गये आवेदन की अनदेखी करने के मामले में इंस्पेक्टर एम गुड़िया के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है।
- नाबालिग से रेप मामले में पुलिस के रवैये पर मानवाधिकार आयोग सख्त
- डीजीपी से कहा-एसएसपी और डीएसपी के खिलाफ करें कार्रवाई
- डीएसपी मुकेश कुमार को शोकॉज
- पुलिस हेडक्वार्टर ने तत्कालीन एसएसपी से मांगा जवाब
धनबाद। रेप पीड़ित नाबालिग लड़की की कंपलेन पर कार्रवाई नहीं करने के मामले में कई पुलिस अफसरों पर कानूनी व डिपार्टमेंटल शिकंजा कस गया है। पीड़िता की कंपलेन पर केस दर्ज करने के लिए दिये गये आवेदन की अनदेखी करने के मामले में इंस्पेक्टर एम गुड़िया के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है।
मामले में इंस्पेक्टर सह बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन के तत्कालीन ओसी व वर्तमान में गोविंदपुर थानेदार सुरेंद्र सिंह व जांच पदाधिकारी एएसआइ अमोद ठाकुर के खिलाफ भी डिपार्टमेंट प्रोसिडिंग शुरू की जा रही है। तत्कालीन डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) मुकेश कुमार को शो-कॉज किया गया है। पुलिस हेडक्वार्टर ने तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल से जवाब-तलब किया है।तत्कालीन महिला थाना प्रभारी एम गुड़िया के पर पीड़िता द्वारा केस दर्ज करने के लिए दिये गये आवेदन की अवहेलना का केस धनबाद थाना में दर्ज किया गया है।. एम गुड़िया इंस्पेक्टर का प्रमोशन पाकर अभी साइबर पुलिस स्टेशन में पोस्टेड हैं। इंस्पेक्टर सह ओसी धनबाद पुलिस स्टेशन विनय कुमार के कंपलेन पर एफआइआर दर्ज किया गया है।
घटना में पुलिस कार्रवाई को असंवेदनशीलता
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने वर्ष 2019 में पुराना बाजार की एक किशोरी के किडनैप व रेप की घटना में पुलिस कार्रवाई को असंवेदनशीलता को गंभीरता से लिया है। आयोग ने डीजीपी को आदेश दिया है कि वे धनबाद के एक्स एसएसपी किशोर कौशल और डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर मुकेश कुमार के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करें।आयोग ने महिला पुलिस स्टेशन के तत्कालीन प्रभारी मारिस्टेला गुड़िया के खिलाफ आईपीसी की सेक्शन 166ए के तहत एफआइआर दर्ज करने का भी निर्देश दिया है। बैंक मोड़ के तत्कालीन थाना प्रभारी और किशोरी की गुमशुदगी के सनहा के आइओ एएसआई अमोद कुमार के खिलाफ उचित डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग करने का आदेश दिया है। एनएचआरसी ने इस संबंध में झारखंड के चीफ सेकरेटरी और डीजीपी को पत्र लिखा है। आरोपित पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई कर आयोग को सूचित करने को कहा गया है।
नाबालिग को बंधक बनाकर 40 दिनों तक किया था रेप
पुराना बाजार में रहनेवाली किशोरी वर्ष वर्ष 2019 की 19 अक्तूबर को महिला पुलिस स्टेशन में कंपलेन की थी उसकी एक सहेली ने उसे झांसा देकर बर्थडे पार्टी में बुलाया था। सरायढेला कार्मिक नगर में स्थित परमेश्वरी अपार्टमेंट के एक फ्लैट में उसे बंधक बना कर रखा गया। वहां नटराज ट्रांसपोर्ट के अमित दत्ता ने किशोरी के साथ तीन बार रेप किया। उसकी सहेली उसे बेहोशी की दवा देती थी। उसे दूसरे लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए बाध्य किया जाता था। नहीं मानने पर कपड़े के गर्म आयरन से उसके शरीर के कई अंगों को दागा गया था। काफी यातनाओं के बाद उसे बगल के एक पड़ोसी के पास झूठ बोल कर रखवाया गया। पड़ोसी की मदद से किशोरी 18 अक्तूबर को वहां से मुक्त होकर अपने घर पहुंची थी।
पुलिस अफसरों ने नहीं सुनी पीड़िता व परिजनों की फरियाद
नाबालिग के साथ दरिदंगी की कंपलेन के बावजूद मामले में एफआइआर दर्ज नहीं की गई। झारखंड अस्मिता जागृति मंच के अध्यक्ष रंजीत सिंह परमार ने छह नवंबर 2019 को इस मामले की कंपलेन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की। उन्होंने आरोप लगाया था कि किशोरी की गुमशुदगी की रिपोर्ट बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। किशोरी 19 अक्तूबर को अपने पिता के साथ बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन पहुंची। बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन में कंपलेन की गयी लेकिन ऑफिसर इंचार्ज सुरेंद्र सिंह व एएसआई अमोद कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया। इसके बाद पीड़ित ने मामले की कंपलेन महिला पुलिस स्टेशन में कंपलेन की। एसआइ सह महिला थाना प्रभारी मारिस्टेला गुड़िया आरोपी अमित दत्ता से मिल कर मामले को दबा दिया। पीड़िता को पैसों का लालच देकर केस नहीं करने का दबाव बनाया।
जांच के बाद आयोग की टीम ने सौंपी रिपोर्ट
रंजीत सिंह परमार के कंपलेन पर कार्रवाई के लिए मानवाधिकार आयोग ने राजेंद्र सिंह और मनोज दहिया के नेतृत्व में एक टीम गठित की थी। आयोग की टीम दिल्ली से धनबाद पहुंची। टीम ने 14 सितंबर 2020 से 18 सितंबर 2020 तक केस के विभिन्न पहलुओं की जांच की। मामले की रिपोर्ट आयोग के चेयरमैन को सौंपी गई। आयोग के निर्देश पर डीजीपी ने एसएसपी को महिला थाना प्रभारी के खिलाफ एफआइआप दर्ज करने तथा आरोपी पुलिस अफसरों के खिलाफ डिपार्टमेंट प्रोसिडिंग करने को कहा है। बताया जा रहा है कि तत्काल प्रभाव से महिला थाना की एडवाइजर लोपा मुद्रा की सेवा पुलिस स्टेशन से समाप्त कर दी गई है।