धनबाद: चार दिनों के आंदोलन के कारण हर्ल सिंदरी को 50 करोड़ का हुआ नुकसान

हर्ल प्रोजेक्ट में सोमवार को हुई इंडस्ट्रीयल एक्सीडेंट के कारण करंट से झुलसे दो मजदूरों को झुलस जाने के बाद चार दिनों तक तले आंदोलन से कंपनी को लगभग 50 करोड़ का नुकसान हुआ है। जख्मी मजदूरों का बेहतर इलाज, मुआवजा व रोजगार की मांग को लेकर 10 जनवरी से शुरू हुआ धरना 13 जनवरी को एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी के हस्तक्षेप से हुई वार्ता के बाद समाप्त हो गया।

धनबाद: चार दिनों के आंदोलन के कारण हर्ल सिंदरी को 50 करोड़ का हुआ नुकसान

धनबाद। हर्ल प्रोजेक्ट में सोमवार को हुई इंडस्ट्रीयल एक्सीडेंट के कारण करंट से झुलसे दो मजदूरों को झुलस जाने के बाद चार दिनों तक तले आंदोलन से कंपनी को लगभग 50 करोड़ का नुकसान हुआ है। जख्मी मजदूरों का बेहतर इलाज, मुआवजा व रोजगार की मांग को लेकर 10 जनवरी से शुरू हुआ धरना 13 जनवरी को एसडीएम प्रेम कुमार तिवारी के हस्तक्षेप से हुई वार्ता के बाद समाप्त हो गया।

गिरिडीह: .जमुआ में घर के बाहर खेल रहे बिजनसमैन के बेटे का किडनैप 

चार दिनों तक चले धरना, प्रदर्शन आंदोलन के कारण हर्ल प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य काफी प्रभावित हुआ। हर्ल प्रबंधन को लगभग 50 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है। प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य भी 15 से 20 दिनों पीछे चला गया है।गैर बीजेपीदलों के संयुक्त मोर्चा के चार दिनों तक चले आंदोलन व मैनेजमेंट से विवाद के कारण हर्ल को काफी नुकसान पहुंचा है। हर्ल प्रोजेक्ट के ग्रुप जेनरल मैनेजर कामेश्वर झा ने कहा कि आंदोलन के कारण हर्ल प्रोजेक्ट को सीधे तौर पर 50 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। 

प्रोजेक्ट निर्माण को लगा धक्का

संयुक्त मोर्चा ने दुर्घटना के बाद से ही हर्ल प्रोजेक्ट के मेन गेट पर धरना शुरू कर दिया था। प्रोजेक्ट में अफसरव कर्मियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इससे प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य बाधित हो गया था। जीजीएम ने कहा कि आंदोलन के कारण विदेशी एक्सपर्टों में दहशत व्याप्त हो गया था। फ्रांस की कंपनी टेक्निप व ट्रिपलेक्स के सभी एक्सपर्टों ने सिदरी छोड़ दिया है। उन्हें दुबारा बुलाया जायेगा। आंदोलन से हुई क्षति की निकट भविष्य में भरपाई संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हर्ल मैनेजमेंट ने मार्च 2022 में यूरिया प्रोडेक्शन का टारगेट फिक्स किया था, लेकिन आंदोलन के कारण प्रोजेक्ट के निर्माण को धक्का लगा है।