धनबाद : हर्ल सिंदरी यूनिट के नये ग्रुप जीएम कामेश्वर झा ने संभाला कार्यभार, कहा-फरवरी 2022 तक चालू हो जायेगा प्लांट
हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड ( हर्ल) सिंदरी इकाई के नये ग्रुप जीएम कामेश्वर झा ने गुरुवार को पदभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने सिंदरी स्थित ऑफिस में निवर्तमान जीएम हिम्मत सिंह चाैहान से पदभार ग्रहण किया। उन्होंने निर्माणाधीन प्लांट के अफसरों से परिचय प्राप्त किया।
धनबाद। हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड ( हर्ल) सिंदरी इकाई के नये ग्रुप जीएम कामेश्वर झा ने गुरुवार को पदभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने सिंदरी स्थित ऑफिस में निवर्तमान जीएम हिम्मत सिंह चाैहान से पदभार ग्रहण किया। उन्होंने निर्माणाधीन प्लांट के अफसरों से परिचय प्राप्त किया।
चार्ज लेने के बाद जीएम ने कहा कि फरवरी 2022 तक प्लांट में यूरिया प्रोडक्शन का टारगेट रखा गया है। उम्मीद है कि टारगेट के अनुसार प्लांट में यूरिया का प्रोडक्शन शुरू हो जायेगा। नये जीएम ने अफसरों से प्लांट के कार्यों की जानकारी हासिल की।
एनआइटी दुर्गापुर के पासआउट हैं कामेश्वर झा
कामेश्वर झा एनआइटी दुर्गापुर से 1986 में मेकेनिकल इंजिनियरिंग के पासआउट हैं। सिंदरी में जीएम बनाये जाने से पहले झा एनटीपीसी के दर्ली पल्ली उड़िसा थर्मल पावर प्लांट में जीएम थे। हर्ल के एमडी अरुण कुमार गुप्ता ने सिंदरी प्रवास में बताया था कि कामेश्वर झा को हर्ल के प्रमोटरों ने हर्ल सिंदरी का जीजीएम बनाया है। एमडी ने कहा था कि कामेश्वर झा एनटीपीसी के तेज तर्रार अफसर माने जाते रहे हैं। काफी कार्यकुशल और मिलनसार हैं। इनके कार्यकाल में हर्ल सिंदरी के उर्वरक प्लांटका निर्माण कार्य तेजी से होगा। एमडी ने निवर्तमान जेनेरल मैनेजर हिम्मत सिंह चौहान को भी काफी कुशल बताते हुए कहा कि निर्विवाद रुप से हिम्मत सिंह चौहान ने हर्ल के सिंदरी उर्वरक प्लांट के निर्माण कार्य को बखूबी अंजाम दिया है।
पीएम मोदी ने 2018 में किया था शिलान्यास
हर्ल की सिंदरी इकाई का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 मई, 2018 को किया था। इसके बाद तेजी से प्लांट का निर्माण हो रहा है। हालांकि कोरोना के कारण बीच में काम बाधित हो गया था। अब फिर तेजी से काम हो रहा है। मार्च, 2022 से प्लांट में यूरिया का कॉमर्शियल प्रोडक्शन का टारगेट रखा गया है। पीएम मोदी प्लांट का उद्घाटन करने सिंदरी आ सकते हैं। इस प्लांट में प्रोडक्शन शुरू होने के बाद झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में बहुत हद कर यूरिया का संकट दूर हो जायेगा।