धनबाद: पेंडिंग ग्रेच्यूटी पेमेंट के लिए हाई कोर्ट जायेंगे बीसीसीएल के रिटायर्ड स्टाफ, भेदभाव का आरोप
बीसीसीएल में वर्ष 2017 की जनवरी से वर्ष 2018 मार्च के बीच रिटायर हुए लगभग चार हजार बीसीसीएल स्टाफ हाई कोर्ट की शरण लेंगे। सोशल डिस्टैंसिंह का पालन करते हुए बुधवार को रिटायर्ड स्टाफ ने एक बैठक कर यह निर्णय लिया।
- बीसीसीएल डीपी को इस संबंध में मांगपत्र सौंपा गया
धनबाद। बीसीसीएल में वर्ष 2017 की जनवरी से वर्ष 2018 मार्च के बीच रिटायर हुए लगभग चार हजार बीसीसीएल स्टाफ हाई कोर्ट की शरण लेंगे। सोशल डिस्टैंसिंह का पालन करते हुए बुधवार को रिटायर्ड स्टाफ ने एक बैठक कर यह निर्णय लिया। कहा गया कि ग्रेच्यूटी अधिनियम 1972 में साफ इंगित है कि ग्रेच्यूटी के मामले में अफसर व स्टाफ के बीच भेदभा नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके कोल इंडिया व बीसीसीएल मैनेमेंट भेदभाव कर रही है।
आरसीएमएस के संगठन सचिव सह रिटायर्ड स्टाफ ललन शर्मा ने कहा कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने वर्ष 2016 में ही ग्रेच्यूटी की सीलिंग बढ़ाकर 10 लाख से 20 लाख रुपये कर दिया। सार्वजनिक उपक्रमों में यह वर्ष 2017 से लागू हुआ। हालांकि कोल इंडिया व बीसीसीएल मैनेमेंट इसमें भेदभाव कर रहा है। अफसरों को वर्ष 2017 की पहली जनवरी से 20 लाख ग्रेच्यूटी दी जा रही है, जबकि स्टाफ के लिए वर्ष 2018 की 29 मार्च से इसे लागू किया गया है। यह सरासर अन्याय है।
वर्ष 2017 की एक जनवरी से 2019 की 29 मार्च के बीच कोल इंडिया में लगभग 18000 स्टाफ जबकि बीसीसीएल में लगभग चार हजार स्टाफ रिटायर हुए हैं। इन स्टाफ को मात्र 10 लाख सीलिंग के हिसाब से ही ग्रेच्यूटी का पेमेंट किया जा रहा है। बीसीसीएल डीपी को इस संबंध में एक मांगपत्र बुधवार को सौंपाकर कहा गया कि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे हाई कोर्ट की शरण लेंगे। उन्हें भी 20 लाख के हिसाब से ग्रेच्यूटी का पेमेंट करना चाहिए। कोल इंडिया लिमिटेड ने संबंधित कंपनियों द्वारा ही इसका पेमेंट करने का निर्देश दिया था। कर्मचारियों ने बुधवार को स्पीड पोस्ट व ईमेल के जरिए कोल इंडिया चेयरमैन व डायरेक्टरों को भी इस संबंध में मांगपत्र भेकर त्वरित कार्रवाई करने की मांग की गयी है।