- पंचेत में दामोदर का पानी शुद्ध, जामाडोबा में जहरीला
धनबाद। जमशेदपुर (पूर्वी) के एमएलए सरयू राय ने एक्स सीएम रघुवर दास पर जमकर निशाना साधा है। विश्व पर्यावरण दिवस पर धनबाद पहुंचे सरयू राय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं सुपारी नेता हूं, लेकिन गंजेड़ी नेता नहीं हूं।
कोई नहीं कर रहा भ्रष्टाचार खत्म करने की बात
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले रघुवर दास ने धनबाद दौड़े पर आयोजित प्रेस कांफ्रेस में बिना नाम लिये सरयू राय को सुपारी नेता कहा था। रघुवर के जबाव में सरयू राय ने पलटवार करते हुए उन्हें गंजेड़ी नेता कहा है। एमएलए सरयू राय ने धनबाद सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में रघुवर सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कई सवाल किए। उन्होंने कहा कि एक ओर विपक्ष सरकार गिराने में लगा है तो दूसरी ओर सत्ता पक्ष सरकार बचाने में लगा है। इसमें भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कोई नहीं कर रहा है।
ईडी और सीबीआई की जांच पर सवाल खड़े किये
सरयू राय ने ईडी और सीबीआई की जांच पर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि आईएएस पूजा सिंघल के घर से बरामद पैसे के बाद ईडी ने कई जगह रेड की उसमें क्या बरामद हुआ। उसका खुलासा अब तक ईडी ने नहीं किया। वहीं ईडी की जांच अब माइनिंग की ओर जा रही है, जो राज्य सरकार की संस्था है। सीबीआई और ईडी कोयले की चोरी की क्यों नहीं जांच कर रही है। हर जगह कोयले की चोरी हो रही है।ये सब भारत सरकार की सुस्ती के कारण हो रहा है। कोयला भारत सरकार का संसाधन है।
राय की आनेवाली किताब
सरयू राय ने अपने आने वाली नयी किताब का उल्लेख करते हुए कहा कि इस किताब में पिछली सरकार में हुए भ्रष्टाचार का जिक्र है। श्री राय ने कहा कि ईडी और सीबीआई असमंजस की स्थिति में आ गयी है। ईडी जो रास्ता पूजा सिंघल को पकड़ने के लिए अपनाई अब वह रास्ता पिछली सरकार की ओर जाता है। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार में तीन यार की बहुत चर्चा होती थी, रघुवर, राजबाला और पूजा सिंघल। उस समय इन लोगों ने संस्थागत भ्रष्टाचार का पैमाना विकसित किया था। सरकार सिस्टम को नहीं चला रही है , सिस्टम सरकार को चला रही है।
पंचेत में दामोदर का पानी शुद्ध, जामाडोबा में जहरीला
दामोदर नदी प्रदूषण समीक्षा यात्रा 2022 की शुरुआत करने के बाद इसमें शामिल विशेषज्ञों ने दावा किया है कि दामोदर और स्वर्णरेखा नदियों का पानी औद्योगिक कचरे की जगह अब नगरीय कचरे से कहीं ज्यादा प्रदूषित होता जा रहा है। कई जगह इन नदियों का पानी प्रदूषण के खतरनाक स्तर को इस हद तक पार चुका है कि इनका पानी पीना तो दूर, इससे हाथ-पैर तक धोना खतरनाक साबित हो सकता है।धनबाद में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम के संयोजक सरयू राय ने बताया कि जिला के पंचेत से इस यात्रा की शुरुआत की गई। वहां से यह यात्रा सिंदरी टासरा घाट होते हुए जामाडोबा स्थित मटकुरिया और दामोदर नदी के संगम स्थल तक पहुंची। इस बीच यात्रा में शामिल जल विशेषज्ञों ने कई जगह से पानी का नमूना एकत्रित कर उसकी जांच की। राय ने बताया कि पंचेत में पानी सबसे ज्यादा शुद्ध और पीने योग्य पाया गया। वहां ऐसे जलीय जंतु पाए गए जो प्रदूषण की हल्की मात्रा भी बर्दास्त नहीं कर सकते हैं। जबकि जामाडोबा में पानी में नगरीय अपशिष्ट से पैदा हुए इतने खतरनाक बैक्टीरिया पाये गये जो मानव स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है। वहां का पानी इतना जहरीला हो चुका है कि उसमें नहाना भी खतरनाक है।
राय ने विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया कि वहां फिकल कोलीफार्म का स्तर सामान्य से 50 गुणा ज्यादा पाया गया। यह बैक्टीरिया पेट संबंधी कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है। इससे खासकर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की संभावना जताई। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार और उसके अधीन काम करनेवाले नगरीय इकाइयों को दोषी ठहराया। उन्होंने नगरीय अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उचित व्यवस्था कर इसपर काबू पाये जाने की बात कही और बताया कि इसके लिए अब तो केंद्र की सरकार ने भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के अलावा अन्य तरह की व्यवस्था करने के लिए 15वीं वित्त आयोग के माध्यम से भरपूर राशि की व्यवस्था की है।
उल्लेखनीय है कि विश्व पर्यावरण दिवस से शुरू हुई यह यात्रा पाचं जिलों से होते हुए गंगा दशहरा के दिन 9 जून को चूल्हापानी में समाप्त होगी। लातेहार जिला का चूल्हापानी नामक स्थान दामोदर नदी का उद्गमस्थल है।