Jharkhand : धनबाद में 30 करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा का खुलासा, दो आरोपी अरेस्ट

जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआइ) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। आठ शेल कंपनियों के जरिए 170 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जी बिल बनाकर 30 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का गलत तरीके से दावा करने के मामले में धनबाद के दो बिजनसमैन अवनीश जायसवाल और मो. फैजल खान को अरेस्ट किया गया है।

Jharkhand : धनबाद में 30 करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा का खुलासा, दो आरोपी अरेस्ट
जेल भेजे गये दोनों आरोपी।
  • आठ फर्जी कंपनियों से 170 करोड़ का फर्जी लेनदेन दिखाकर सरकार को लगाया चूना
  • गिरफ्तार दोनों आरोपी जमशेदपुर जेल भेजे गये
  • जीएसटी इंटेलिजेंस की बिहार-झारखंड के 10 ठिकानों पर एक साथ एक्शन

जमशेदपुर। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआइ) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। आठ शेल कंपनियों के जरिए 170 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जी बिल बनाकर 30 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का गलत तरीके से दावा करने के मामले में धनबाद के दो बिजनसमैन अवनीश जायसवाल और मो. फैजल खान को अरेस्ट किया गया है।
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डीजीजीआइ की टीम ने आरोपियों अवनीश जायसवाल और मो. फैजल खान को धनबाद से पकड़ने के बाद जमशेदपुर कोर्ट में पेश किया। दोनों 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। डीजीजीआइ, पटना सर्किल ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार और झारखंड में 10 जगहों पर एक साथ रेड की। इस आपरेशन का नेतृत्व अपर महानिदेशक ज्योति कुमार बुबाना कर रहे थे। इस दौरान धनबाद के हीरापुर निवासी अवनीश जायसवाल और मटकुरिया के रहने वाले मो. फैजल खान को अरेस्ट किया गया। ये दोनों बिजनसमैन आठ फर्जी कंपनियों की मदद से एक बड़ा नेटवर्क चला रहे थे। गिरफ्तारी के बाद दोनों को धनबाद से जमशेदपुर लाया गया। मेडिकल जांच कराई गई। इसके बाद उन्हें जमशेदपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से अदालत ने दोनों को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
10 महीने से चल रहा था जीएसटी फर्जीवाड़े का खेल
जीएसटी अफसरों के अनुसार, दोनों आरोपी पिछले 10 महीनों से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे। विभाग को जब इस गैंग की भनक लगी, तो उसने दोनों पर नजर रखनी शुरू कर दी। पुख्ता सबूत मिलने के बाद सोमवार को पूरी योजना के साथ एक ही समय पर बिहार में आठ और झारखंड में दो ठिकानों पर रेड की गयी। टीम ने मौके से कई डिजिटल दस्तावेज जब्त किए और दोनों को गिरफ्तार कर लिया। जांच टीम में अपर निदेशक शेखर खेतान, सहायक निदेशक मनोज कुमार के अलावा जमशेदपुर से अपर निदेशक सार्थक सक्सेना और सहायक निदेशक राजेश रौशन टोप्पनो भी शामिल थे।
स्क्रैप से लेकर कोयले के बिजनस का फर्जी बिल
जांच में पता चला है कि अवनीश और फैजल ने एफके इंटरप्राइजेज समेत कुल आठ शेल यानी कागजी कंपनियां बना रखी थीं। इन कंपनियों के नाम पर वे स्क्रैप, छड़, सीमेंट, कोयला और टीएमटी सरिया जैसे सामानों की फर्जी खरीद-बिक्री के बिल बनाते थे। इन फर्जी बिलों के आधार पर वे सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का दावा कर करोड़ों का चूना लगा रहे थे। अब तक की जांच में 170 करोड़ से अधिक के फर्जी लेनदेन और 30 करोड़ के अवैध आइटीसी क्लेम का मामला सामने आया है।
जांच आगे बढ़ी को कई बड़े नाम आ सकते हैं सामने
जांच टीम ने दोनों के पास से मोबाइल फोन, लैपटाप, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्त किए हैं। अब इन उपकरणों की जांच कर यह पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह ने किन-किन बड़े उद्यमियों को ये फर्जी बिल बेचे हैं।यह भी जांच की जा रही है कि ये फर्जी कंपनियां किन लोगों के नाम पर और किन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बनायी गयी थी। जीएसटी सोर्सेज का मानना है कि इस मामले में कई बड़े और सफेदपोश लोगों के नाम सामने आ सकते हैं, जिन्होंने इन फर्जी बिलों का इस्तेमाल कर टैक्स चोरी की है