Jharkhand: डीएसपी मनोज कुमार सिंह के खिलाफ होगी डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग
झारखंड के हजारीबाग जिले में कंपोजिट कंट्रोल रूम (सीसीआर) के डीएसपी मनोज कुमार सिंह के विरुद्ध डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंगचलेगी। एसपी हजारीबाग की अनुशंसा पर पुलिस हेडक्वार्टर ने भी इसकी स्वीकृति दे दी है। अब होम डिपार्टमेंट इसपर आगे की कार्रवाई करेगा।

- लापरवाही, कर्तव्यहीनता के आरोप
- पुराने केस को हटाने का भी आरोप
रांची। झारखंड के हजारीबाग जिले में कंपोजिट कंट्रोल रूम (सीसीआर) के डीएसपी मनोज कुमार सिंह के विरुद्ध डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंगचलेगी। एसपी हजारीबाग की अनुशंसा पर पुलिस हेडक्वार्टर ने भी इसकी स्वीकृति दे दी है। अब होम डिपार्टमेंट इसपर आगे की कार्रवाई करेगा।
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सीनियर अफसरों की जांच में डीएसपी मनोज कुमार सिंह पर घोर लापरवाही, कर्तव्यहीनता, शिथिलता बरतने, मनमानी करने व अयोग्य पुलिस पदाधिकारी होने के आरोपों की पुष्टि हुई है। डीएसपी पर हजारीबाग जिले के सदर पुलिस स्टेशन एरिया के कोर्रा थाने में दर्ज एक केस को बिना डिस्पोजल किये दैनिक रिपोर्ट से हटाने के आरोपों की भी पुष्टि हुई है। यह केस इसलिए भी चर्चित है, क्योंकि इस केस के पूर्व में आईओ रहे पुलिस इंस्पेक्टर, पुलिस सब इंस्पेक्टर व एएसआइ कुल अफसरों भी कर्तव्यहीनता के दोषी पाये जा चुके हैं। उन सभी आठ जूनियर अफसरों के विरुद्ध पहले से डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग चल रही है।
आठ जूनियर अफसरों पर चल रही है डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग
तत्कालीन एएसआई अशोक कुमार (वर्तमान में एशआइ लातेहार), तत्कालीन एएसआई अजय कुमार सिंह (हजारीबाग), तत्कालीन एसआइ शशि भूषण कुमार (वर्तमान में एसआइ कोडरमा), तत्कालीन एसआइ अजीत कुमार (वर्तमान में एसआइ लातेहार), तत्कालीन एसआइ प्रदीप कुमार (वर्तमान में दारोगा सिमडेगा), तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर गणेश कुमार (वर्तमान में एसीबी रांची), तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर ललित कुमार (वर्तमान में इंस्पेक्टर मुसाबनी) व तत्कालीन एसआइ प्रशांत कुमार मिश्रा (वर्तमान में दारोगा एसआइ)।
यह है मामला
हजारीबाग जिले के कोर्रा पुलिस स्टेशन एरिया में 18 जनवरी 2016 को कांड संख्या 57/2016 में एक महिला ने एफआइआर दर्ज कराई थी। उसने पवन सिंह, कृष्ण कुमार सिंह धीरज के विरुद्ध गाली-गलौज, मारपीट, छेड़खानी व धमकी देने के मामले में नेम्ड एफआइआर दर्ज करायी थी। दोनों आरोपित रिश्ते में पिता-पुत्र हैं, जो कोर्रा पुलिस स्टेशन एरिया के ही हाउसिंग कॉलोनी दीपुगढ़ा के रहने वाले हैं।पीड़िता के पड़ोसी हैं। घटनास्थल पुलिस स्टेशन से एक किलोमीटर की दूरी पर था। आरोप है कि घटना के दिन आरोपितों ने गंदी गालियां दी, जबरन घर में घुसे, उसे बाहर खींचकर ले जाने लगे तो आसपास के लोग व अन्य रिश्तेदारों ने बीच-बचाव कर उसे बचाया। इसके बाद उसने इसकी सूचना अपने पति को दी, जिसके बाद पीड़िता थाने पहुंची और एफआइआर दर्ज करायी।।