- पंचदेव सिंडिकेट पर अफसर मेहरबान
- ईडी व विजीलेंस को की गयी कंपलेन
धनबाद। सेल कोलियरी डिवीजन के चासनाला एवं जीतपुर कोलियरी में होने वाले अंडर ग्राउंड कंट्रेक्ट वर्क पर सिंडिकेट का कब्जा है। अफसरों की मिलीभगत से करोड़ों का वारा न्यारा किया जा रहा है।
बताया जाता है कि वर्ष 2011-12 से कोलियरी के कुछ रिटायर एवं वर्तमानकर्मियों द्वारा पांच सिंडिकेट बनाकर अंडरग्राउंड में संचालित कंट्रेक्ट वर्क पर हावी है। कतिपय यूनियन प्रतिनिधियों ने मामले की कंपलेन ईडी व सीबीआई से करते हुए जांच की मांग की है। आरोप है की क्त कंट्रेक्ट कंपनी कोल माइनिंग एंड डेवलपमेंट कंपनी, स्वास्तिक माइनिंग एंड इंजीनियरिंग, छोटा नागपुर एवं इंडियन माइनिंग एंड इंजीनियरिंग कंपनी तथा निर्मल माइनिंग एंड इंजीनियरिंग का सिंडिकेट बना हुआ है। कोलियरी के कुछ भ्रष्ट अफसरों की मिलीभगत से एक ग्रुप बनाकर अलग-अलग पांच फॉर्म बनाये गये हैं। इसते तहत नोटशीट बनवाकर कंट्रेक्टर वर्क हासिल किये जा रहे हैं। सिंडिकेट की मोनोपाली से कंपनी को गंभीर आर्थिक व प्रोडक्शन की क्षति हो रही है।
आरोप है की उक्त कंट्रेक्ट कंपनी जाली पते पर संचालित हो रहा है। इनका कोई स्थाई पता नहीं है। सभी का पता चासनाला ही दिखाया गया है। इस कारण गवर्नमेंट की रेवन्यू व टैक्स की भी चोरी की जा रही है। सिंडिकेट में शामिल कंट्रेक्टर पाथरडीह और सरायढेला धनबाद में आलीशान भवनों में रहते हैं। चौसनाला में कंट्रेक्ट वर्क का संचालन करते हैं। बताया जाता है कि सेल के चंद भ्रष्ट अफसर इन कंट्रेक्टर का मुंशी मात्र बने हुए हैं। अफसरों को कंट्रेक्टर सिंडिकेट की ओर से फिक्स माहवारी रकम दी जाती है। अभी हाल में ही इन पांचों में से कोल माइनिंग एंड इंजीनियरिंग तथा स्वास्तिक माइनिंग एंड इंजीनियरिंग के नाम से लगभग 50 करोड़ का वर्क ऑर्डर निर्गत हुआ है। आरोप है बिना उचित लाइसेंस एवं अनुमति के ही कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
कुछ यूनियन नेताओं ने इन पांचों फर्म के पिछले कार्यों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है ताकि महारत्न कंपनी सेल में हो रही लूट पर खुलासा हो सके बताया जाता है। आरोप है कि एक कंट्रेक्टर पहले सेल में कार्यरत थे। खुद को डयूटी करने के दौरान हार्ट ऑपरेशन की गंभीर बीमारी का रिपोर्ट बनाकर अपनी जगह बेटे को सेल में नियोजित करवा दिया है।